India's food grain production grew by 6.8 percent to over 1,663.9 lakh tonnes in FY 2025

भारत का खाद्यान्न उत्पादन वित्त वर्ष 2025 में 6.8 प्रतिशत बढ़कर 1,663.9 लाख टन से अधिक रहा

India's food grain production grew by 6.8 percent to over 1,663.9 lakh tonnes in FY 2025

India's food grain production grew by 6.8 percent to over 1,663.9 lakh tonnes in FY 2025

India's food grain production grew by 6.8 percent to over 1663.9 lakh tonnes in FY 2025- नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को घोषणा की कि भारत का खाद्यान्न उत्पादन 2024-25 में 106 लाख टन से अधिक बढ़कर 1,663.91 लाख टन हो गया है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 6.83 प्रतिशत अधिक है। 

चौहान ने कॉन्फ्रेंस में कहा, "2023-24 में देश का कुल खाद्यान्न उत्पादन करीब 1,557.6 लाख टन था। मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि 2024-25 में यह 1,663.91 लाख टन हो गया है।"

उन्होंने कहा, "2023-24 में रबी फसल का उत्पादन 1,600.06 लाख टन था, जो अब बढ़कर 1,645.27 लाख टन हो गया है।"

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनके मंत्रालय का लक्ष्य न केवल देश की खाद्यान्न आवश्यकताओं को पूरा करना है, बल्कि भारत को विश्व का खाद्यान्न भंडार बनाना भी है। 

चौहान ने रविवार को नागपुर में आयोजित किसान सम्मेलन 'कृषि संवाद' में देश के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी आय बढ़ाने के लिए "एक राष्ट्र, एक कृषि और एक टीम" का नारा दिया।

चौहान ने कहा कि 29 मई से 12 जून तक चलने वाले 15 दिवसीय अभियान के दौरान कृषि वैज्ञानिक गांवों में जाकर किसानों को टिकाऊ खेती के तरीकों के बारे में बताएंगे और खरीफ सीजन के लिए योजना बनाएंगे।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के तहत 16,000 कृषि वैज्ञानिक, कृषि विस्तार अधिकारियों के साथ मिलकर गांवों का दौरा करेंगे और किसानों को नई बीज किस्मों और नई कृषि पद्धतियों के बारे में किसानों को शिक्षित करेंगे। 

उन्होंने आगे कहा कि सरकार प्रयोगशालाओं और खेतों के बीच की खाई को पाटने के लिए प्रतिबद्ध है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, राज्य कृषि मंत्रालय, आईसीएआर, कृषि विज्ञान केंद्र और सभी कृषि संस्थानों को एक टीम के रूप में मिलकर काम करना चाहिए। अगर सभी संस्थान आपस में जुड़ जाएं, लक्ष्य तय हो जाएं, रोडमैप बन जाए तो कृषि में चमत्कार हो सकता है।

एक और बड़ी घोषणा करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार स्वच्छ पौधा कार्यक्रम के तहत पुणे में राष्ट्रीय स्तर की प्रयोगशाला स्थापित करेगी। यह प्रयोगशाला पौधों की मूल प्रजातियों पर शोध करेगी।

कृषि उत्पादन बढ़ाने पर जोर देते हुए चौहान ने कहा कि स्वच्छ पौधा कार्यक्रम शुद्ध और रोगमुक्त नर्सरी सुनिश्चित करने के लिए चलाया जा रहा है। उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाले बीज, मिट्टी की जांच और उत्पादन लागत में कमी की जरूरत समझनी चाहिए।