Identity of victim revealed after dismissal of officer accused of sexual harassment
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यौन उत्पीड़न के आरोपी अधिकारी की बर्खास्तगी में पीड़िता की पहचान उजागर

Identity of victim revealed after dismissal of officer accused of sexual harassment

Identity of victim revealed after dismissal of officer accused of sexual harassment

Identity of victim revealed after dismissal of officer accused of sexual harassment- चंडीगढ़। हरियाणा सरकार द्वारा एचसीएस अधिकारी रीगन कुमार की बर्खास्तगी को लेकर जारी किए आदेशों में पीड़िता की पहचान उजागर हो गई है। सरकार पर इस मामले में कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न अधिनियम, 2013 के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को शिकायत की है।

राज्यपाल की स्वीकृति के बाद प्रदेश सरकार ने 22 अप्रैल 2025 को गजट नोटिफिकेशन जारी किया था। रीगन कुमार के विरुद्ध कार्रवाई के आदेश में यह गंभीर चूक सामने आई है। गजट में प्रकाशित विवरण में पीड़िता का नाम 15 बार दर्ज किया गया है। पीड़िता की व्यक्तिगत पहचान से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक करना कानून द्वारा वर्जित है।

हेमंत कुमार ने सोमवार को चंडीगढ़ में जारी जानकारी में बताया कि कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिग उत्पीडऩ (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013 की धारा 16 के तहत पीड़िता की पहचान गोपनीय रखना अनिवार्य है। यहां तक कि आरटीआई एक्ट में भी पीड़ित महिला कर्मचारी का नाम और उसकी पहचान से संबंधित सूचना प्राप्त नहीं की जा सकती। सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट या अन्य कोर्ट द्वारा ऐसे मामलों फैसला सुनाए जाने के दौरान उसमें पीड़ित महिला का नाम गुप्त रखा जाता है

हेमंत कुमार ने बताया कि ये बेहद गंभीर मामला है। इसकी गंभीरता इसी बात से स्पष्ट है कि ये गजट नोटिफिकेशन पूरी तरह से कानूनी प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है। इस गजट नोटिफिकेशन में पीड़िता की निजता का हनन है। साथ ही प्रशासनिक लापरवाही का गंभीर मामला भी है।