Associate Professor: असिस्टेंट प्रोफेसर से एसोसिएट प्रोफेसर के लिए पीएचडी जरूरी

Associate Professor: असिस्टेंट प्रोफेसर से एसोसिएट प्रोफेसर के लिए पीएचडी जरूरी

Associate Professor

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सरकार ने जारी की कालेज शिक्षकों योग्यता अधिसूचना
गर्वमेंट कालेज टीचर एसोसिएशन ने किया विरोध का ऐलान
प्रमोशन के हर स्तर पर होगा साक्षात्कार 

चंडीगढ़। Associate Professor: हरियाणा सरकार द्वारा कॉलेजों तथा विश्वविद्यालयों में शिक्षकों(teachers in universities) एवं अन्य शैक्षणिक स्टाफ की नियुक्ति के लिए संशोधित न्यूनतम योग्यता(revised minimum qualification एवं उच्च शिक्षा में मानकों(standards in higher education) के संबंध में जारी अधिसूचना का विरोध करते हुए हरियाणा गर्वमेंट कालेज टीचर एसोसिएशन ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।  

 एसोसिएशन के राज्य महासचिव और हरियाणा राजकीय महाविद्यालय शिक्षक संघ के संगठन सचिव डॉ. सुनील कुमार ने सोमवार को कहा कि इस अधिसूचना को सरकार ने यूजीसी(UGC) अधिनियम 2018 पर आधारित बताया है,जबकि यह यूजीसी के वर्ष 2018 के अधिनियम की पूरी तरह अवहेलना करता है। 

विभाग के अधिकारी पिछले चार सालों से शिक्षकों को गुमराह करते रहे और अब इसे जारी किया गया तो यूजीसी के 2018 के अधिनियम में जो भी शिक्षक हितैषी प्रावधान थे, वे सब हटा लिए। संघ के अध्यक्ष डॉ. अमित चौधरी ने कहा है कि सातवां वेतन आयोग लागू होते ही यूजीसी(UGC) की सिफारिशों को धता बताते हुए हरियाणा सरकार ने महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों के शिक्षकों को पीएचडी व एमफिल के लिए दी जाने वाली वेतन वृद्धियों को लागू नहीं किया गया है। महासचिव डॉ. प्रतिभा चौहान ने कहा कि नोटिफिकेशन शिक्षकों की सेवाओं व प्रमोशन से जुड़ी प्रक्रिया को शिक्षकों के प्रतिकूल बना रहा है। 

असिस्टेंट प्रोफेसर(Assistant Professor) से एसोसिएट प्रोफेसर(Associate Professor) के लिए पीएचडी की अनिवार्यता और प्रमोशन के हर स्तर पर साक्षात्कार लागू करना इसमें शामिल है।एक तरफ महाविद्यालयों के शिक्षकों को पीएचडी छात्रों को गाइड करने के अवसर नहीं दिए जा रहे, वहीं विश्वविद्यालयों में सीधी प्रोफेसर की भर्ती में पीएचडी छात्रों का मार्गदर्शक होने को अनिवार्य बनाना उनके विकास को अवरोधित करता है। डॉक्टर सुनील कुमार ने कहा कि हरियाणा के महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के शिक्षक इस नोटिफिकेशन को अस्वीकार करते हैं और मांग करते हैं कि इसे वापिस लेकर तुरंत यूजीसी अधिनियम 2018 पर आधारित नोटिफिकेशन जारी किया जाए।

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