सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी- भारत कोई धर्मशाला नहीं है; हम दुनियाभर से आए शरणार्थियों को शरण नहीं दे सकते, हम शरण क्यों दें?

Supreme Court Big Comment Regarding Refugees Latest News

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Supreme Court on Refugees: बाहर से भारत आकर रह रहे शरणार्थियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की बहुत बड़ी टिप्पणी सामने आई है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने आज श्रीलंका के एक तमिल नागरिक की शरण की याचिका पर सुनवाई की। यह शख्स श्रीलंका से अवैध तरीके से भारत आया था और यहां शरण लेना चाह रहा था। जिसे हिरासत में ले लिया गया था। इसके बाद इसने भारत में रहने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। जहां इस शरणार्थी शख्स की याचिका पर जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने सुनवाई की।

सुनवाई के दौरान जस्टिस दीपांकर दत्ता ने कहा कि, भारत कोई धर्मशाला नहीं है। हम दुनिया भर से आए शरणार्थियों को शरण नहीं दे सकते और हम हर जगह से आए शरणार्थियों को शरण क्यों ही दें? हम पहले से ही अपने 140 करोड़ लोगों के साथ संघर्ष कर रहे हैं। हम भारत को धर्मशाला नहीं बना सकते। जस्टिस दीपांकर दत्ता ने शख्स की याचिका खारिज करते हुए कहा कि, वह भारत छोड़कर किसी और देश चला जाये और वहां जाकर शरणार्थी बने। हम इस मामले में कोई भी हस्तक्षेप नहीं करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट की ये टिप्पणी बेहद अहम

दुनिया की अलग-अलग जगहों से आकर भारत में कई शरणार्थी रह रहे हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की ये तीखी और खरी टिप्पणी इस मामले में बेहद अहम हो जाती है और इसके कई मायने हैं। शरणार्थियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के इस कड़े रुख के बहुआयामी परिणाम देखने को मिल सकते हैं। दूसरी तरफ सरकार भी अवैध रूप से आए बाहरी लोगों को लेकर कड़े कदम उठा रही है। हाल ही में कई बांग्लादेशी नागरिकों को देश से बाहर निकाला जा रहा है। ये अवैध तौर से भारत में रह रहे थे।

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