Changing Mahatma Gandhi's name is BJP's petty mentality: महात्मा गांधी का नाम बदलना बीजेपी की ओछी मानसिकता: मनरेगा का नाम बदलने पर कांग्रेस ने उठाया सवाल

महात्मा गांधी का नाम बदलना बीजेपी की ओछी मानसिकता: मनरेगा का नाम बदलने पर कांग्रेस ने उठाया सवाल

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Changing Mahatma Gandhi's name is BJP's petty mentality:

कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने मनरेगा (MGNREGA) योजना का नाम बदलने पर बीजेपी की कड़े शब्दों में आलोचना की है। उन्होंने कहा कि यह बीजेपी की नकारा राजनीति को दर्शाता है। इससे स्पष्ट है कि बीजेपी काम में नहीं बल्कि नाम बदलने में विश्वास रखती है। ये सरकार सिर्फ योजनाओं के नाम बदलकर श्रेय लेना चाहती है, क्योंकि काम करना इसके बस की बात नहीं है। 

सांसद दीपेंद्र संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि ‘काम किसी का, नाम किसी का’ बीजेपी की नीति बन गई है। बीजेपी के भीतर झूठा श्रेय लेने की ऐसी तलब है कि ये कल को ताजमहल को बनवाने का भी दावा कर सकती है। 

इस मौके पर कांग्रेस सांसद वरुण चौधरी ने भी सरकार द्वारा मनरेगा (MGNREGA) का नाम बदलने के प्रस्ताव की आलोचना की। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत, 100 दिनों की रोजगार गारंटी की योजना थी। लेकिन जब उन्होंने हरियाणा के बारे में सवाल पूछताछ तो बताया गया कि इसके तहत आठ लाख से अधिक लोग पंजीकृत हैं और 100 दिनों का रोजगार केवल 2100 लोगों को मिला। आठ लाख से अधिक मजदूरों में से केवल 2100 लोगों को 100 दिनों का काम मिलना बताता है कि बीजेपी इस योजना को खत्म करने की कगार पर पहुंच गई है।

योजना में सक्रिय मजदूरों के लिए मुआवजे का प्रावधान है। यदि उन्हें एक वर्ष में 100 दिनों का रोजगार न मिले, तो उन्हें मुआवजा देना होता है। लेकिन पिछले पांच वर्षों में किसी को भी कोई मुआवजा नहीं दिया गया।