Good news for farmers in Himachal, now along with fruits, flowers will also become a source of income

हिमाचल में किसानों के लिए खुशखबरी, अब फलों के साथ फूल भी बनेंगे आय का जरिया

A team of Horticulture Department officials taking training on flower production in Sikkim.

Good news for farmers in Himachal, now along with fruits, flowers will also become a source of incom

शिमला:हिमाचल के किसानों और बागवानों के लिए फलों के साथ अब फूल भी आय का जरिया बनेंगे। विश्व बैंक पोषित बागवानी विकास परियोजना के तहत प्रदेश सरकार किसानों, बागवानों को आर्किड फूल की खेती के लिए मदद उपलब्ध करवाएगी। कम भूमि पर अधिक उत्पादन से किसानों, बागवानों की अतिरिक्त आय होगी। प्रदेश में आर्किड फूल की व्यावसायिक खेती के लिए बागवानी अधिकारियों का दल केंद्रीय अनुसंधान केंद्र आर्किड सिक्किम भेजा गया है।

12 मई तक यह दल आर्डिक की खेती और विपणन को लेकर प्रशिक्षण प्राप्त करेगा और लौटने के बाद किसानों, बागवानों को जागरूक करेगा। सिक्किम में बड़े पैमाने पर आर्किड के फूल की व्यावसायिक खेती हो रही है। सिक्किम और हिमाचल की जलवायु एक जैसी है, जिसके चलते हिमाचल में आर्किड की खेती किसानों, बागवानों के लिए लाभदायक सिद्ध हो सकती है। आर्किड फूल की स्टिक और गमले सहित पौधे की बाजार में भारी मांग है।

एक पौधा 250 से 300 रुपये में बिकता है। नेट या शेड हाउस में इसे व्यावसायिक तौर पर उगाया जा सकता है, हालांकि इसके लिए प्रशिक्षण जरूरी है। मुख्य संसदीय सचिव बागवानी के तकनीकी विशेषज्ञ डॉ. कुशाल सिंह मेहता ने बताया कि किसानों, बागवानों की आय बढ़ाने के लिए प्रदेश में सेब की सघन खेती के बाद फूलों की खेती से अतिरिक्त आय का विकल्प देने की योजना है। सिक्किम में प्रशिक्षण लेने के बाद बागवानी विभाग के अधिकारी खंड स्तर पर जागरूकता शिविरों का आयोजन कर किसानों, बागवानों को आर्किड फूल की खेती को लेकर जागरूक करेंगे।

विश्व बैंक पोषित बागवानी विकास परियोजना के तहत बागवानी अधिकारियों का दल 8 से 12 मई तक केंद्रीय अनुसंधान केंद्र आर्किड फूल सिक्किम में प्रशिक्षण ले रहा है। जिसमें नोडल अधिकारी डॉ. देश राज शर्मा, विषय विशेषज्ञ उद्यान डॉ. रंजन शर्मा, डॉ. शमशेर सिंह डेरू, डॉ. सुदर्शना नेगी, डॉ. अंजना जस्टा, डॉ. सुरिंद्र राणा, डॉ. हितेंद्र पटियाल, डॉ. राज नेगी, डॉ. कुशाल सिंह मेहता, डॉ. प्रदीप हिमराल, डॉ. अमित कुमार, डॉ. संजय कुमार, राजेश परिहार, डॉ. भूपेंद्र सिंह, डॉ. अजय रघुवंशी, डॉ. रितु शर्मा, डॉ. भीष्म सिंह, डॉ. मनमोहन मेहता तथा डॉ. राकेश कुमार शिविर में भाग ले रहे हैं।