खेलों के प्रति छात्रों की रुचि को बढ़ावा देने के लिए क्रीड़ा भारती ने पलवल में कराया खो खो प्रतियोगिता का आयोजन
Krida Bharti organised Kho Kho competition in Palwal
पलवल। दयाराम वशिष्ठ: Krida Bharti organised Kho Kho competition in Palwal: हरियाणा: क्रीड़ा भारती पलवल द्वारा हाल ही में आयोजित खो खो प्रतियोगिता ने जिले के छात्रों में खेलों के प्रति उत्साह और समर्पण को नई ऊँचाई पर पहुँचाया। इस प्रतियोगिता में पलवल जिले के विभिन्न स्कूलों से 14 टीमों के साथ 200 से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। यह आयोजन दो आयु वर्गों, अंडर 14 और अंडर 18, में विभाजित किया गया था, जिससे युवा खिलाड़ियों को अपनी क्षमताओं को प्रदर्शित करने का एक सुनहरा अवसर मिला।
प्रतियोगिता का उद्घाटन समारोह सेंट सीआर स्कूल में धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर सेंट सीआर स्कूल के चेयरमैन सतवीर पटेल, ग्रीन वैली सीनियर सेकेंडरी स्कूल के MD राजवीर जाखड, और मार्डन विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल जुगल किशोर वशिष्ठ समेत अनेक गणमान्य व्यक्तित्व मौजूद थे। उद्घाटन करते हुए सतवीर पटेल ने कहा, "शिक्षा के साथ-साथ खेलों में भी छात्रों की भागीदारी महत्वपूर्ण है। इससे न केवल उनकी शारीरिक विकास होता है, बल्कि मानसिक और सामाजिक कौशल भी विकसित होते हैं।"
प्रतियोगिता में भाग लेने वाले छात्रों ने अपनी टीमों को समर्थन देने के लिए अपने-अपने स्कूलों के साथ उत्साह और जोश के साथ उपस्थित हुए। खो खो के खेल में छात्रों ने ताजगी और प्रतिस्पर्धा की भावना के साथ खेल का आनंद लिया। ग्रीन वैली सीनियर सेकेंडरी स्कूल के MD राजवीर जाखड ने कहा, "खेल शिक्षा का अभिन्न हिस्सा है। यह छात्रों को अनुशासन, टीम वर्क और नेतृत्व कौशल सिखाता है।"
प्रतियोगिता के आयोजकों ने इसे सफल बनाने के लिए स्कूल प्रबंधन, शिक्षकों और अभिभावकों के सहयोग की सराहना की। यह कार्यक्रम न केवल खिलाड़ियों के लिए, बल्कि खेल प्रेमियों के लिए भी एक अद्भुत अनुभव था। शिक्षाविद सतीश कौशिक ने कहा, "इस तरह की प्रतियोगिताएँ छात्रों को एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का अनुभव देती हैं और उन्हें अपनी क्षमताओं को पहचानने का अवसर प्रदान करती हैं।"
खेल के क्षेत्र में इस प्रकार के आयोजनों का महत्व अति आवश्यक है और यह युवाओं को एक सकारात्मक दिशा में प्रेरित करते हैं। क्रीड़ा भारती की इस पहल ने पलवल जिले में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने का कार्य किया है, जिससे आने वाले समय में अधिक छात्र खेलों की ओर आकर्षित होंगे।
समापन में, प्रतियोगिता ने सभी प्रतिभागियों के लिए एक यादगार अनुभव छोड़ा। खिलाड़ियों ने अपनी मेहनत और परिश्रम से यह साबित कर दिया कि खेलों में न केवल शारीरिक बल, बल्कि मानसिक शक्ति की भी आवश्यकता होती है। इस प्रकार की प्रतियोगिताएँ छात्रों को न केवल खेल में, बल्कि जीवन