पंजाब में औद्योगिक क्रांति की उड़ान! ₹438 करोड़ का ‘मेक इन पंजाब’ निवेश, 1,250+ युवाओं के सपनों को नई दिशा
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मान की नीतियों से ऑटो सेक्टर सुपरचार्ज! Happy Forgings का ₹438 करोड़ का मेगा निवेश,1,250 नौकरियों की सौगात!
चंडीगढ़, 14 अक्टूबर 2025: Make in Punjab: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार की उद्योग-अनुकूल नीतियों ने राज्य को तरक्की की नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया है। पंजाब सरकार ने उत्साह के साथ पहले बताया था कि लुधियाना की मशहूर कंपनी हैप्पी फोर्जिंग्स लिमिटेड (HFL) ने ऑटो और वाहन पुर्जों के लिए ₹438 करोड़ का बड़ा ग्रीनफील्ड निवेश करने का फैसला किया है। यह नया कारखाना लुधियाना में बन रहा है और 1,250 युवाओं को नौकरियाँ देगा। यह निवेश पंजाब की ताकत को दिखाता है कि वह बड़े घरेलू निवेश को आकर्षित कर सकता है, ढेर सारी नौकरियाँ पैदा कर सकता है और ऑटो पार्ट्स के कारोबार को मजबूत कर सकता है।
हैप्पी फोर्जिंग्स लिमिटेड (HFL) की शुरुआत 1979 में परितोष कुमार गर्ग ने की थी। पहले यह साइकिल के पैडल बनाती थी, लेकिन अब यह भारत की चौथी सबसे बड़ी फोर्जिंग कंपनी है। इसका मुख्यालय लुधियाना के कांगनवाल रोड पर है, जहाँ यह फोर्जिंग, मशीनिंग, जोड़ना, गर्मी का इलाज और क्वालिटी चेक एक ही जगह करती है। कंपनी गाड़ियों, ट्रैक्टरों, रेलवे और मशीनों के लिए जरूरी पार्ट्स जैसे क्रैंकशाफ्ट, स्टीयरिंग नकल, ट्रांसमिशन शाफ्ट, क्राउन व्हील, पिनियन और फ्रंट एक्सल बीम बनाती है। यह भारत और विदेश की बड़ी कंपनियों जैसे अशोक लेलैंड, आइशर, जेसीबी इंडिया और महिंद्रा को सामान देती है।
इस ₹438 करोड़ के निवेश से लुधियाना में एक नया कारखाना बन रहा है, जो गाड़ियों के लिए हाई-क्वालिटी पार्ट्स जैसे हाई-पावर डीजल इंजनों के क्रैंकशाफ्ट बनाएगा, जिसमें HFL भारत में दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है। यह ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट है, यानी बिलकुल नया कारखाना। इसमें आधुनिक मशीनें जैसे CAD/CAM टूल्स, प्लाज्मा/लेजर कटिंग और CNC मशीनिंग होंगी। यह प्रोजेक्ट 2019 में शुरू हुआ और 2025-2026 तक पूरा होगा। यह 2019 के ₹550 करोड़ के प्लान का हिस्सा है, जो कंपनी की प्रोडक्शन क्षमता को दोगुना करेगा। इससे पंजाब को चंडीगढ़ और दिल्ली-NCR जैसे ऑटो हब के पास होने का फायदा मिलेगा। यह प्रोजेक्ट 1,250 नौकरियाँ देगा, जैसे इंजीनियरिंग, मशीनिंग और क्वालिटी चेक के काम, जिससे युवाओं को नई स्किल्स और लॉजिस्टिक्स जैसे सहायक कामों को बढ़ावा मिलेगा।
HFL की बड़ी योजना में यह निवेश एक हिस्सा है। सितंबर 2025 में उद्योग मंत्री श्री संजीव अरोड़ा ने बताया कि HFL ₹1,000 करोड़ का चरणबद्ध निवेश करेगी, जो 2,000 से ज्यादा नौकरियाँ लाएगा। इसमें ₹650 करोड़ का हिस्सा भारी और इंडस्ट्रियल पार्ट्स जैसे बड़े क्रैंकशाफ्ट, एक्सल, गियर, ऑयल और गैस वाल्व के लिए होगा, जो बिजली, पवन ऊर्जा, खनन, रक्षा और हवाई जहाज जैसे क्षेत्रों में काम आएंगे। इन पार्ट्स का वजन 3,000 किलो तक होगा, जो एशिया में सबसे आधुनिक तकनीक है। HFL ने एक विदेशी कंपनी के साथ हर साल ₹95 करोड़ के पार्ट्स देने का करार किया है, जिसके लिए 2027 से टेस्टिंग शुरू होगी। अभी HFL 4,000 लोगों को नौकरी दे रही है और उसका मौजूदा निवेश ₹1,500 करोड़ है। 2023 में इसकी फोर्जिंग क्षमता 1,07,000 टन और मशीनिंग क्षमता 46,100 टन थी, जिसमें से 63% और 79% इस्तेमाल हो रहा था। पिछले 5 सालों में कंपनी ने 20% की रेवेन्यू ग्रोथ दिखाई, जो ट्रैक्टर, रेलवे, अर्थमूविंग और इलेक्ट्रिक गाड़ियों (EV) की डिमांड से आई। कर्मचारी रेटिंग 3.6/5 है, जो काम और जिंदगी के बैलेंस की तारीफ करती है, लेकिन करियर में बढ़ने के लिए और काम की जरूरत बताती है।
