Mass marriage organized in the holy company of Nirankari Satguru

निरंकारी सतगुरु के पावन सानिध्य में सामूहिक विवाह का आयोजन

Mass marriage organized in the holy company of Nirankari Satguru

Mass marriage organized in the holy company of Nirankari Satguru

Mass marriage organized in the holy company of Nirankari Satguru- प्रयागराज के परेड मैदान में आयोजित 44वें निरंकारी प्रान्तीय संत समागम के पहले दिन आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम में सद्गुरू माता जी ने कहा कि गृहस्थ जीवन में सत्संग, सेवा, सिमरण करते हुए निराकार प्रभू को तो प्राथमिकता देनी ही है, साथ ही घर-परिवार की जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए आध्यात्मिक पहलू भी मजबूत बनाए रखना है। निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने कहा कि परिवार की एकता आपसी विश्वास, परस्पर प्रेम और मिलवर्तन की भावना से मजबूत होती है। हमें एक दूसरे के सुख और दुःख में भी पूरी मजबूती के साथ जुड़े रहना है।

नव विवाहित जोड़ों को सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने अपनी दिव्य वाणी द्वारा आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि आज इस समारोह में वर एवं वधू के परिणय सूत्र में बंधने से दोनों ओर के परिवारों का मिलन हुआ है। अब दोनों ने एक-दूसरे के परिवार को अपनाना है। आपस में ताल मेल रखते हुए प्रेम, नम्रता एवं सद्व्यवहार आदि दिव्य गुणों को अपनाकर जीवन में आने वाली जिम्मेदारियों को मिलजुल कर निभानी है।

निरंकारी मिशन के सामूहिक विवाह कार्यक्रम के अंतर्गत 48 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे। सादगीपूर्वक ढंग से आयोजित इस समारोह का शुभारंभ निरंकारी मिशन के पारंपरिक ‘जयमाला एवं सांझा हार से हुआ। भक्ति संगीत के साथ 4 प्रणों में निरंकारी लावां पढ़ा गया एवं हर लावां के अंत में सतगुरु माता सुदीक्षा जी एवं निरंकारी राजपिता रमित जी एवं अन्य श्रद्धालु भक्तों द्वारा इन नव परिणीत जोड़ों पर फूलों की वर्षा की गई।

समारोह की विशेषताएं –

सादा शादियों का ये अनूठा रूप था जहां जाति पाति, वेशभूषा, बोली भाषा एवं प्रांतों से ऊपर उठकर 48 जोड़े एक ही प्रांगण में निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी एवं निरंकारी राजपीता जी के सानिध्य में परिणय सूत्र में बंधे।