सिटको को 35 लाख का चूना लगाने वाले ठेकेदार पर होगी एफआईआर
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सिटको को 35 लाख का चूना लगाने वाले ठेकेदार पर होगी एफआईआर

Defrauded CITCO of 35 Lakhs

Defrauded CITCO of 35 Lakhs

कारपोरेशन के सीजीएम हरजीत संधू ने सेक्टर 17 थाने के एसएचओ को लिखा पत्र
कौन कौन मुलाजिम व अधिकारी ठेकेदार के साथ शामिल, इसकी जांच जारी

चंडीगढ़,3 फरवरी (साजन शर्मा) Defrauded CITCO of 35 Lakhs: चंडीगढ़ इंडस्ट्रियल टूरिज्म कारपोरेशन(Chandigarh Industrial Tourism Corporation) को 35 लाख का चूना लगाने वाले ठेकेदार मैसर्ज ऑस्कर सिक्योरटी एंड फायर सर्विस(M/s Oscar Security And Fire Service) पर जल्द ही मुकदमा दर्ज होने जा रहा है। पुलिस स्टेशन, सेक्टर 17 को इस संदर्भ में सिटको के सीजीएम हरजीत संधू ने शुक्रवार को पत्र लिख दिया है। ठेकेदार ने फर्जी दस्तावेज सिटको के अकाउंट्स सैल में जमा कराये और असल गारंटी अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से हासिल कर ली। असल गारंटी व अंडरटेकिंग(Original Guarantee and Undertaking) के आधार पर पानीपत के बैंक में जाकर 30 लाख रुपये गारंटी राशि निकलवा ली। सूत्रों के अनुसार सिटको के साथ हुए पैसे के इस खेल में कारपोरेशन के कौन कौन मुलाजिम व अधिकारी ठेकेदार के साथ शामिल, इसकी जांच चल रही है। इन मुलाजिमों पर भी अगले कुछ दिनों में एफआईआर दर्ज हो सकती है।

एसएचओ को लिखे पत्र में कहा गया है कि ठेकेदार ऑस्कर सिक्योरटी एंड फायर सर्विस(Oscar Security & Fire Service) ने कंपीटेंट अथॉरटी के बिना अप्रूवल डॉक्यूमेंटों को फेब्रीकेट कर बैंक गारंटी एनकैश करा ली। इसके खिलाफ तत्काल प्रभाव से एफआईआर दर्ज की जाए। इस पत्र में बताया गया है कि 30 अक्टूबर 2018 को इस ठेकेदार को सिटको में बतौर सर्विस प्रोवाइडर का काम दिया गया था। कुक, वेटर सहित मैटेनेंस के काम से संबंधित सिटको के होटलों, रेस्टोरेंट, फूड इत्यादि में मैनपॉवर प्रोवाइड कराने का इसका जिम्मा था। 24 जनवरी 2019 को ठेकेदार ने 35 लाख रुपये की बैंक गारंटी जमा की। बैंकों के दस्तावेजों के मुताबिक यह बैंक गारंटी 23 जनवरी 2023 से पहले नहीं भुनाई जा सकती थी। ठेकेदार ने 13 जून 2022 को देना बैंक के ब्रांच मैनेजर को 24 जनवरी 2019 की बैंक गारंटी नंबर 1098191जीपीईआर0001  को कैंसिल करने के लिए लिखा। सिटको के कुछ मुलाजिमों व अफसरों की मिलीभगत से दस्तावेजों में हेरफेर हुआ। असल गारंटी सिटको के हाथ से निकलवा ली गई जबकि उसकी जगह फोटोस्टेट उनके पास जमा करवा दी गई। बैंक ने गारंटी कैंसिल कर दी।

क्या बचा लिये अधिकारी व कर्मचारी ! / What did the officers and employees save!

एसएचओ को जो पत्र लिखा है उसमें सिटको के अधिकारी कुछ कर्मचारियों व अधिकारियों के ठेकेदार से मिलीभगत की बात तो कर रहे हैं लेकिन एफआईआर फिलहाल ठेकेदार पर दर्ज करने के लिये कहा गया है। सिटको के ही कई मुलाजिमों के अनुसार जिस महकमे से सैलरी के रूप में मोटी रकम ये मुलाजिम लेते हैं, उससे दगाबाजी कर रहे हैं। जो महकमा इनकी रोजी रोटी चला रहा है और परिवार का पेट भर रहा है, उसी के खिलाफ बाहरी लोगों के साथ मिलकर चंद पैसे के लिए साजिश रच रहे हैं। सिटको कर्मचारियों के मुताबिक इन मुलाजिमों व अधिकारियों पर भी केस दर्ज किया जाना चाहिए, वरना सिटको को चूना लगाने की घटनाएं आगे भी होती रहेंगी। लीगल ऑफिस से जुड़े वकीलों का पूरा पैनल बदल दिया जाना चाहिए क्योंकि एकमामले में एक लीगल अफसर ने ठेकेदार के साथ अंदरखाते सांठगांठ कर सिटको को ही कोर्ट में गलत ठहरवा दिया। सिटको को इस मामले में कोर्ट के आदेश पर 2.25 करोड़ रुपये जमा करने पड़े हालांकि ठेकेदार से सिटको को 80 लाख रुपये लेने थे। कमर्शियल व अकाउंट्स के कुछ अफसर इस खेल में शामिल बताये जा रहे हैं। सिटको की एमडी पूर्वा गर्ग के अनुसार जो भी मामले में दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा। सीजीएम हरजीत संधू मामले में इंटर्नल इंक्वायरी कर रहे हैं। इस जांच में ठेकेदार से मिलीभगत करने वाल सिटको अधिकारियों या मुलाजिमों का पता चलेगा।

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