In Chandigarh there are challans of Rs 10 lakh everyday

चंडीगढ़ में हर रोज होते हैं 10 लाख रुपये के चालान, साढ़े तीन साल में 118 करोड़ रुपये के चालान

Traffic-Police

In Chandigarh there are challans of Rs 10 lakh everyday

अर्थ प्रकाश/साजन शर्मा
 

In Chandigarh there are challans of Rs 10 lakh everyday : चंडीगढ़। चंडीगढ़ के लोग हर रोज 10 लाख रुपये के चालान भुगतते हैं। यानि पढ़े लिखे लोगों का शहर चालान करवाने में देश भर में सबसे आगे है। इतने चालान करने के बावजूद पुलिस इनकी रिकवरी करने में पूरी तरह लाचार नजर आ रही है। ऐसा हम नहीं कह रहे, पुलिस के आंकड़े कह रहे हैं। आंकड़े भी वह जो पुलिस विभाग की ओर से लोकसभा में उपलब्ध कराये गए हैं। इससे भी हैरतंगेज तथ्य यह है कि आरटीआई में पुलिस जो आंकड़े दी रही है वह लोकसभा के आंकड़ों से कहीं मेल नहीं खाते।

1 सितंबर 2019 से लेकर 28 फरवरी 2023 तक चंडीगढ़ प्रशासन के अंडर ट्रैफिक पुलिस ने 12 लाख, 73 हजार, 715 ई-चालान इश्यू किये। करीब साढ़े तीन साल के पीरियड में 118 करोड़ 75 लाख, 64 हजार, 593 रुपये के चालान जेनरेट किये गए। इसमें से महज 51 प्रतिशत राशि की ही पुलिस रिकवरी कर पाई। यानि केवल 61 करोड़ 17 लाख, 3 हजार, 938 रुपये की ही रिकवरी हो पाई। बाकि राशि पुलिस रिकवर नहीं कर पाई। यानि कुल 42 माह के समय में 118 करोड़ 75 लाख, 64 हजार, 593 रुपये के चालान किये गए। एक माह का औसत निकालें तो हर माह 3 करोड़ के चालान हुए। इसका एक दिन का औसत निकालें तो रोजाना चंडीगढ़ में 10 लाख रुपये के चालान हुए। यानि चंडीगढ़ सही मायने में अब चालानगढ़ बन गया। इन आंकड़ों से एक और हैरतंगेज तथ्य सामने आ रहा है। वो यह है कि पुलिस का कोई प्रभाव लोगों पर नजर नहीं आ रहा और वह पूरी तरह से बेलगाम हैं। लोकसभा में दी गई जानकारी के हिसाब से पता चला कि चंडीगढ़ में 1 सितंबर 2019 के बीच 60 करोड़ रुपये के चालान हुए जबकि पंजाब में इस अवधि के दौरान केवल 20 करोड़ रुपये के चालान हुए। यानि चंडीगढ़ में तीन गुणा चालान हुए।

पुलिस को वसूलने हैं मार्च 2016 से अगस्त 2019 तक के 4 करोड़

पुलिस ने 1 मार्च 2016 से लेकर 31 अगस्त 2019 तक 2 लाख 88 हजार, 589 (2,88,589) चालान नोटिस जारी किए। इन चालानों की ऐवज में 63 करोड़ 08 लाख 66 हजार 764 रुपये (63,08,66,764 रुपये) की रिकवरी डाली गई लेकिन रिकवरी केवल 59 करोड़ 24 लाख, 22 हजार, 214 रुपये (59,24,22,214) की ही हो पाई। यानि करीब 4 करोड़ रुपये की रिकवरी पुलिस नहीं कर पाई।

2022 के तीन माह में रिकवरी 30 प्रतिशत से 22 प्रतिशत पर गिरी

अक्तूबर 2022 में 4 करोड़ 99 लाख 97 हजार 930 (4,99,97,930 रुपये)के चालान हुए लेकिन रिकवरी पुलिस महज 1 करोड़ 53 लाख,61 हजार 30 रुपये ही कर पाई। यानि महज 30 प्रतिशत किये गए चालानों की ही पुलिस रिकवरी कर सकी। नवंबर 2022 के माह में पुलिस ने 6 करोड़ 96 लाख 32 हजार 759 रुपये (6,96,32,759 रुपये) के चालान किये। इसमें से महज 1 करोड़ 95 लाख 38 हजार, 159 रुपये (1,95,38159) रुपये के ही चालान भुगते गए। यानि केवल 28 प्रतिशत लोग ही चालान भुगतने आए। दिसंबर 2022 में 7 करोड़ 18 लाख 57 हजार, 645 रुपये (7,18,57,645) रुपये के चालान किये गए। इसमें से 1 करोड़ 57 लाख, 32 हजार 745 रुपये (1,57,32,745 रुपये) के चालान भुगते गए। केवल 22 प्रतिशत लोग ही चालान भुगतने पहुंचे। यानि अक्तूबर से दिसंबर 2022 के बीच पुलिस ने चालान करने की गति तो बहुत तेजी से बढ़ा दी लेकिन इनके भुगतान की रिकवरी 30 प्रतिशत से घटकर महज 22 प्रतिशत रह गई। रिकवरी की ओर पुलिस ने कोई ध्यान नहीं दिया।  
 

झूठ क्यों बोल रही पुलिस !

चंडीगढ़ पुलिस केवल बेतहाशा चालान ही नहीं करती बल्कि इन्हें लेकर आरटीआई में मांगने पर झूठी जानकारी भी देती है। आरटीआई कार्यकर्ता आरके गर्ग ने जब चालान को लेकर ट्रैफिक पुलिस से जानकारी मांगी तो उन्हें बताया गया कि अक्तूबर 2022 में 73 लाख, 69 हजार, 600 रुपये के चालान हुए। नवंबर 2022 में 85 लाख, 62 हजार, 900 रुपये के चालान हुए। दिसंबर 2022 में 99 लाख, 22 हजार, 700 रुपये के चालान हुए। लोकसभा में इससे अलग जानकारी सप्लाई की गई।

 

 

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