CBSE 12वीं पूरक परीक्षा परिणाम 2025 घोषित: सिर्फ 38.36% छात्र ही हुए सफल!

CBSE 12वीं पूरक परीक्षा परिणाम 2025 घोषित: सिर्फ 38.36% छात्र ही हुए सफल!

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कक्षा 12 की पूरक परीक्षा 2025 का परिणाम आधिकारिक तौर पर घोषित कर दिया है।

 

cbse result: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कक्षा 12 की पूरक परीक्षा 2025 का परिणाम आधिकारिक तौर पर घोषित कर दिया है। इस साल का पूरक परिणाम काफी चौंकाने वाला रहा, क्योंकि केवल 38.36% छात्र ही इस परीक्षा में सफल हो पाए हैं। यह आंकड़ा न सिर्फ छात्रों के लिए, बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र के लिए एक चेतावनी जैसा है।

पूरक परीक्षा क्या होती है?

CBSE की ओर से पूरक परीक्षा (Supplementary Exam) उन छात्रों के लिए आयोजित की जाती है, जो बोर्ड परीक्षा में एक या दो विषयों में असफल हो जाते हैं। यह एक सुनहरा मौका होता है, जिससे छात्र एक साल बर्बाद किए बिना दोबारा परीक्षा देकर पास हो सकते हैं। इस साल यह परीक्षा जुलाई 2025 में आयोजित की गई थी।

रिजल्ट के प्रमुख आंकड़े

इस बार की परीक्षा में कुल 1,30,432 छात्रों ने पंजीकरण कराया था, जिसमें से केवल 49,998 छात्र ही सफल हो पाए हैं। इसका अर्थ है कि कुल 38.36% छात्र ही पूरक परीक्षा पास कर सके हैं।

विवरण आंकड़े
कुल परीक्षार्थी 1,30,432
सफल छात्र 49,998
पास प्रतिशत 38.36%
परीक्षा तिथि जुलाई 2025
रिजल्ट जारी 30 जुलाई 2025
Official Website cbseresults.nic.in

 

CBSE ने यह परिणाम अपनी आधिकारिक वेबसाइट cbseresults.nic.in पर जारी किया है। छात्र अपना रोल नंबर और स्कूल नंबर दर्ज कर रिजल्ट चेक कर सकते हैं।

 

छात्रों की प्रतिक्रिया

रिजल्ट के बाद छात्रों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। जिन छात्रों ने सफलता पाई है, उनके लिए यह एक राहत की सांस है, लेकिन असफल छात्रों के लिए यह मानसिक रूप से बहुत कठिन दौर बन गया है। कई छात्रों और अभिभावकों ने इस पास प्रतिशत को "बहुत कम" बताया है और CBSE से पुनः मूल्यांकन की मांग की है।

क्या करें अब वे छात्र जो पास नहीं हो सके?

जो छात्र इस परीक्षा में सफल नहीं हो पाए हैं, उनके पास अब दो ही विकल्प हैं:

  • फिर से 12वीं कक्षा की परीक्षा दें: अगले साल की मुख्य बोर्ड परीक्षा के लिए दोबारा तैयारी करें।
  • स्किल आधारित या अन्य करियर विकल्प चुनें: जिन छात्रों का अकादमिक पक्ष थोड़ा कमजोर है, वे डिप्लोमा, स्किल कोर्स या वोकेशनल ट्रेनिंग का विकल्प चुन सकते हैं।

 

CBSE का क्या कहना है?

CBSE के एक अधिकारी ने बताया, “पूरक परीक्षा का उद्देश्य छात्रों को एक और मौका देना है, लेकिन यह जरूरी है कि छात्र इस मौके को गंभीरता से लें। रिजल्ट से स्पष्ट है कि बहुत से छात्रों ने या तो तैयारी में कमी रखी या परीक्षा का सही ढंग से उपयोग नहीं कर पाए।”