Kedarnath Dham Landslide: केदारनाथ धाम की यात्रा में बड़ा हादसा; पहाड़ से अचानक गिरे पत्थर, पैदल मार्ग पर इतने श्रद्धालुओं की मौत

केदारनाथ धाम की यात्रा में बड़ा हादसा; पहाड़ से अचानक गिरे पत्थर, पैदल मार्ग पर इतने श्रद्धालुओं की मौत, पुलिस ने घायलों को रेस्क्यू किया

Kedarnath Dham Landslide

Kedarnath Dham Landslide Near Jangalchatti Walking Path Rudraprayag

Kedarnath Dham Landslide: केदारनाथ धाम की यात्रा में एक बार फिर बड़ा हादसा हुआ है। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में जंगलचट्टी के पास पैदल मार्ग पर अचानक लैंडस्लाइड होने से श्रद्धालु मलबा और पत्थरों की चपेट में आ गए। इस हादसे में 2 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। जबकि 3 श्रद्धालु घायल बताए जा रहे हैं, जिन्हें रेस्क्यू कर इलाज के लिए गौरीकुंड भेजा गया है। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और DDRF के जवानों ने तुरंत मौके पर प्रभावित श्रद्धालुओं को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था।

बताया जाता है कि, आज बुधवार सुबह 11 बजे के करीब यह हादसा हुआ। रुद्रप्रयाग पुलिस ने बताया कि श्रद्धालु केदारनाथ धाम के पैदल यात्रा मार्ग पर आगे बढ़ रहे थे। इसी बीच जंगलचट्टी के पास ऊपर पहाड़ से अचानक मलबा और पत्थरों के गिरने से कुछ यात्री व डंडी/कंडी वाले चपेट में आ गए। जिसके बाद स्थानीय पुलिस और DDRF टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर घायलों का रेस्क्यू किया। दुर्भाग्यवश 2 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। मृतकों की पहचान की जा रही है।

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अभी यात्रा सामान्य रूप से जारी

रुद्रप्रयाग पुलिस ने बताया कि, जंगलचट्टी के पास भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र सहित सम्पूर्ण पैदल मार्ग में यात्रा सुचारु ढंग से जारी है। पैदल आवागमन कर रहे श्रद्धालुओं को सलाह है कि उन्हें अतिरिक्त सतर्कता बरतनी होगी। पुलिस ने कहा कि, मौसम पूर्वानुमान सहित पैदल मार्ग में देखभाल कर ही करें सफर। श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि पर्वतीय मार्गों पर विशेष सावधानी बरतें व प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।

11 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने केदारनाथ के दर्शन किए

केदारनाथ धाम की यात्रा 2 मई से शुरू हो चुकी है। ऐसे में देशभर से लोग बाबा केदार के दर्शन करने पहुंच रहे हैं। रुद्रप्रयाग पुलिस ने बताया कि, केदारनाथ धाम यात्रा सकुशल चल रही है और केदारनाथ धाम मन्दिर दर्शन व्यवस्था भी दुरुस्त है। अब तक 11 लाख से अधिक (11,18,399) श्रद्धालुओं ने केदारनाथ धाम के दर्शन कर लिये हैं। केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

दिवाली तक केदारनाथ के दर्शन कर सकेंगे लोग

दिवाली तक केदारनाथ के दर्शन के लिए कपाट खुले रहेंगे। ऐसे में शिव भक्त अगले 6 महीने तक दर्शन कर सकते हैं। वहीं जून से अगस्त के बीच मौसम ठीक रहा तो इस बार 25 लाख से ज्यादा लोगों के केदारनाथ धाम पहुंचने का अनुमान है। आपको बता दें कि, केदारनाथ धाम के साथ-साथ गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट भी खुल चुके हैं। 30 अप्रैल (अक्षय तृतीया) से चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है। वहीं बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई की सुबह 6.00 बजे खोले गए हैं।

केदारनाथ सहित चार धाम यात्रा के लिए पंजीकरण जरूरी

अगर आप केदारनाथ सहित चार धाम यात्रा पर जाना चाहते हैं तो आपको इसके लिए अपना पंजीकरण कराना जरूरी है. आप संबन्धित आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपने आप को पंजीकृत कर सकते हैं। बता दें कि, चार धाम की यात्रा के दौरान आपको हेलीकॉप्टर की सुविधा भी मिलती है। इसके लिए पहले से ही बुकिंग करानी पड़ती है। लेकिन आपको यह सलाह है कि चार धाम यात्रा का पंजीकरण कराते समय सतर्क रहें। आप ऑनलाइन ठगी का शिकार भी हो सकते हैं।

भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ धाम

भगवान शिव के केदारनाथ धाम की महिमा अद्भुत और अलौकिक है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में एक केदारनाथ धाम है। यहां भगवान भोलेनाथ 5वें ज्योतिर्लिंग के रूप में विराजमान हैं। ऐसी मान्यता है कि यहीं पर भगवान शिव ने पांडवों को बैल के रूप में दर्शन दिए थे। केदारनाथ मंदिर का निर्माण पांडव राजा जनमेजय ने करवाया था। वहीं 8वीं और 9वीं सदी में जगतगुरु आदि शंकराचार्य ने इस भव्य मंदिर का जिर्णोद्धार निर्माण कराया था।

केदारनाथ जल प्रलय याद है

आपको याद है कि किस तरह से साल 2013 में 16-17 जून की रात को बादल फटने की वजह से केदारनाथ में जल प्रलय हुई थी। इस जल प्रलय में नदियों में विहंगम उफान के साथ तमाम पहाड़ भी टूटे थे। जिन्होंने पानी के साथ बहकर भारी तबाही मचाई थी। केदारनाथ जल प्रलय में पानी और बड़े-बड़े पत्थरों की चपेट में आकर सैकड़ों लोग मारे गए थे। यह जल प्रलय ऐसी थी कि मकान और वाहन कागज़ की तरह पानी में बहते नजर आ रहे थे।

हालांकि, भयानक जल प्रलय से भी केदारनाथ मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुंच सका था। मगर इस जल प्रलय के बाद केदारनाथ धाम को दोबारा बनाना पड़ा। वहां फिर से व्यवस्थाएं स्थापित करनी पड़ीं। आज भी जब केदारनाथ धाम की वो रात याद आती है तो लोग कांप जाते हैं। इस आपदा के बाद धाम में लोगों की संख्या में कमी भी देखी गई थी। लेकिन अब फिर से लोग बड़ी संख्या में बाबा केदार के दर पर पहुंच रहे हैं।