UPI में 1 अक्टूबर से नए नियम: पेमेंट रिक्वेस्ट बंद, 5 लाख तक ट्रांजैक्शन और ऑटोपे सुविधा
New rules in UPI from October 1:
New rules in UPI from October 1: डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म UPI में 1 अक्टूबर से कई महत्वपूर्ण बदलाव लागू हो गए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य ऑनलाइन धोखाधड़ी और फिशिंग हमलों पर अंकुश लगाना, सिस्टम को अधिक सुरक्षित और विश्वसनीय बनाना है। इन नए नियमों का सीधा असर UPI उपयोगकर्ताओं के लेनदेन की आदतों पर पड़ेगा।
सबसे बड़ा बदलाव 'पेमेंट रिक्वेस्ट' या 'P2P कलेक्ट फीचर' को UPI ऐप्स से हटाना है। अब उपयोगकर्ता सीधे UPI ऐप्स के माध्यम से पैसे मांगने की रिक्वेस्ट नहीं भेज पाएंगे। यह सुविधा अक्सर जालसाजों द्वारा फर्जी रिक्वेस्ट भेजकर धोखाधड़ी करने का एक जरिया बन जाती थी। नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने इस खतरे को देखते हुए यह कदम उठाया है।
जहां एक ओर कुछ सुविधाओं को सीमित किया गया है, वहीं दूसरी ओर उपयोगकर्ताओं को एक बड़ी राहत भी मिली है। अब UPI के जरिए एक बार में 5 लाख रुपये तक का लेनदेन किया जा सकेगा, जबकि पहले यह सीमा केवल 1 लाख रुपये तक सीमित थी। यह बदलाव उन लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है जो शिक्षा शुल्क, चिकित्सा बिल या बड़ी खरीदारी जैसे बड़े डिजिटल लेनदेन करते हैं।
इसके अतिरिक्त, UPI पर एक और उपयोगी फीचर 'ऑटोपे' सक्रिय कर दिया गया है। इस सुविधा के तहत, उपयोगकर्ता सब्सक्रिप्शन-आधारित भुगतान, EMI, बीमा प्रीमियम या बिजली-पानी जैसे बिलों के लिए पहले से अधिकृत ऑटो डेबिट सेट कर सकते हैं। इससे हर बार OTP या मैन्युअल हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे भुगतान समय पर और बिना किसी परेशानी के पूरे हो सकेंगे।