एडीबी के साथ मिलकर पॉवर सेक्टर में नई संभावनाएं तलाशने ओर रिसर्च पर फोकस: मनोहरलाल

एडीबी के साथ मिलकर पॉवर सेक्टर में नई संभावनाएं तलाशने ओर रिसर्च पर फोकस: मनोहरलाल

Focus on Research and exploring new Possibilities

Focus on Research and exploring new Possibilities

केंद्रीय ऊर्जा, आवास और शहर विकास मंत्री मनोहरलाल की एशियाई विकास बैंक के अध्यक्ष मसातो कांडा से विशेष मीटिंग 

नई दिल्ली: Focus on Research and exploring new Possibilities: केंद्रीय ऊर्जा, आवास और शहर विकास मंत्री मनोहर लाल की शुक्रवार को श्रम शक्ति भवन में  एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के अध्यक्ष मसातो कांडा के साथ विशेष मुलाकात हुईं।  इस अवसर पर भारत में तीव्र गति से हो रहे शहरीकरण में बैंक के निरंतर सहयोग एवं निवेश पर विस्तार से चर्चा हुईं। साथ ही एडीबी के साथ मिलकर पॉवर सेक्टर में नई संभावनाओं को तलाशने ओर रिसर्च पर विशेष फोकस किया गया।  बैठक में एडीबी द्वारा भारत के विविध विकासोन्मुख क्षेत्रों में प्रदान किए गए पूर्ववर्ती योगदान की सराहना की गई । "विकसित भारत 2047" की परिकल्पना को साकार करने हेतु संभावित निवेश क्षेत्रों पर विमर्श किया गया। केंद्रीय मंत्री मनोहरलाल ने एडीबी अध्यक्ष मसातो कांडा के साथ  परिवहन प्रणाली, समावेशी आवास, शहरी स्वच्छता एवं आधारभूत संरचना, नगरीय शासन तथा सुधारों से संबंधित विभिन्न विषयों पर भी व्यापक विचार-विमर्श किया। केंद्रीय मंत्री ने बताया की भारत में गतिशीलता क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई है और मल्टी-मॉडल ट्रांजिट प्रणाली के सफल मॉडल देशभर में कार्यान्वित किए जा रहे हैं। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन, AMRUT, तथा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) जैसे प्रमुख अभियानों की उल्लेखनीय उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कहा कि एडीबी भारत के शहरी विकास कार्यक्रमों के अनुरूप निवेश करके सतत, समावेशी और सुव्यवस्थित नगरों की स्थापना हेतु सहयोग कर सकता है। श्री मसातो कांडा ने भारत में रैपिड रेल ट्रांजिट प्रणाली (आरआरटीएस) की प्रगति को अत्यंत प्रभावशाली बताया एवं कहा कि इस परियोजना ने वायु प्रदूषण, यातायात समस्याओं एवं सामाजिक चुनौतियों को दूर करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि एकीकृत योजना एवं समग्र विकास के माध्यम से निजी क्षेत्र की सहभागिता सुनिश्चित कर नवाचार की भूमि पर उल्लेखनीय परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।नगरीय चुनौती कोष (Urban Challenge Fund) की संरचना पर भी विचार किया गया, जिसमें नगर निगमों की सक्रिय सहभागिता के माध्यम से परियोजनाओं की वित्तीय संभाव्यता (बैंकबिलिटी) में वृद्धि की बात कही गई।केंद्रीय मंत्री मनोहरलाल  ने इस अवसर पर एडीबी द्वारा केंद्रीय बजट 2025–26 में उल्लिखित प्राथमिकताओं के अनुरूप ज्ञान-आधारित रूपरेखाएँ तैयार करने हेतु किए गए प्रयासों की सराहना की।उन्होंने कहा कि इस कोष का उद्देश्य 100 नगरों में जल, स्वच्छता एवं अपशिष्ट प्रबंधन सेवाओं का रूपांतरण कर उन्हें विकास केंद्र (Growth Hubs) के रूप में विकसित करना है। साथ ही उन्होंने आग्रह किया कि एडीबी इस दिशा में प्रदर्शनीय परियोजनाएँ (Lighthouse Projects) प्रारंभ करे जो भावी शहरी विकास हेतु आदर्श बन सकें। बैठक का समापन श्री श्रीनिवास कटिकिथला, सचिव, शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा धन्यवाद ज्ञापन एवं एडीबी की साझेदारी तथा प्रतिबद्धता के प्रति आभार व्यक्त किया गया।