Bapu Asaram's son Narayan Sai: बापू आसाराम के बेटे नारायण साई को पानीपत कोर्ट में 6 घंटे क्यू रहना पड़ा खड़ा

Bapu Asaram's son Narayan Sai: बापू आसाराम के बेटे नारायण साई को पानीपत कोर्ट में 6 घंटे क्यू रहना पड़ा खड़ा

Bapu Asaram's son Narayan Sai

Bapu Asaram's son Narayan Sai: बापू आसाराम के बेटे नारायण साई को पानीपत कोर्ट में 6 घंटे क्यू रहना प

पानीपत (मदन बरेजा) । Bapu Asaram's son Narayan Sai:  पानीपत  में आसाराम केस में गवाह महेंद्र चावला पर जानलेवा हमले के आरोप में बापू आशाराम के सपुत्र नारायण साई की कोर्ट में पेशी हुई। पेशी के दौरान नारायण साईं शुक्रवार को करीब 6 घंटे तक पानीपत कोर्ट में रहे। नारायण साईं को सुबह करीब 11 बजे जज निशांत शर्मा की कोर्ट में पेश किया गया।    
                मामला आसाराम और नारायण साई के खिलाफ गवाही देने वाले पानीपत के महेंद्र चावला पर जानलेवा हमले का है। नारायण साई पर 120बी षड़यंत्र रचने के तहत और शूटर कार्तिक पर धारा 307, 452 के तहत केस चलेगा। अब 20 सितंबर को गवाही होगी। करीब छह घंटे तक पानीपत कोर्ट में इस केस की सुनवाई चली।
कोर्ट ने किये फ्रेम चार्ज

        7 साल में दूसरी बार नारायण साई को सूरत जेल से पानीपत कोर्ट में पेशी पर लाया गया। आरोपियों के खिलाफ दर्ज मामले के अनुसार 13 मई 2015 को राजदार महेंद्र चावला पर जानलेवा हमला करवाया गया था। आसाराम के बेटे नारायण साई मामले में मुख्य गवाह महेंद्र चावला को पानीपत में गोली मारी गई थी। वही नारायण साई के कोर्ट में पेशी को लेकर पुलिस अलर्ट दिखी। कोर्ट परिसर के चप्‍पे-चप्‍पे पर पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। पूरे परिसर में 150 से ज्‍यादा पुलिसकर्मी तैनात दिखाई दिए। किसी को भी बिना तलाशी और इजाजत के अंदर नहीं जाने दिया गया। हर संदिग्‍ध पर नजर रखी गई । साथ ही सीसीटीवी पर भी पुलिस ने नजर बनाकर रखी ।
         
          

अब 20 से चलेगा ट्रायल
      पानीपत कोर्ट में पेशी की सूचना मिलने पर सुबह ही अनुयायी आसपास के राज्यो और जिलों से कोर्ट के आसपास पहुंच गए थे। नारायण साई को देखते ही अनुयायी हाथ जोड़ते नजर आए। इस दौरान पुलिस ने कोर्ट परिसर से उन्‍हें दूर ही रखा। आपको बता दे कि पानीपत के सनौली खुर्द गांव के रहने वाले महेंद्र चावला कभी आसाराम के बेटे नारायण साई के पीए थे। महेंद्र चावला की वजह से नारायण साई सलाखों के पीछे पहुंचा। महेंद्र चावला साल 1996 में आसाराम से प्रभावित होकर उनका शिष्‍य बने थे। उनसे गुरु दीक्षा लेकर शादी भी नहीं की थी। उन्‍होंने आसाराम और उसके बेटे नारायण साई का 2015 में साथ छोड़कर सजा दिलाने की ठानी। 

       गौरतलब है कि आसाराम बापू के बेटे नारायण साईं के विश्वस्त महेंद्र चावला दुष्‍कर्म केस में मुख्य गवाह थे। उन्हें गवाही देने से रोकने के लिए 13 मई 2015 में घर में घुसकर दो बदमाशों ने गोलियां बरसाईं। एक गोली उन्हें लगी, लेकिन वह छत से कूद गए और उनकी जान बच गई। इस हमले के बाद भी वह विचलित नहीं हुए और मार्च 2016 में नारायण साईं के खिलाफ कोर्ट में गवाही दी।