साइबर सैल पुलिस ने 56 लाख रुपये के शेयर बाजार घोटाले का पर्दाफाश कर 5 आरोपियो को किया काबू

Cyber ​​Cell Police busted a stock Market Scam

Cyber ​​Cell Police busted a stock Market Scam

इंस्पेक्टर इरम रिजवी की टीम को फिर बड़ी कामयाबी।
साइबर सैल पुलिस ने 56 लाख रुपये के शेयर बाजार घोटाले का पर्दाफाश कर 5 आरोपियो को किया काबू।
पकड़े गए सभी आरोपी 3 दिन के पुलिस रिमांड पर।

रंजीत शम्मी चंडीगढ़। Cyber ​​Cell Police busted a stock Market Scam: यूटी पुलिस का अहम थाना माने जाने वाले साइबर क्राइम सैल की टीम को उस वक्त एक बड़ी कामयाबी मिली। जब पुलिस ने 56 लाख रुपये के शेयर बाजार घोटाले का पर्दाफाश कर 5 आरोपियो को गिरफ्तार किया है।पकड़े गए आरोपियो की पहचान जयपुर राजस्थान के रहने वाले मुकेश कुमार गुजर,रामजी लाल मीणा, विजय कुमार योगी,माधोपुर टाऊन राजस्थान के आदित्य कुमार जैन और तनिष्क मरमत उर्फ हनी के रूप में हुई है। पकड़े गए पांचों आरोपियों को पुलिस ने जिला अदालत में पेश किया। अदालत ने आरोपियों को 3 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।रिमांड के दौरान पुलिस मामले को लेकर और भी कई अहम जानकारिया हासिल कर सकती है। पुलिस के अनुसार यह मामला चंडीगढ़ के सेक्टर 35 के निवासी के साथ फर्जी स्टॉक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म आईबीकेआर (इंटरएक्टिव ब्रोकर) में निवेश की आड़ में की गई 56.26 लाख रुपये की धोखाधड़ी से संबंधित है। आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4), 319(2),338, 336(3), 340(2) और 61(2) के तहत 17 अप्रैल 2025 को मामला दर्ज है। जानकारी के अनुसार साइबर सेल पुलिस को टेक्निकल तकनीक के जरिए पता चला था कि शेयर बाजार घोटाले के आरोपी राजस्थान में सक्रिय है। मामले को गंभीरता से लेते हुए और चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारियों के दिशा निर्देशों के चलते साइबर सेल के डीएसपी ए वेंकटेश की सपरविजन में थाना साइबर सेल की प्रभारी इंस्पेक्टर इरम रिजवी की टीम ने आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो मामले का खुलासा हुआ। पुलिस ने तुंरत उन्हें गिरफ्तार कर लिया l।

कार्यप्रणाली

आरोपी ने शिकायतकर्ता को आईबीकेआर नामक एक धोखाधड़ी वाले ट्रेडिंग ऐप में निवेश करने के लिए लालच दिया। उच्च रिटर्न के बहाने उसे विभिन्न बैंक खातों में धन हस्तांतरित करने के लिए निर्देशित किया गया। एक बार पैसा जमा हो जाने के बाद, पीड़ित को सभी संचार से ब्लॉक कर दिया गया और व्हाट्सएप ग्रुप और एप्लिकेशन से हटा दिया गया। पुलिस ने मामले में आरोपी मुकेश कुमार गूजर को गिरफ्तार किया गया और उसने खुलासा किया कि उसने अपने पड़ोसी गाँव के एक व्यक्ति काला राम के कहने पर धोखाधड़ी में इस्तेमाल किया गया बैंक खाता खोला।जो वर्तमान में जयपुर में एक पेट्रोल पंप पर काम करता है। उसने काला राम गुर्जर का पता लगाने में पुलिस की सहायता करने की इच्छा व्यक्त की है। जो आगे के सुरागों को उजागर करने और अन्य सह-षड्यंत्रकारियों की पहचान करने में महत्वपूर्ण हो सकता है। आरोपी रामजी लाल मीना को राजस्थान के चैनपुर गांव के पास से गिरफ्तार किया गया। उसने पैसे के बदले धोखाधड़ी करने वाले नेटवर्क को बैंक अकाउंट किट और सिम कार्ड सप्लाई करने की बात कबूल की।इसके अलावा, कार्रवाई योग्य सुरागों के बाद, विजय कुमार योगी, आदित्य कुमार जैन और तनिष्क मरमत उर्फ ​​हनी को सवाई माधोपुर के विभिन्न स्थानों से गिरफ्तार किया गया। 

व्यापक नेटवर्क और लिंक:

यह गिरोह राजस्थान, गुजरात में फैले एक अखिल भारतीय साइबर अपराध गिरोह का हिस्सा है। और दुबई स्थित ऑपरेटरों से संदिग्ध संबंध हैं। एक सहयोगी रूपेश शर्मा को पहले ही राजकोट साइबर क्राइम पुलिस, गुजरात द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है। सवाई माधोपुर के एक अन्य आरोपी साहिल और गोकुल अभी भी फरार हैं। काला राम गुर्जर सहित शेष संदिग्धों का पता लगाने और उन्हें पकड़ने के प्रयास जारी हैं। और हम रूपेश शर्मा के प्रोडक्शन वारंट की कोशिश कर रहे हैं। आरोपियों के मोबाइल फोन बरामद कर लिए गए हैं। और आगे की सुराग के लिए उनका विश्लेषण किया जा रहा है।  डेटा को आगे के अखिल भारतीय लिंकेज के लिए I4सी (एमएचए) के साथ साझा किया जाएगा।

निवारक उपाय - शेयर बाजार निवेश धोखाधड़ी से कैसे सुरक्षित रहें:

ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से उच्च रिटर्न का वादा करने वाले अनचाहे कॉल, संदेश या सोशल मीडिया लिंक पर भरोसा न करें।निवेश करने से पहले हमेशा आधिकारिक सरकारी/सेबी वेबसाइटों के माध्यम से किसी भी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की साख को वेरीफाई करें।व्हाट्सएप, एसएमएस या ईमेल के माध्यम से भेजे गए अज्ञात या संदिग्ध लिंक पर कभी भी क्लिक न करें। ये दुर्भावनापूर्ण ऐप इंस्टॉल कर सकते हैं या आपके डिवाइस पर नियंत्रण प्राप्त कर सकते हैं।अजनबियों या अज्ञात संपर्कों के साथ ऑनलाइन बैंक खाते का विवरण,ओटीपी या व्यक्तिगत दस्तावेज़ साझा न करें।निवेश के अवसरों को बढ़ावा देने वाले अज्ञात व्हाट्सएप या टेलीग्राम समूहों में शामिल होने से बचें। इन्हें अक्सर धोखेबाजों द्वारा नियंत्रित किया जाता है।किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत स्थानीय पुलिस या राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल: www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करेंअनधिकृत गतिविधि का तुरंत पता लगाने के लिए अपने बैंक खाते या यूपीआई ऐप पर लेनदेन अलर्ट सक्षम करें। और दैनिक सीमाएँ निर्धारित करें।