Income tax department has changed the rules for rent-free houses from September 1

किराया मुक्त मकानों के लिए आयकर विभाग ने बदले नियम, देखें 1 सितंबर से लागू होंगे

Income tax department has changed the rules

Income tax department has changed the rules for rent-free houses from September 1

नई दिल्ली: आयकर विभाग ने किराया मुक्त मकानों के नियमों में बदलाव किया है। इस फैसले का असर उन कर्मचारियों पर पड़ेगा जिनकी सैलरी अच्छी है और उन्हें कंपनी या मालिकों से किराया मुक्त घर मिला हुआ है। नए नियम का फायदा इन कर्मचारियों को मिलेगा। दरअसल, आयकर विभाग ने ऐसे मकानों के असेसमेंट के नियमों में बदलाव किया है। नए नियम के मुताबिक, जहां कर्मचारियों को नियोक्ताओं द्वारा बिना साज-सज्जा वाला घर दिया जाता है और ऐसे घर का मालिकाना हक कंपनी के पास ही होता है, तो उसका मूल्यांकन अब अलग तरीके से किया जाएगा। ये नियम 1 सितंबर से लागू होंगे।

कैसे होगा कैलकुलेशन?
अधिसूचना के अनुसार, जहां केंद्र या राज्य सरकार के कर्मचारियों के अलावा अन्य कर्मचारियों को केवल घर (बिना साज-सज्जा वाला) दिया जाता है और ऐसे आवास का स्वामित्व मालिक के पास है, तो मूल्यांकन होगा - 2011 के अनुसार 40 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में जनगणना, वेतन 10 प्रतिशत (15 प्रतिशत से कम) होगा। पहले यह नियम 2001 की जनगणना के अनुसार 25 लाख से अधिक की आबादी के लिए था। 2011 की जनगणना के अनुसार, 15 लाख से अधिक लेकिन 40 लाख से कम आबादी वाले शहरों में मजदूरी का 7.5 प्रतिशत (10 प्रतिशत से कम)। पहले यह 2001 की जनगणना के अनुसार 10 लाख से अधिक थी लेकिन 25 लाख से अधिक नहीं थी।

क्या टेक होम सैलरी पर पड़ेगा असर?
ए.के.एम ग्लोबल टैक्स पार्टनर अमित माहेश्वरी ने कहा कि जिन कर्मचारियों को नियोक्ताओं से पर्याप्त वेतन और आवास मिल रहा है, वे अधिक बचत करने में सक्षम होंगे क्योंकि संशोधित दरों के साथ उनका कर योग्य आधार कम होने जा रहा है। ए.एम.आर. जी एंड एसोसिएट्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) गौरव मोहन ने कहा कि प्रावधानों में 2011 की जनगणना के डेटा को शामिल किया गया है और इसका उद्देश्य लाभ मूल्य गणना को निष्पक्ष बनाना है। मोहन ने कहा कि रेंट फ्री घर का लाभ लेने वाले कर्मचारियों की टैक्सेबल सैलरी में कमी आएगी, जिससे टेक होम सैलरी में बढ़ोतरी होगी।