करोड़ों गिग वर्कर्स को सरकार का तोहफा चार लेबर कोड लागु

Government's Gift to Crores of Gig Workers

Government's Gift to Crores of Gig Workers

देश के लाखों श्रमिकों और उद्योगों के लिए खुलेंगे नए रास्ते - श्रम मंत्री मनसुख मांडविया

Government's Gift to Crores of Gig Workers: 21 नवंबर से देश में चार नए लेबर कोड लागु हो गए हैं—इसी दृष्टिकोण से सरकार ने 29 अलग-अलग श्रम कानूनों को चार सर्वसमावेशी श्रम संहिताओं में समाहित कर एक ऐतिहासिक कदम उठाया। वेतन संहिता (2019), औद्योगिक संबंध संहिता (2020), सामाजिक सुरक्षा संहिता (2020), और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्यस्थल स्थिति संहिता (2020)—इन सभी का उद्देश्य श्रमिकों को सुरक्षा, सम्मान, स्वास्थ्य और कल्याणकारी उपायों तक आसान और प्रभावी पहुँच देना है।

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन्हें “आजादी के बाद सबसे बड़े और प्रगतिशील श्रम सुधार” बताया है। सच कहा जाए तो ये बदलाव लंबे समय से जरूरी थे। पहले श्रम से जुड़े 29 अलग-अलग कानून थे, जिनमें कई पुराने और जटिल हो चुके थे। नई संहिताएँ इन सभी को मिलाकर एक आसान और साफ व्यवस्था तैयार करती हैं। इससे न सिर्फ श्रमिकों को फायदा होगा, बल्कि नियोक्ताओं और उद्योगों के लिए भी नियम समझना और पालन करना आसान होगा।

इन नए कोड्स की सबसे बड़ी खासियत है कि ये सभी श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं। आधार से जुड़ा यूनिवर्सल अकाउंट नंबर मिलने से मजदूरों को लाभ कहीं भी, कभी भी मिल सकेगा—चाहे वे किसी भी राज्य में काम कर रहे हों। आज के समय में तेजी से बढ़ रहे गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स—जैसे ऐप-आधारित डिलीवरी बॉय, ड्राइवर आदि—को भी पहली बार कानून में पहचान और सुरक्षा मिली है।

उद्योगों के लिए भी इन सुधारों से कामकाज सरल होगा। नियम एक जैसे और स्पष्ट होने से कारोबार करना आसान होगा और नए निवेश को बढ़ावा मिलेगा। वहीं, श्रमिकों के लिए सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम की परिस्थितियों से जुड़े प्रावधान पहले की तुलना में अधिक मजबूत किए गए हैं। बागान मजदूर जैसे कई उपेक्षित वर्गों को भी अब बेहतर सुरक्षा मिलेगी। हालाँकि इन सुधारों की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि राज्यों में इनके नियम कितनी तेजी और प्रभावी तरीके से लागू किए जाते हैं। केंद्र सरकार राज्यों की मदद कर रही है, लेकिन जमीन पर बेहतर तालमेल जरूरी है।

इन नई श्रम संहिताओं से उम्मीद है कि भारत में रोजगार का माहौल और बेहतर होगा। अगर इन्हें सही ढंग से लागू किया गया, तो ये सुधार न सिर्फ उद्योगों को मजबूती देंगे बल्कि करोड़ों श्रमिकों को भी सुरक्षित और सम्मानजनक भविष्य प्रदान करेंगे। ये आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक अहम कदम हैं।

श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि भारत आज जब आत्मनिर्भर और समावेशी विकास की ओर अग्रसर है, तब श्रमिकों को केंद्र में रखकर किए गए ये सुधार न केवल वर्तमान अर्थव्यवस्था को मजबूती देते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक स्थायी और न्यायसंगत श्रम ढांचा तैयार करते हैं। नए लेबर कोड श्रमिकों के कल्याण के लिए ऐतिहासिक निर्णय है, जो विकसित भारत के लक्ष्य को गति देगा।