जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ तीर्थयात्रियों के साथ हादसा; ब्रेक नहीं लगने से बस एक्सीडेंट का शिकार, काफिले की 4 अन्य बसें भी चपेट में आईं

Amarnath Pilgrims Bus Accident In Ramban Near Chandrakot

Amarnath Pilgrims Bus Accident In Ramban Near Chandrakot

Amarnath Pilgrims Bus Accident: इस साल की अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra 2025) शुरू हो गई है। तीर्थयात्रियों का पहला जत्था 2 जुलाई को रवाना किया गया था। इसी के साथ लगातार तीर्थयात्रियों को बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए भेजा जा रहा है। लेकिन आज इस यात्रा के दौरान अमरनाथ तीर्थयात्रियों के साथ एक हादसा हो गया। जिसमें तीर्थयात्री बाल-बाल बचे। दरअसल, तीर्थयात्रियों की एक बस हादसे का शिकार हो गई। इस हादसे में 36 तीर्थयात्री घायल हुए हैं।

ब्रेक नहीं लगने से बस एक्सीडेंट का शिकार

यह हादसा जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले के चंद्रकोट में हुआ। यहां लंगर साइट पर अमरनाथ जा रहीं तीर्थयात्रियों की बसें रुक रहीं थीं और यात्री नीचे उतर रहे थे। इसी दौरान पीछे से चली आ रही तीर्थयात्रियों की एक बस ब्रेक नहीं लगा सकी और अपने आगे खड़ी बसों से टकरा गई। इस हादसे में टक्कर से 4 अन्य बसें भी चपेट में आईं और इसमें 36 तीर्थयात्री घायल हो गए। जिससे मौके पर हड़कंप मच गया। हादसे के बाद फौरन तत्परता के साथ जिला प्रशासन और आपदा टीम ने सभी घायल तीर्थयात्रियों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया।

तीर्थयात्रियों के लिए वैकल्पिक वाहनों की व्यवस्था की गई

इस हादसे की जानकारी देते हुए रामबन के डिप्टी कमिश्नर मोहम्मद अलयास खान ने बताया, "चंदरकोट लंगर स्थल के पास एक बस ब्रेक नहीं लगा सकी और यह चार अन्य बसों से टकरा गई। कुल 36 तीर्थयात्रियों को चोटें आई हैं। सभी को तत्काल इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया था। सभी तीर्थयात्री सुरक्षित हैं। डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि जिस वक्त यह हादसा हुआ। मैं प्रशासन की टीम और पुलिस अधिकारियों के साथ वहीं पर था। तीर्थयात्रियों के लिए आगे जाने के लिए वैकल्पिक वाहनों की व्यवस्था की गई है।

केंद्रीय मंत्री ने DC से बात की

इधर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस हादसे को लेकर रामबन डिप्टी कमिश्नर से बात की। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि, "चंद्रकोट में अमरनाथ तीर्थयात्रियों को ले जा रहे वाहन की सड़क दुर्घटना के बारे में जानने के बाद अभी-अभी DC, रामबन, मोहम्मद अलयास खा से बात की। 36 तीर्थयात्रियों को मामूली चोटें आईं हैं, जिनका इलाज जिला अस्पताल रामबन में चल रहा है। चिंता की कोई बात नहीं है। तीर्थयात्रियों के लिए सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं और प्रशासन द्वारा लगातार निगरानी की जा रही है।"

Amarnath Pilgrims Bus Accident

9 जुलाई तक चलेगी अमरनाथ यात्रा

श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (Amarnath Shrine Board) के अनुसार, इस साल अमरनाथ यात्रा 9 अगस्त तक चलेगी। 9 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा (रक्षा बंधन) के दिन अमरनाथ यात्रा समाप्त कर दी जाएगी। मतलब इस साल की अमरनाथ तीर्थयात्रा की अवधि लगभग 38 दिनों की होगी। यानि इतने दिनों तक तीर्थयात्री पवित्र अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के अद्भुत दर्शन कर पाएंगे। जो श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा करेंगे उनके लिए RFID टैग अनिवार्य किया गया है।

मतलब यात्रा में जो भी शामिल होगा उसे RFID टैग लेना ही होगा। बिना RFID टैग के वह यात्रा में नहीं घुस सकता है। अमरनाथ यात्रा में शामिल होने वालों को RFID टैग एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, या अगर श्रद्धालु रोड से आ रहे हैं तो उन्हें अमरनाथजी श्राइन बोर्ड द्वारा RFID टैग वहां भी मिल जाएगा। RFID टैग की सुविधा बेहतर सुरक्षा को देखते हुए रखी गई है। इसके द्वारा हर अमरनाथ यात्री को ट्रैक किया जा सकेगा कि वह किस जगह पर मौजूद है।

अमरनाथ यात्रा के रजिस्ट्रेशन कैसे कराएं?

याद रहे कि अमरनाथ यात्रा में आप तभी शामिल हो सकते हैं जब आप इसके लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवाएंगे। बिना रजिस्ट्रेशन आप यात्रा शुरू नहीं कर सकते हैं। आप चाहें तो खुद से श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड वेबसाइट https://jksasb.nic.in/ पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं और अगर नहीं करना आता है तो किसी भी ऑनलाइन कार्य सेंटर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। अमरनाथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के लिए लंगर से लेकर रहने की व्यवस्था होगी।

बतादें कि, रजिस्ट्रेशन में श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड की तरफ से आपसे बहुत सी जरुरी जानकारी मांगी जाएगी। यात्रा के लिए श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड के अपने नियम हैं जिनपर आपको हर हाल में खरा उतरना होगा। आपसे यहां हेल्थ संबंधी जानकारी भी ली जायेगी। हमारी सलाह है कि आप रजिस्ट्रेशन करने से पहले श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड की वेबसाइट पर जाकर यात्रा संबंधी नियमों को एक बार जरूर पढ़ लें।

Amarnath Yatra 2025

अमरनाथ यात्रा में सुरक्षा व्यवस्था होती है प्राथमिकता

अमरनाथ यात्रा में पहली प्राथमिकता सुरक्षा व्यवस्था होती है जो कि हर हाल में पुख्ता रखी जाती है। यात्रा के दौरान यहां भारी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाती है. सुरक्षाकर्मी एकदम चौकस रहते हैं और अपनी पैनी निगाह से पूरी घाटी पर होने वाली हर हलचल पर नजर रखते हैं। अमरनाथ यात्रा में हर हाल में यह तय किया जाता है कि घाटी में बाबा बर्फानी के दर्शन करने आने वाले भक्त सकुशल अपने घर लौट सकें। दरअसल, जम्म-कश्मीर घाटी के बीच अमरनाथ यात्रा बेहद कठिनाई भरी तो है ही साथ ही आतंकी खतरा का भी एक अलग डर रहता है।