पंजाब पहले खेती के लिए मशहूर था, लेकिन अब यह कारखानों का बड़ा केंद्र बन रहा है। ऑटो और वाहन पुर्जों का कारोबार राज्य की इंडस्ट्री का 15% हिस्सा है। लुधियाना, जिसे 'भारत का मैनचेस्टर' कहते हैं, 500 से ज्यादा ऑटो सहायक इकाइयों का घर है। यहाँ HFL, हीरो मोटोकॉर्प और छोटे कारखाने ट्रैक्टर, टू-व्हीलर, कमर्शियल व्हीकल और EV के लिए पार्ट्स बनाते हैं। 2022 से पंजाब ने ₹50,000 करोड़ से ज्यादा निवेश हासिल किया है, जिसमें ऑटो पार्ट्स सबसे आगे है। HFL का ₹438 करोड़ का प्रोजेक्ट और ₹1,000 करोड़ का बड़ा प्लान लुधियाना को ग्लोबल सप्लाई चेन से जोड़ेगा। यह 'मेक इन इंडिया' और PLI स्कीम से जुड़ता है, जो विदेशी पार्ट्स की जरूरत कम करेगा। HFL पहले से अमेरिका और यूरोप की बड़ी कंपनियों को सामान देती है और USFDA जैसे सर्टिफिकेशन से एक्सपोर्ट बढ़ाएगी। 2025 में भारत का ऑटो पार्ट्स निर्यात 21 बिलियन डॉलर तक पहुँचा, जिसमें पंजाब का बड़ा रोल है।
पंजाब सरकार ने कारोबार को आसान करने के लिए कई कदम उठाए हैं। जमीन के नियमों और डेवलपमेंट शुल्क पर पूरी छूट, फास्टट्रैक पंजाब पोर्टल से एक ही जगह मंजूरी, और छोटे-मझोले कारखानों के लिए ₹200 करोड़ का रिसर्च फंड इसके उदाहरण हैं। 2025-26 के बजट में ऑटो पार्ट्स और टूल्स की ट्रेनिंग के लिए ₹10 करोड़ दिए गए हैं, ताकि EV और नई तकनीक में युवाओं को तैयार किया जाए। लुधियाना के फोकल पॉइंट और कांगनवाल जैसे इलाकों में रेडी फैसिलिटी, बिजली, NH-44 और रेल से कनेक्टिविटी है। इंजीनियरिंग कॉलेज और ITI से कुशल मजदूर मिलते हैं। 740+ आधुनिक इकाइयाँ और दिल्ली-NCR से नजदीकी इसे निवेश का सबसे अच्छा ठिकाना बनाती हैं। हालाँकि, किसान आंदोलन और बिजली की कमी जैसी चुनौतियाँ हैं, लेकिन HFL जैसे निवेश पंजाब की ताकत दिखाते हैं। EV का बढ़ता बाजार नया मौका है, जिसमें HFL हल्के फोर्जिंग पार्ट्स बनाएगी। भविष्य में ग्लोबल ऑटो कंपनियों से टाई-अप होंगे।
उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री संजीव अरोड़ा ने कहा, “पंजाब अब सिर्फ खेती का गढ़ नहीं, बल्कि कारखानों का नया सितारा है। हैप्पी फोर्जिंग्स का ₹438 करोड़ का निवेश और उसका ₹1,000 करोड़ का बड़ा प्लान पंजाब को हाई-टेक उद्योगों का पसंदीदा ठिकाना बनाता है। हमारी सरकार ने कारोबार को आसान बनाया, जिससे निवेशक पंजाब पर भरोसा कर रहे हैं। यह 1,250 नई नौकरियाँ लुधियाना के युवाओं को आर्थिक ताकत और इंजीनियरिंग, मशीनिंग जैसे स्किल सिखाएँगी। HFL जैसे बड़े नाम से पंजाब की ऑटो सप्लाई चेन मजबूत होगी, जिससे छोटे कारखानों को भी फायदा होगा।”
सरकार ने कहा, “हमारी सरकार का सबसे बड़ा मकसद पंजाब के युवाओं को नौकरी देना है। हैप्पी फोर्जिंग्स जैसी मशहूर कंपनी का पंजाब में भरोसा जताना दिखाता है कि हम सही रास्ते पर हैं। हम निवेशकों को वादा करते हैं कि उन्हें हर सरकारी मदद और सुविधा समय पर मिलेगी। पंजाब जल्द ही देश का नंबर वन ऑटो कंपोनेंट्स हब बनेगा।”
यह ग्रीनफील्ड निवेश पंजाब के उद्योगों के लिए नई सुबह ला रहा है। 13-15 मार्च, 2026 को मोहाली में प्रोग्रेसिव पंजाब इन्वेस्टर्स समिट होगा, जो नई तकनीक और हरी ऊर्जा में ₹20,000 करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखता है।