बघौला में बनेगा देश का 13वां केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, कवायद शुरू, छात्र ले सकेंगे पीएचडी की उपाधि

The country's 13th Central Sanskrit University will be built in Baghola

The country's 13th Central Sanskrit University will be built in Baghola

-हरियाणा संस्कृत विद्यापीठ बघौला ने ने दान की 12 एकड़ जमीन
-देश में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय का बघौला होगा 13 वां परिसर
-शिक्षा एवं अनुसंधान का नया केन्द्र विकसित होने से देशभर के संस्कृत विद्यार्थियों के लिए खुलेगा नए अवसरो का मार्ग

पलवल। दयाराम वशिष्ठ: हरियाणा में पलवल जिला स्थित गांव बघौला केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय बनाया जाएगा | इसकी कवायद शरू कर दी गई है| हरियाणा संस्कृत विद्यापीठ ने अपनी 12 एकड जमीन विश्वविद्यालय के नाम दान कर दी गई है। शिक्षाविदों की मानें तो इससे हरियाणा व आसपास के राज्यों के युवाओं मे संस्कृत भाषाके प्रति रूचि बढ़ेगी और वह आचार्य आदि उपाधि लेकर अपना करियर सवांरेंगे | इससे संस्कृत के क्षेत्र में शोध और विकास भी आसान होगा।

संस्कृत की पढ़ाई आसान हो, इसको लेकर मौजूदा समय मे देश मे करीब 12 संस्कृत विश्वविद्यालय है | अगर सबकुछ ठीक रहा तो  गांव बघौला मे यह 13वां विश्वविद्यालय होगा | जानकारी के अनुसार केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की शाखा का विस्तार करने के लिए विश्वविद्यालय के कुलसचिव गायत्री मुरारी कृष्ण व उनके साथ अन्य अधिकारियों ने बघौला स्थित हरियाणा संस्कृत विद्यापीठ परिसर का दौरा किया। विद्या प्रचारिणी सभा एवं प्रधानाचार्य डॉ.पशुपतिनाथ मिश्र ने संस्कृत विश्वविद्यालय बनाए जाने के लिए पलवल रजिस्ट्रार कार्यालय से विद्यापीठ की जमीन दान करने से जुड़े दस्तावेज तैयार करवाकर उन्हें सौंपे। इस मौके पर केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय से कुलपति की टीम में शामिल आदर्श योजना प्रभारी प्रो. कुलदीप शर्मा,शैक्षिक परामर्शदाता मंगेश इंदापवार, वित्त अधिकारी संजीव गोयल, डिप्टी डायरेक्टर (एडमिन) कृष्ण कुमार केटी, लीगल ऑफिसर आशीष पाठक, एडवोकेट, एडवोकेट लक्ष्य तायल, बघोला सरपंच तुलाराम वशिष्ठ भी मौजूद रहे।

The country's 14th Central Sanskrit University will be built in Baghola

विश्वविद्यालय बनने आस से ग्रामीण खुश:

गांव बघौला मे केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय बनने की जानकारी पाकर ग्रामीण ख़ुश हैं | उनका कहना है कि इससे बच्चों मे संस्कृत पढ़ने के प्रति रूचि बढ़ेगी | लिहाजा जमीन दान करने के बाद हरियाणा संस्कृत विद्यापीठ परिसर में स्वागत समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें गांव के सरपंच व गणमान्य लोगों ने केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय से पहुंची टीम का फूल मालाओं से स्वागत कर आभार जताया।

साल-2008 से विश्वविद्यालय बनाने का है प्रयास:

विश्वविद्यालय के कुलसचिव गायत्री मुरारी कृष्ण ने बताया कि हरियाणा संस्कृत विद्यापीठ  विद्यापीठ को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने के लिए वर्ष 2008 से प्रयास चल रहा है। किन्हीं कारणों से यह नहीं हो सका था। कुछ समय पहले गांव के सरपंच सहित कुछ मौजिज लोग विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.श्रीनिवास वरखेडी से मिले। जहां इस विद्यापीठ को केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय बनाने का प्रस्ताव रखते हुए जमीन दान देने की बात कही। कुलपति जी ने सहर्ष स्वीकार इसे स्वीकार किया। बुधवार को जमीन दान की प्रक्रिया पूरी कर ली गई।

The country's 14th Central Sanskrit University will be built in Baghola

जल्द शरू होगा निर्माण कार्य:

कुलसचिव गायत्री मुरारी कृष्ण ने कहा कि जमीन मिलने के बाद अब शीघ्र ही विश्वविद्यालय बनाने की कार्यप्रणाली शुरू कर दी जाएगी। दिल्ली मुख्यालय के विस्तार परिसर के रूप में इसका पूर्ण रूप से विकास किया जाएगा। सरकार से इसकी अनुमति लेकर जल्द डीपीआर तैयार कराकर नए भवन बनाने व शैक्षणिक कोर्स शुरू करने पर काम किया जाएगा। एकेडेमिक काउंसिल से अनुमति लेकर यहां नए शैक्षणिक कोर्स शुरू किए जाएंगे। 

प्रदेश समेत दिल्ली एनसीआर के छात्रों को मिलेगा फ़ायदा:

पलवल के गांव बघौला फरीदाबाद, गुरुग्राम, नूह आदि जिलों से काफी नजदीक है || इसके अलावा इस गॉव से दिल्ली के बदरपुर, जैतपुर, मीठापुर,सरिता विहार, मदनपुर खादर, आली गॉव, यूपी का नोएडा आदि क्षेत्र भी महज 25 से 30 किलोमीटर की दूरी पर है | लिहाजा संस्कृत विद्यापीठ के प्राधानाचार्य पशुपति नाथ मिश्र ने बताया कि यह देश में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय का 14 वां परिसर होगा।  केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर बनने से न केवल संस्कृत शिक्षा के क्षेत्र में नए अवसरों का द्वार खोलेगा, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और भाषा के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस कदम से छात्रों को एक ऐसा मंच मिलेगा जहाँ वे संस्कृत के गहन अध्ययन के साथ-साथ नई खोजों और अनुसंधानों में भी भाग ले सकेंगे। यह निश्चित रूप से हरियाणा और पूरे देश के लिए एक गौरव का क्षण है।