सर्दी-खांसी और जुकाम में चाहिए तुरंत राहत, पिएं ये 5 आयुर्वेदिक काढ़े
- By Vinod --
- Friday, 12 Dec, 2025
If you need instant relief from cold
If you need instant relief from cold- नई दिल्ली। सर्दियों के मौसम में खांसी और जुकाम के कारण अक्सर शरीर थका हुआ महसूस करता है और पूरे दिन की एनर्जी खत्म हो जाती है। नाक बहना, गले में खराश और हल्की बुखार जैसी तकलीफें आम होती हैं। ऐसे में आयुर्वेद के काढ़े बहुत काम आते हैं। ये शरीर को अंदर से गर्म रखते हैं, इम्यूनिटी बढ़ाते हैं और वायरस से लड़ने की शक्ति देते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार, सर्दी और खांसी मुख्य रूप से कफ दोष बढ़ने की वजह से होती है। इसलिए गर्म, तीखे और हल्के रूखे गुण वाले काढ़े कफ को घटाते हैं और तुरंत राहत देते हैं। अदरक, दालचीनी, काली मिर्च और तुलसी कफ को संतुलित करते हैं, वहीं गिलोय और हल्दी शरीर की प्रतिरोधक शक्ति को मजबूत बनाते हैं।
पहला असरदार काढ़ा है अदरक-तुलसी का काढ़ा। अदरक शरीर की जकड़न को कम करता है और सूजन घटाता है और तुलसी इम्युनिटी बढ़ाती है। इसके लिए एक इंच अदरक के टुकड़े और 10-12 तुलसी की पत्तियां दो कप पानी में उबालें। स्वाद के लिए शहद डाल सकते हैं। इसे दिन में 1-2 बार पीना काफी है।
दूसरा काढ़ा है काली मिर्च-लौंग-दालचीनी वाला। यह बहुत गर्म तासीर वाला होता है, जो कफ को पिघलाकर बाहर निकालता है। काली मिर्च वायरस की एक्टिविटी घटाती है, लौंग गले के दर्द में राहत देती है और दालचीनी शरीर को गर्म रखती है।
तीसरा है गिलोय-अदरक काढ़ा। गिलोय आयुर्वेद में अमृत माना जाता है और अदरक के साथ लेने से संक्रमण जल्दी घटता है। चौथा है हल्दी-दूध (गोल्डन मिल्क)। हल्दी एंटीवायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी है, दूध शरीर को आराम देता है और गले की खराश में तुरंत राहत देता है।
पांचवां है मुलेठी-तुलसी काढ़ा। मुलेठी गले की जलन मिटाती है और तुलसी प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाती है।
हालांकि ध्यान रखें कि बहुत गर्म तासीर वाले काढ़े ज्यादा मात्रा में न लें। काढ़े दवा का विकल्प नहीं हैं, लेकिन राहत देने और इम्यूनिटी बढ़ाने में बहुत मदद करते हैं।