Hanuman ji Shri Siddhabali Dham temple where Bhandara is organized after the wish is fulfilled

हनुमान जी का श्री सिद्धबली धाम मंदिर जहां मनोकामना पूरी होने पर कराते हैं भंडारा, देखें क्या है खास

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Hanuman ji Shri Siddhabali Dham temple where Bhandara is organized after the wish is fulfilled

आप अब तक कई हनुमान मंदिरों में दर्शन के लिए गए होंगे। जहां पर दर्शन के बाद भक्त मनोकामना मांगकर वापस अपने घर लौट आते हैं। लेकिन एक मंदिर ऐसा भी है, जहां पर मुराद पूरी होने के बाद श्रद्धालु आकर भंडारा करवाते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि मंदिर में हर कोई भंडारा करवाता है। यहां भी आसानी से हो जाता है, तो ऐसा नहीं है। भंडारा कराने के लिए श्रद्धालुओं को पहले से बुकिंग करवानी होती है। जिसका स्लॉट मिलना काफी मुश्किल है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, साल 2025 तक के भंडारे की बुकिंग मंदिर में हो रखी है। भक्तों पर बजरंग बली की नेमत इस कदर बरसती है कि यहां पर भंडारा कभी भी बंद नहीं होता है। वहीं यहां पर लोगों को सालों साल खाना खिलाया जाता है। 

कोटद्वार में स्थित श्री सिद्धबली धाम मंदिर हिंदुओं की आस्था का केंद्र है। बजरंग बली के इस पौराणिक मंदिर का स्कंद पुराण में भी जिक्र है। श्री सिद्धबली बाबा के दर्शन कगे लिए सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी भक्त यहां आते हैं। भक्त मंदिर में माथा टेककर अपनी मनोकामना मांगते हैं। बाबा अपने भक्तों को कभी भी निराश नहीं करते और मनोकामना पूरी होने के बाद यहां पर लोग भंडारा करवाते हैं।

मंदिर समित की ओर से भंडारे के आयोजन के लिए बुकिंग होती है। मंदिर में खासतौर पर रविवार, मंगलवार और शनिवार को भंडारा किया जाता है। वहीं साल 2025 तक रविवार और मंगलवार के भंडारा आयोजन बुक हो चुका है। वहीं साल 2024 तक शनिवार के भंडारे एडवांस बुकिंग हो चुकी है।

सिद्धबली मंदिर में दर्शन के लिए हर दिन भक्तों की भारी भीड़ लगती है। उत्तराखंड ही नहीं कई राज्यों से भक्त देश-विदेश से आकर यहां मन्नत मांगते हैं। वहीं मेरठ, बिजनौर, दिल्ली और मुंबई के साथ अन्य कई राज्यों से भक्त धाम पहुंचते हैं। वहीं ऐसे कई एनआरआई भी हैं, जिनकी इच्छाएं पूरी होती हैं और फिर वह यहां पर भंडारे का आयोजन करवाते हैं। सिद्धबली धाम कोटद्वार नगर से करीब ढाईं किमी दूर नजीबाबाद-बुआखाल राष्ट्रीय राजमार्ग पर है।

कोटद्वार में श्री सिद्धबली मंदिर परिसर में शिवलिंग विराजमान हैं। यहां पर मंदिर परिसर में शनि देव जी का भी मंदिर है। वहीं हाल ही में मंदिर में मां जगदंबा की प्रतिमा स्थापित की गई है।
 

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