चंडीगढ़ में कूड़ा फैलाने पर ढोल बजवाने को लेकर बवाल; लोग बोले- क्यों न अधिकारियों के घर ढोल बजे, मेयर के घर के बाहर हुआ तमाशा
Chandigarh Big Controversy Over Drum Beat For Garbage
Chandigarh News: सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ में सफाई को लेकर लिए गए नगर निगम के एक अनूठे फैसले ने बड़ा बवाल खड़ा कर दिया। फैसला था कि जो भी खुले में इधर-उधर कूड़ा फैलाएगा, उसके घर के बाहर निगम की टीम ढोल लेकर पहुंचेगी। इस बीच सबके सामने शर्मिंदा करने के लिए ढोल भी बजेगा और साथ में चालान भी कटेगा। यानि सरेआम शर्मसार भी किया जाएगा और कूड़ा फैलाने के लिए कार्रवाई अलग। लेकिन कुछ दिनों के भीतर अब लोगों के विरोध और राजनीति गर्म होते देख निगम का यह फैसला बैकफुट पर दिख रहा है।
दरअसल निगम के इस फैसले से लोग भड़क उठे हैं और साथ ही शहर के तमाम विपक्षी नेताओं ने बीजेपी मेयर हरप्रीत कौर बबला की इस पर घेराबंदी भी की है। इस बीच बुधवार सुबह मेयर हरप्रीत कौर बाबला के घर के बाहर जमकर तमाशा भी चला। कांग्रेस महिला नेता ममता डोगरा ने मेयर हरप्रीत कौर बबला के घर पहुंचकर न केवल ढोल बजवाया बल्कि उन्हें कचरे से भरा लिफाफा भी थमाया। इस दौरान ममता डोगरा की मेयर के पति देवेंद्र बबला से जमकर बहस भी हुई। जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है।
वहीं ममता डोगरा ने मेयर के इस्तीफे की मांगे की तो देवेंद्र बबला ने कहा कि आप कौन होते हो कुर्सी छुड़वाने वाले? यह कमिश्नर का आदेश है। इस पर ममता डोगरा ने पूछा कि मेयर के कहे बगैर कमिश्नर की तरफ से ऐसा आदेश कैसे जारी हो सकता है? यहां आपको यह भी बता दें कि, बढ़ते विवाद को देखते हुए मेयर मंगलवार को निर्देश दे चुकी हैं कि सार्वजनकि जगह पर कूड़ा फैंकने वालों के घर ढोल नहीं बजेगा, केवल उनके चालान किये जाएंगे।
यह सार्वजनिक बेइज़्ज़ती
इधर सीनियर डिप्टी मेयर जसबीर सिंह बंटी ने इसे सार्वजनिक बेइज़्ज़ती कहा और दो टूक बोला कि यह फैसला वापस लेना होगा, क्योंकि किसी को अपमानित करना अधिकारों का दुरुपयोग है। वहीं इसकी शिकायत प्रशासक तक पहुंचाई गई है और कहा गया है कि यह कार्रवाई कानून से हटकर लोगों को अपमानित करने के लिए की जा रही है। फिलहाल निगम के इस फैसले को लेकर राजनीति गर्म है और मेयर पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
क्यों न अधिकारियों के घर ढोल बजे?
शहर में लोगों की ओर से भी चेतावनी दी गई है कि फैसला न बदला तो हम भी ढोल बजाएँगे। सोशल मीडिया पर आवाज उठती देखी गई क्यों न उन अधिकारियों के घर ढोल बजे? जो शहर में टूटी सड़कों के लिए जिम्मेदार हैं और लापरवाह हैं। क्यों न उन अधिकारियों के घर ढोल बजे जिन्होंने शहर का बुरा हाल कर रखा है। क्यों न उन अधिकारियों के घर ढोल बजे? जो गलियों में कूड़े के ढेर लगे हैं और इसे वह देख नहीं रहे। लोगों ने कहा कि निगम ही कूड़ा उठाने नहीं आता है तो क्या किया जाये? यह किसका कूड़ा है और इस पर क्या कार्रवाई है?
फैसले पर मेयर ने क्या कहा?
बढ़ते जनविरोध के बीच मेयर हरप्रीत कौर बबला ने ढोल बजाने के फैसले पर कहा कि इस फैसले का उद्देश्य केवल लोगों को जागरुक करना था। पब्लिक शेमिंग कतई नहीं लेकिन फिर भी लोगों को अगर यह तरीका पसंद नहीं तो फैसले पर विचार भी किया जाएगा। बताया जा रहा है कि मंगलवार को कई लोगों के कूड़ा गिराने के वीडियो व फोटो नागरिकों ने भेजे लेकिन उनके घर न तो ढोल बजा और न ही चालान काटा गया।
निगम ने 250 रुपये इनाम भी रखा
बता दें कि बीते शनिवार की सुबह निगम कमिश्नर अमित कुमार ने एक चौंकाने वाला आदेश जारी किया था कि जो सडक़ों पर कूड़ा फेंकेगा उसे उसका ही कूड़ा घर लौटेगा, साथ में ढोल की थाप भी। एक नंबर जारी करते हुए कहा लोगों से कहा गया था कि वे ऐसे कूड़ा-फेंक नागरिकों की तस्वीरें व्हाट्सऐप पर भेजें और इनाम में 250 रुपये पाएं। फैसला आते ही कूड़ा फेंकने वाले घरों के बाहर ढोल बजने शुरू हो गए।
रिपोर्ट- साजन शर्मा