Byju से कंपनी के को-फाउंडर रवींद्रन को बाहर करने की तैयारी, निवेशकों ने रखी ये बड़ी मांग

Byju से कंपनी के को-फाउंडर रवींद्रन को बाहर करने की तैयारी, निवेशकों ने रखी ये बड़ी मांग

Ravindran will part ways with Byju

Ravindran will part ways with Byju

Ravindran will part ways with Byju: मुसीबतों में फंसी कंपनी बायजू (Byju's) अब संकट से बाहर निकलने के लिए बड़ा फैसला लेने जा रही है. एडटेक कंपनी के निवेशक इसके फाउंडर और सीईओ बायजू रविंद्रन (Byju Raveendran) को हटाने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं. गंभीर आर्थिक संकट में फंस चुकी बायजू की लीडरशिप में बदलाव करने के लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं. इस फैसले के लिए बायजू रविंद्रन को कोई वोटिंग राइट नहीं दिए जाएंगे. इसके अलावा कंपनी जनवरी की वेतन देने के लिए भी संघर्ष कर रही है.

बायजू रविंद्रन के नेतृत्व पर उंगली उठा रहे निवेशक 

निवेशक पिछले काफी समय से बायजू रविंद्रन के नेतृत्व पर उंगली उठा रहे हैं. आर्थिक संकट के लिए भी उन्हें ही जिम्मेदार माना जा रहा है. कंपनी का मार्केट कैप घटकर सिर्फ एक बिलियन डॉलर पर आ चुका है. इसके बाद से ही शेयरधारकों में काफी गुस्सा है. उन्होंने नेतृत्व पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. बायजू में लगभग 9 फीसदी के हिस्सेदार प्रोसस वेंचर्स (Prosus Ventures) ने अपने बयान में कहा है कि उन्हें अन्य शेयरधारकों का सपोर्ट हासिल है. इसी लीडरशिप के साथ काम करने से कंपनी के भविष्य पर गहरे सवाल खड़े हुए हैं. 

कंपनी के बोर्ड को करना होगा रीस्ट्रक्चर 

रायटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, निवेशकों ने कंपनी के गवर्नेंस, मैनेजमेंट और वित्तीय रिपोर्टों में देरी पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा है कि हमें कंपनी के बोर्ड का पुनर्गठन करना होगा. इसमें कंपनी के फाउंडर्स के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए. निवेशकों का यह रुख बायजू रविंद्रन के लिए नई चुनौतियां पैदा करेगा. पिछले साल डेलॉयट (Deloitte) ने कंपनी के ऑडिटर के तौर पर अपने संबंध खत्म कर लिए थे. डेलॉयट ने कहा था कि कंपनी का बोर्ड उन्हें जरूरी दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवा रहा है. बायजू ने 31 मार्च, 2022 को खत्म हुए वित्त वर्ष की रिपोर्ट भी 22 महीने की देरी से हाल ही में जारी की थी. इसमें कंपनी को भारी नुकसान हुआ है. 

बायजू के बोर्ड को छोड़ चुके हैं कई निवेशक 

पिछले साल बायजू के बोर्ड से पीक एक्सवी, प्रोसस और चान जकरबर्ग के प्रतिनिधियों ने इस्तीफा दे दिया था. रविंद्रन ने शेयरहोल्डर्स को एक लेटर लिखा था कि यदि कंपनी को थोड़ा पैसा मिल जाए तो वह आगे बढ़ने में पूरी तरह से सक्षम है. हालांकि, कंपनी के वित्तीय हालत ऐसे हैं कि वो समय से लोगों को वेतन भी नहीं बांट पार रहे हैं.

जनवरी की वेतन भी हुई लेट 

मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, बायजू के कर्मचारियों की जनवरी की वेतन भी लेट हो गई है. इस रिपोर्ट पर कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी मुहर लगाई है. उन्होंने कहा है कि निवेशकों के रुख की वजह से वेतन की यह समस्या खड़ी हुई है.

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