फौजा सिंह हिट एंड रन केस: फॉर्च्यूनर से टक्कर मारने वाला NRI गिरफ्तार, शहर छोड़ गांव भाग गया था अमृतपाल

फौजा सिंह हिट एंड रन केस: फॉर्च्यूनर से टक्कर मारने वाला NRI गिरफ्तार, शहर छोड़ गांव भाग गया था अमृतपाल

Fauja Singh hit and Run Case

Fauja Singh hit and Run Case

जालंधर: Fauja Singh hit and Run Case: पंजाब पुलिस ने बुधवार को जालंधर-पठानकोट राजमार्ग पर 114 वर्षीय मैराथन दिग्गज फौजा सिंह की हिट एंड रन घटना के लिए कथित रूप से जिम्मेदार व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया.

आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार आरोपी अमृतपाल सिंह ढिल्लों मूल रूप से जालंधर के करतारपुर का रहने वाला 26 वर्षीय अनिवासी भारतीय (एनआरआई) है. पंजाब पुलिस ने उसे घटना के दो दिन बाद गिरफ्तार कर लिया. ढिल्लों अपने परिवार के साथ कनाडा में रहता है. कथित तौर पर एक हफ्ते पहले ही भारत लौटा था. पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की है कि दुर्घटना के समय ढिल्लों एक टोयोटा फॉर्च्यूनर चला रहा था. गाड़ी बरामद कर ली गई है.

पुलिस के अनुसार ढिल्लों ने अपना अपराध कबूल कर लिया है. बताया कि दुर्घटना के समय वह भोगपुर से किशनगढ़ जा रहा था और वाहन में अकेला था. फौजा सिंह पंजाब में अपने पैतृक गांव के पास सड़क पार कर रहा था तभी ढिल्लों की तेज रफ्तार गाड़ी ने उसे टक्कर मार दी. उसके सिर में गंभीर चोटें आई और बाद में उनकी मौत हो गई.

मामले में सफलता तब मिली जब जांचकर्ताओं ने आस-पास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के जरिए फॉर्च्यूनर का पता लगाया. पुलिस ने ढिल्लों को उसके गांव तक ट्रैक किया जहां से उसे हिरासत में ले लिया गया. आदमपुर पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज की गई है. ढिल्लों पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. ताकत और इच्छाशक्ति के वैश्विक प्रतीक, फौजा सिंह ने 100 से अधिक उम्र की मैराथन दौड़कर लाखों लोगों को प्रेरित किया है.

उन्होंने जीवन के अंतिम वर्षों में मैराथन दौड़ना शुरू किया और बताया जाता है कि उन्होंने 100 से अधिक मैराथन दौड़ पूरी की है. 1 अप्रैल, 1911 को जालंधर के निकट ब्यास पिंड में अविभाजित पंजाब में जन्मे फौजा सिंह ने 1994 में एक निर्माण दुर्घटना में अपने पांचवें बेटे की मृत्यु के बाद अपने दुःख से उबरने के लिए दौड़ना शुरू किया था.

1990 के दशक में इंग्लैंड प्रवास के बाद 89 वर्ष की आयु में फौजा सिंह ने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लिया और जल्द ही अंतरराष्ट्रीय मैराथन में भाग लेने लगे. अपने एक बेटे के साथ इलफोर्ड में बसे फौजा सिंह जल्द ही दुनिया भर में प्रसिद्ध हो गए क्योंकि उन्होंने 90 से अधिक आयु वर्ग में कई रिकॉर्ड बनाए. मैराथन के अलावा उन्होंने मास्टर्स श्रेणी में कई लंबी दूरी की दौड़ स्पर्धाओं में भी भाग लिया. 100 वर्ष की आयु में उन्होंने एक ही दिन में आठ विश्व आयु वर्ग के रिकॉर्ड पूरे किए.