Congress Senior Observers: पंजाब पूर्व CM चरणजीत चन्नी को बड़ी जिम्मेदारी; कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर में सीनियर ऑब्जर्वर बनाया
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पंजाब के पूर्व CM चरणजीत चन्नी को बड़ी जिम्मेदारी; कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर में सीनियर ऑब्जर्वर बनाया, हिमाचल डिप्टी CM को भी..

Jammu Kashmir Vidhan Sabha Chunav 2024 Congress Appointed Senior Observers

Jammu Kashmir Vidhan Sabha Chunav 2024 Congress Appointed Senior Observers

Congress Appoints Senior Observers: कांग्रेस ने हरियाणा के साथ जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर भी पूरा जोर लगा रखा है। पार्टी ने अब जम्मू-कश्मीर में चुनाव के लिए 2 सीनियर ऑब्जर्वर नियुक्त किए हैं। कांग्रेस ने जहां पंजाब के पूर्व CM व जालंधर से लोकसभा सांसद चरणजीत चन्नी को सीनियर ऑब्जर्वर बनाया है तो वहीं हिमाचल के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री को भी जम्मू-कश्मीर में सीनियर ऑब्जर्वर नियुक्त किया गया है। दोनों नेता कांग्रेस के लिए जम्मू-कश्मीर में चुनाव पर नजर रखने के साथ संबन्धित जिम्मेदारी संभालेंगे।

Jammu Kashmir Vidhan Sabha Chunav 2024 Congress Appointed Senior Observers

 

जम्मू-कश्मीर में 3 फेज में वोटिंग

चुनाव आयोग ने 16 अगस्त को हरियाणा के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की घोषणा की थी। चुनाव आयोग के शेड्यूल के मुताबिक, हरियाणा में 1 फेज और जम्मू-कश्मीर में 3 फेज में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होगी। जबकि दोनों विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती 8 अक्तूबर को की जाएगी। यानि इस दिन रिजल्ट की घोषणा होगी।

जम्मू-कश्मीर में पहले फेज की वोटिंग

जम्मू-कश्मीर में पहले फेज के लिए 20 अगस्त को नामांकन की अधिसूचना जारी की जाएगी। जिसमें नामांकन की लास्ट डेट 27 अगस्त होगी। वहीं चुनाव के लिए दाखिल नामांकनों की छटनी 28 अगस्त को की जाएगी। जबकि 30 अगस्त तक उम्मीदवार अपना नामांकन वापस ले सकेंगे। वहीं पहले फेज में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 18 सितंबर को होगी।

जम्मू-कश्मीर में दूसरे फेज की वोटिंग

जम्मू-कश्मीर में दूसरे फेज के लिए 29 अगस्त को नामांकन की अधिसूचना जारी की जाएगी। जिसमें नामांकन की लास्ट डेट 5 सितंबर होगी। वहीं चुनाव के लिए दाखिल नामांकनों की छटनी 6 सितंबर को की जाएगी। जबकि 9 सितंबर तक उम्मीदवार अपना नामांकन वापस ले सकेंगे। वहीं दूसरे फेज में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 25 सितंबर को होगी।

जम्मू-कश्मीर में तीसरे फेज की वोटिंग

इसी प्रकार जम्मू-कश्मीर में तीसरे फेज में 5 सितंबर को नामांकन के लिए अधिसूचना जारी की जाएगी। जिसमें नामांकन की लास्ट डेट 12 सितंबर होगी। वहीं चुनाव के लिए दाखिल नामांकनों की छटनी 13 सितंबर को की जाएगी। जबकि 17 सितंबर तक उम्मीदवार अपना नामांकन वापस ले सकेंगे। वहीं तीसरे फेज में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 1 अक्टूबर को होगी।

जम्मू-कश्मीर में कितने पोलिंग स्टेशन और कितने वोटर

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि, जम्मू-कश्मीर के 20 जिलों में 90 विधानसभा सीटों के लिए वोटिंग होगी। इन 90 सीटों में 74 जनरल, 9 ST और 7 SC सीटें हैं। वहीं जम्मू-कश्मीर में कुल वोटरों की संख्या 87.09 लाख है। इन कुल वोटरों में 44.46 लाख पुरुष और 42.62 लाख महिला वोटर शामिल हैं।

वहीं जम्मू-कश्मीर में युवा वोटरों (उम्र-20 से 29) की संख्या 20 लाख से ज्यादा है। जबकि फ़र्स्ट टाइम वोटरों (उम्र-18 से 19) की संख्या 3.71 लाख है। इसके साथ ही पीडबल्यूएस, बुजुर्ग और थर्ड जेंडर वोटर भी शामिल हैं। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में 9 हजार 169 लोकेशन पर 11 हजार 838 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। जहां लोग वोट डालने के लिए आएंगे।

धारा 370 हटने के बाद पहला विधानसभा चुनाव

जम्मू-कश्मीर में लास्ट विधानसभा चुनाव 2014 में हुआ था। तब जम्मू-कश्मीर में मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व में पीडीपी-बीजेपी गठबंधन सरकार बनी थी। लेकिन बीजेपी के फैसलों से मतभेदों के चलते यह गठबंधित सरकार जून 2018 में गिर गई। जिसके बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग हो गई। वहीं इसके बाद केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को संसद में प्रस्ताव लाकर धारा-370 को निरस्त कर दिया था। साथ ही राज्य को 2 हिस्सों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था और दोनों को केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया था।

केंद्र सरकार द्वारा ऐसा किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के नेताओं में खलबली मच गई थी। फिलहाल 10 साल के अंतराल के बाद अब जम्मू-कश्मीर में फिर से विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। वहीं धारा 370 हटने के बाद अब जम्मू-कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव होगा। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर को जल्द ही पूर्ण राज्य का दर्जा भी मिलेगा। मालूम रहे कि, पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को 30 सितंबर, 2024 तक केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया था।

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बड़ी चुनौती

पाकिस्तान से सटे और आतंकियों के साये के चलते जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बड़ी चुनौती है। खासकर उत्तरी कश्मीर के जिलों में चुनाव संपन्न कराना सबसे बड़ी चुनौती है। यहां के कई इलाके संवेदनशील हैं। 14 अगस्त को चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला के साथ बैठक की थी। वहीं इससे पहले मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयोग के प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू-कश्मीर में दौरा करके चुनाव तैयारियों की समीक्षा की थी।