Foundation stone of fruit processing unit :

Himachal : 1.65 करोड़ से बनने वाले फ्रूट प्रोसेसिंग यूनिट का शिलान्यास, क्षेत्र में ड्रैगन फू्रट सहित अन्य गतिविधियों को मिलेगा बढ़ावा : सुदर्शन बबलू

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Foundation stone of fruit processing unit

Foundation stone of fruit processing unit : ऊना। चिंतपूर्णी के विधायक सुदर्शन बबलू (MLA Sudarshan Bablu) ने ग्राम पंचायत बेहड़ जसवां (Gram Panchayat Behad Jaswan) में 1.65 करोड़ रूपये की लागत से विश्व बैंक द्वारा हिमाचल प्रदेश हॉर्टिकल्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के माध्यम से बनने वाली फ्रूट प्रोसेसिंग युनिट (Fruit Processing Unit) का शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि इस फ्रूट प्रोसेसिंग इकाई के स्थापित होने से मुख्यत: ड्रैगन फ्रूट्स, अश्वगंधा, एलोवेरा, अंजीर तथा स्टीविया सहित विभिन्न प्रकार के फलों की भी प्रोसेसिंग की जाएगी। उन्होंने कहा कि भविष्य मे इस क्षेत्र में  ड्रैगन फ्रूट सहित फल उत्पादन से संबंधित अन्य गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा जिससे क्षेत्रवासियों की आर्थिकी सुदृढ़ होगी। सुदर्शन बबलू ने क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं का आह्वान किया कि वे कृषि व बागवानी की आधुनिक तकनीक को अपनाते हुए इसे व्यवसाय के रूप में अपनाएं।

मनरेगा के माध्यम से भी ड्रैगन खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा 

उपायुक्त ऊना राघव शर्मा (Deputy Commissioner Una Raghav Sharma) ने बताया कि विश्व बैंक के द्वारा प्रदेश सरकार के सहायोग से बागवानी क्षेत्र में एक विकासात्मक परियोजना संचालित की जा रही है। इसी के तहत जिला में डै्रगन फू्रट प्रोसैसिंग के लिए पहला प्रोजैक्ट स्वीकृत किया गया है। उन्होंने बताया कि यह प्रोजैक्ट बेहड़ जस्वां की उद्यमी रीवा सूद द्वारा लगाया गया है, जिसका अग्रीवा नेचुरली ब्रैंड के नाम से उत्पाद का विक्रय किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिला में गत दो-तीन वर्षों से डैऊगन फ्रूट की खेती आरंभ की गई है। उन्होंने बताया कि मनरेगा के माध्यम से भी ड्रैगन खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि जिला के ज्यादा से ज्यादा किसान ड्रैगन फू्रट की खेती से जुड़ सकें। उन्होंने कहा कि ड्रैगन फ्रूट की खेती किसानों/बागवानों के लिए बेहतर योजना है। राज्य सरकार ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए बढ़ावा दे रही है क्योंकि ड्रैगन फ्रूट काफी मंहगा है। जो किसान खेती की माध्यम से अपनी आय में बढ़ौतरी करना चाहते है वे डैऊगन फू्रट की खेती की ओर अपनी रूचि बढ़ाएं। उन्होंने बताया कि जिला का तापमान इस फ्रूट की खेती करने के लिए अनुकूल है। उन्होंने बताया कि ड्रैगन की खेती (Dragon Farming) बंजर तथा असिंचित जमीन पर भी संभव है तथा इसके लिए बेसहारा व जंगली जानवरों द्वारा उजाड़े जाने का खतरा भी कम है, इसलिए ड्रैगन की खेती इस क्षेत्र में लोगों की आय का प्रमुख साधन बन सकती है।

किसानों व बागवानों को दिया जा रहा हर संभव सहयोग 

उपायुक्त ने कहा कि जिला में ड्रैगन फ्रूट्स उत्पादन (Dragon Fruits Production) को बढ़ावा देने के लिए किसानों व बागवानों को हर संभव सहयोग प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिला में किसानों व बागवानों को ड्रैगन फ्रूट के 5000 पौधे दिए जा चुके हैं तथा कई लोग अपने स्तर पर भी ड्रैगन की खेती को अपना रहे हैं। उपायुक्त ने जिला के किसानों से आग्रह किया के वे डैऊगन फू्रट की खेती रूझान पैदा करें ताकि वह इससे अच्छी कमाई करके अपनी आर्थिकी को सुदृढ़ कर सकें। 

औषधीय पौधों की नर्सरी भी की जाती है तैयार 

इस मौके पर उद्यान व्यवसाय से जुड़ी प्रमुख उद्यमी रीवा सूद ने बताया कि उनके द्वारा ड्रैगन फ्रूट सहित विभिन्न प्रकार के औषधीय पौधों की नर्सरी (Medicinal Plants Nursery) भी तैयार की जा रही है तथा इसे आस-पास के गांव में लोगों को लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है ताकि स्थापित की जाने वाली फ्रूट प्रोसेसिंग इकाई के लिए कच्चे माल की आवश्यकता को पूरा करने के साथ-साथ क्षेत्र के ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान किया जा सकें।

मौके पर ये रहे मौजूद

इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त ऊना डॉ अमित शर्मा (Deputy Commissioner Una Dr Amit Sharma,), विश्व बैंक की ओर से हिमाचल प्रदेश उद्यान विकास परियोजना के एगरी विजनैस स्पेशलिस्ट अश्विनी शर्मा व एग्रीबिजनेस मैनेजर अमित कुमार, उद्यान विभाग के विषय बाद विशेषज्ञ शिव भूषण कंवर व उद्यान विकास अधिकारी वीरेंद्र कुमार, डॉ राजीव सूद के अलावा स्थानीय पंचायत प्रधान नीलम कुमारी तथा बीडीसी सदस्य राजेंद्र पाल भी उपस्थित थे।   

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