Hundreds of people bid farewell to the sons of Himachal with moist eyes

सैकड़ों लोगों ने नम आंखों से दी हिमाचल के सपूतों को विदाई, अमर रहे नारों के साथ हुआ अंतिम संस्‍कार

Hundreds of people bid farewell to the sons of Himachal with moist eyes

Hundreds of people bid farewell to the sons of Himachal with moist eyes

हिमाचल:जम्‍मू कश्‍मीर के राजौरी में आतंकी मुठभेड़ में हिमाचल प्रदेश के दो जवान बलिदान हो गए। सिरमौर के शिलाई क्षेत्र के प्रमोद नेगी और कांगड़ा जिले के सुलह विधानसभा क्षेत्र सूरी गांव के अरविंद कुमार बलिदान हुए। दोनों के पार्थिव शरीर को राजौरी से देहरादून तक चौपर से लाया गया था। शनिवार को सैकड़ों लोगों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी। स्‍थानीय लोगों ने अमर रहे के नारे लगाकर अंतिम संस्‍कार किया।

मां ने दूल्हा बनाकर विदा किया बलिदानी प्रमोद

सिरमौर के शिलाई विधानसभा क्षेत्र के शिलाई गांव में शनिवार शाम जम्मू कश्मीर के राजौरी क्षेत्र में बलिदान हुए प्रमोद नेगी को सैकड़ों लोगों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी। प्रमोद का पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही मां और बहन का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।

सेना के जवानों ने बलिदानी की मां को सांत्वना दी। जवानों ने कहा कि प्रमोद ने भारत मां की रक्षा के लिए शहादत दी है। माता तारा देवी ने बेटे को दूल्हे की तरह सजाकर अंतिम विदाई दी, जबकि बहन मनीषा ने भाई की कलाई पर राखी बांधी।

स्‍वजनों ने नोटों का हार पहनाकर किया विदा

स्वजनों ने प्रमोद को नोटों का हार पहनाकर विदा किया। शिलाई बाजार में सेना का वाहन पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने अमर रहे प्रमोद नेगी अमर रहे, जब तक सूरज चांद रहेगा प्रमोद तेरा नाम रहेगा और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय शिलाई के एनसीसी कैडेट्स ने राष्ट्रीय ध्वज के साथ बलिदानी को अंतिम विदाई दी। शनिवार शाम करीब पांच बजे बलिदानी प्रमोद नेगी का पार्थिव शरीर शिलाई बाजार पहुंचा, जहां से करीब आधा घंटा उसे घर पहुंचाने में लग गया।

एक घंटे तक पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया

करीब एक घंटे तक पार्थिव शरीर स्वजन तथा रिश्तेदारों को अंतिम दर्शन के लिए घर पर रखी गई, उसके बाद अंतिम यात्रा श्मशान घाट के लिए निकली। जहां पर बलिदानी प्रमोद नेगी को राजकीय व सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। प्रमोद की माता तथा बहन मनीषा ने घर से लेकर श्मशानघाट तक बलिदानी की अंतिम विदाई यात्रा में भाग लिया। करीब 6:30 बजे पैराट्रूपर बलिदानी प्रमोद नेगी के पार्थिव देह को छोटे भाई नीतीश नेगी और पिता देवेंद्र नेगी ने मुखाग्नि दी।

राजौरी से देहरादून तक चौपर, देहरादून से शिलाई तक सेना के वाहन में लाई गई पार्थिव शरीर

जम्मू कश्मीर के राजौरी में शुक्रवार सुबह बलिदान हुए पांच सैनिकों में से दो के पार्थिव शरीर शनिवार करीब 12:00 देहरादून एयरपोर्ट पर हवाई मार्ग से पहुंची, जहां पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिला सिरमौर के प्रमोद नेगी तथा उत्तराखंड के गैरसेन के रुचिन सिंह रावत को श्रद्धांजलि दी। उसके बाद भारतीय सेना के वाहन से पैराट्रूपर प्रमोद नेगी की पार्थिव देह पांवटा साहिब होते हुए शिलाई के लिए रवाना की गई। करीब दोपहर 2:30 पार्थिव देह पांवटा साहिब पहुंचा।

पार्थिव शरीर पांवटा साहिब पहुंचने पर भूतपूर्व सैनिक संघ शिलाई और पांवटा साहिब के सदस्यों तथा स्थानीय लोगों ने बलिदानी को श्रद्धांजलि अर्पित की। पांवटा से करीब 5:00 पार्थिव देह शिलाई पहुंची। उधर, जिला सिरमौर सैनिक कल्याण बोर्ड के उपनिदेशक सेवानिवृत्त मेजर दीपक ने बताया कि बलिदानी प्रमोद नेगी का अंतिम संस्कार राजकीय व सैन्य सम्मान के साथ किया गया।

मां पर टूटा दुखों का पहाड़, पिता बेटे अरविंद के बलिदान से हैं बेखबर

पहाड़ में जीने के लिए पहाड़ सा दिल रखना पड़ता है, लेकिन इस मां के दर्द को कौन समझे। इस पर तो दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। राजौरी में आतंकियों से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हुआ बेटा अरविंद कुमार उन पर बड़ी जिम्मेदारी छोड़ गया है। बलिदानी के पिता उज्ज्वल सिंह को लोक निर्माण विभाग से सेवानिवृत्त हुए करीब 10 वर्ष हो गए हैं, लेकिन पिछले चार साल से वह मानसिक संतुलन खो बैठे हैं।

दिमागी हालत यह है कि उन्हें पता ही नहीं है कि बेटा वीरगति को प्राप्त हो गया है। उन्हें पकड़कर अंदर-बाहर ले जाया जाता है। ऐसे में मां किस-किस को संभालेगी। बीमार पति को, बहू को या फिर नन्ही पोतियों को। पहाड़ का दिल रखकर बलिदानी की मां निर्मला देवी खुद को संभालने के साथ-साथ बहू को भी हौसला दे रही है। बलिदानी के बड़े भाई भूपेंद्र ने बताया कि अरविंद की छोटी बेटी के नाक का मांस बढ़ गया है। इलाज दिल्ली के किसी अस्पताल में किया जा रहा है।

बेटी के नाक का ऑपरेशन करवाने का किया था वादा

चिकित्सकों ने नाक के ऑपरेशन की सलाह दी है और अरविंद ने अगली छुट्टी में आकर आपरेशन करवाने का वादा किया था। स्वजन के अनुसार, अरविंद बचपन से ही साहसी और प्रतिभाशाली थे। 2012 में अरविंद पंजाब रेजिमेंट में भर्ती हुए थे और कुछ ही साल बाद स्पेशल फोर्स में जगह बना ली थी।

फिलहाल वह 9 पैरा कमांडो में सेवाएं दे रहे थे। अरविंद ने भारतीय सेना में करवाए जाने वाले जर्मन कंपीटीशन में भी अवार्ड हासिल किए थे। साथ ही सर्जिकल स्ट्राइक जैसे मिशन में भी अहम भूमिका निभाई थी। प्रशासन की ओर से एसडीएम धीरा सलीम आ जम ने बलिदानी अरविंद कुमार की वीरनारी बिंदु देवी को पांच लाख रुपये का चेक भेंट किया।