सौ बीमारियों की जड़ है कब्ज, आयुर्वेद के इन उपायों से मिलेगी राहत
- By Vinod --
- Friday, 12 Dec, 2025
Constipation is the root cause of a hundred diseases
Constipation is the root cause of a hundred diseases- नई दिल्ली। सुबह पेट साफ न हो तो पूरा दिन भारी लगता है। सिरदर्द, चिड़चिड़ापन, जोड़ों में दर्द, बवासीर, बार-बार बीमार पड़ना ये सब कब्ज की वजह से होते हैं। आयुर्वेद में इसे ‘मलावरोध’ कहते हैं। आयुर्वेद कब्ज से राहत के लिए आसान उपाय सुझाता है।
आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि कब्ज का असली कारण वात दोष का बढ़ना, पाचन अग्नि का मंद पड़ना और शरीर में विषैले तत्व का (आम) जमा होना है। ज्यादा जंक फूड, कम पानी पीना, देर रात खाना, तनाव, व्यायाम न करना और सुबह शौच रोककर रखना कब्ज के सबसे बड़े दुश्मन हैं। जब आंतों में वायु बढ़ती है तो मल सूख जाता है और आसानी से नहीं निकलता। लंबे समय तक ऐसा चलने से विषैले पदार्थ पूरे शरीर में फैल जाते हैं और नई-नई बीमारियां पैदा करते हैं।
आयुर्वेद में कब्ज का इलाज बेहद आसान और बिना साइड इफेक्ट वाला है। रोजाना छोटी आदतों को अपनाने से कुछ ही दिनों में फर्क दिखता है।
रात में सोते समय 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी से लें। इससे सुबह पेट साफ होता है। 1-2 चम्मच इसबगोल की भूसी दूध या पानी में मिलाकर लें, इससे सुबह के समय तकलीफ नहीं होती।
खाने में 1-2 चम्मच देसी घी डालना भी फायदेमंद होता है। सुबह उठते ही 2-3 गिलास गुनगुना पानी पीएं। यह लाभदायी है। रोज पपीता, पका केला, अंजीर, किशमिश, चुकंदर, पालक, चोकर वाला आटा, ओट्स और मोटे अनाज खाने से भी राहत मिलती है।
आयुर्वेद कहता है, "जब पाचन अग्नि तेज होगी, वात संतुलित रहेगा और रोज सुबह पेट साफ होगा, तो न कब्ज रहेगा न कोई और रोग सताएगा।"
कब्ज की समस्या न हो इसके लिए रात में 7-8 बजे तक हल्का खाना खा लेना चाहिए। तला-भुना बिल्कुल बंद कर देना चाहिए।
10-15 मिनट पवनमुक्तासन, वज्रासन, भुजंगासन और मालासन करना भी लाभदायी होता है। तनाव न लें, रोज एक ही समय पर सोएं-उठें और शौच जाएं।
तकलीफ ज्यादा होने पर आयुर्वेदाचार्य को दिखाकर सलाह लेनी चाहिए।