'करवा चौथ का व्रत सभी महिलाओं के लिए अनिवार्य हो'; इस अजीब याचिका से भड़का सुप्रीम कोर्ट, खारिज करते हुए क्या कहा? जानिए

Karwa Chauth Petition in Supreme Court Fast Mandatory For All Women

Karwa Chauth Petition in Supreme Court Fast Mandatory For All Women

Karwa Chauth Petition in SC: हिंदू धर्म में 'करवा चौथ' एक प्रमुख त्योहार है। सुहागिन महिलाएं करवा चौथ का व्रत अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं और अखंड सौभाग्‍य की कामना करती हैं। खासकर उत्तर भारत में इस त्योहार की अलग ही चमक-धमक देखने को मिलती है। लेकिन करवा चौथ को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक ऐसी जनहित याचिका लगाई गई है। जिसे लेकर देश की शीर्ष अदालत को गुस्सा आ गया और याचिकाकर्ता को तीखी प्रतिक्रिया के साथ कड़ी फटकार लगा डाली।

दरअसल, करवा चौथ को लेकर बड़ी ही अजीब याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई। इस याचिका के जरिए सुप्रीम कोर्ट से यह मांग की जा रही थी कि भारत की सभी महिलाओं के लिए करवा चौथ का व्रत रखना अनिवार्य किया जाए। कहा गया कि, सुप्रीम कोर्ट केंद्र और राज्य सरकार को इस त्योहार को सख्ती से लागू कराने के लिए आदेश जारी करे। मगर सुप्रीम कोर्ट ने यह याचिका खारिज करते हुए नाराजगी भी जताई और याचिकाकर्ता को कड़ी फटकार भी लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने इसे मोटिवेटेड पिटीशन बताया।

जस्टिस सूर्यकांत की बेंच की समक्ष थी याचिका

करवा चौथ को लेकर जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत की बेंच के सामने आई थी, जिसमें करवा चौथ का व्रत सभी महिलाओं के लिए अनिवार्य करने के साथ-साथ यह दावा किया गया कि, इस धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व को सख्ती से लागू कराने से महिलाओं के स्वास्थ्य और समाज में पारिवारिक रिश्तों को मजबूती मिलेगी। लेकिन जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि यह याचिका पूरी तरह से 'मोटिवेटेड पिटीशन' है और ऐसी याचिकाएं अक्सर किसी खास मुद्दे या समस्या के बारे में प्रेरित करने के लिए लगाई जाती हैं।

कोर्ट ने इस याचिका को पर्दे के पीछे से दायर की जाने वाली याचिका बताया और कहा कि ऐसी याचिकाओं को फाइल करने वाले सामने नहीं आते, वह पर्दे के पीछे से इसे फाइल कराते हैं। ताकि उन्हें सार्वजनिक रूप से सामने न लाया जाए. कोर्ट ने यह भी कहा कि इस तरह की याचिकाएं समाज के किसी भी भले के लिए नहीं हैं और न ही इन्हें गंभीरता से लिया जा सकता है। बताया जाता है कि, इससे पहले यह याचिका पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में भी खारिज हो चुकी है। हाईकोर्ट ने इस बारे में चेतावनी भी दी थी और जुर्माना भी लगाया था।

साल 2025 में करवा चौथ कब है?

हर साल कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को 'करवा चौथ' का त्योहार मनाया जाता है। करवा चौथ का व्रत काफी कठिन माना जाता है। 'करवा चौथ' पर सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और उसके स्वस्थ-सुखी जीवन की कामना करते हुए पूरे दिन बिना अन्न-जल के निर्जला व्रत रखती हैं और फिर रात में चांद का दीदार करने के बाद ही व्रत खोलती हैं। माना जाता है कि, सच्चे मन से 'करवा चौथ' का व्रत रखने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और पति के जीवन पर मंडरा रहा हर संकट दूर हो जाता है।

इस साल वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 09 अक्टूबर को रात 10 बजकर 54 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 10 अक्टूबर को रात को 07 बजकर 37 मिनट पर खत्म होगी। इस साल करवा चौथ (Karwa Chauth 2025) का व्रत का 10 अक्टूबर को किया जाएगा। वहीं चंद्रोदय समय रात 08 बजकर 13 मिनट है। हालांकि अलग-अलग शहरों में करवा चौथ के दिन चांद निकलने का समय अलग-अलग हो सकता है।