Eight days later, the three MLAs sent letters of withdrawal of support to the Governor and the Speaker

आठ दिन बाद तीनों विधायकों ने राज्यपाल व स्पीकर को भेजा समर्थन वापसी पत्र

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Eight days later, the three MLAs sent letters of withdrawal of support to the Governor and the Speak

Eight days later, the three MLAs sent letters of withdrawal of support to the Governor and the Speaker- चंडीगढ़। हरियाणा के तीन निर्दलीय विधायकों ने बुधवार को प्रदेश के राज्यपाल तथा विधानसभा स्पीकर को पत्र भेजकर भाजपा सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। इससे पहले विधायकों ने रोहतक में सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान समर्थन वापसी का पत्र जारी किया था। इस पत्र में कई तरह की खामियां होने के कारण स्वीकार नहीं किया गया था। जिसके चलते बुधवार को चरखी दादरी विधायक सोमबीर सिंह सांगवान, पुंडरी विधायक रणधीर सिंह गोलन और नीलोखेड़ी विधायक धर्मपाल गोंदर ने ईमेल के जरिये राजभवन और विधानसभा को सूचित किया है कि उन्होंने राज्य की नायब सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है।

7 मई को तीनों विधायकों ने रोहतक में प्रेस कांफ्रेंस करके भाजपा सरकार से समर्थन वापसी का ऐलान किया था। साथ ही, उन्होंने कांग्रेस के समर्थन की घोषणा भी की थी। तीन विधायकों द्वारा समर्थन वापसी के चलते नायब सरकार अल्पमत में आ गई। कांग्रेस विधायकों द्वारा राज्यपाल को लिखे पत्र में दावा किया गया कि सरकार अल्पमत में है। ऐसे में सरकार को भंग करके राष्ट्रपति शासन लगाया जाए और प्रदेश में विधानसभा के चुनाव करवाए जाएं।

दस विधायकों वाली जननायक जनता पार्टी के नेता व पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला, ऐलनाबाद से इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला व महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू भी इसी तरह का पत्र राज्यपाल को लिख चुके हैं। हालांकि राजभवन में तीन निर्दलीय विधायकों की समर्थन वापसी की लिखित में कोई सूचना नहीं थी। इसी के चलते बुधवार को तीनों विधायकों ने ईमेल के जरिये राजभवन और विधानसभा सचिवालय की अधिकारिक ईमेल पर समर्थन वापसी के पत्र भेजे हैं। तीनों ही विधायकों ने अपने खुद के ईमेल एड्रेस से मेल किया है।

7 मई को समर्थन वापसी की घोषणा के कुछ घंटे बाद तीनों विधायकों के हस्ताक्षरों वाला एक साझा पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। लेकिन एक सप्ताह बाद भी तीनों विधायकों का कांग्रेस को समर्थन देने वाला ज्वाइंट लेटर राजभवन नहीं पहुंचा था। अहम बात यह है कि इन निर्दलीय विधायकों ने पत्र भेजने के लिए जिस ई-मेल का इस्तेमाल किया था, वह भी उनकी नहीं है। इसके बाद बुधवार को नये तीनों विधायकों ने खुद के ईमेल से समर्थन वापसी का पत्र भेजा है।

स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने दो विधायकों - रणधीर सिंह गोलन व धर्मपाल सिंह गोंदर का पत्र आने की पुष्टि की है। बताते हैं कि इस पत्र पर तारीख नहीं डाली है। पत्र पर तारीख नहीं होने से विधानसभा सचिवालय भी दुविधा में है कि समर्थन वापस के पत्र को किस तिथि से माना जाए। हालांकि गोलन ने स्पष्ट तौर पर कहा कि उन्होंने अपने पत्र पर हाथ से बुधवार की तारीख यानी 15 मई लिखी है। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कानूनी रायशुमारी के बाद फैसला लिया जाएगा।

विधायकों का राज्यपाल के सामने पेश होना जरूरी

विधायक के सरकार से समर्थन वापस लेने या फिर देने के लिए नियमानुसार राज्यपाल के सामने व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होना अनिवार्य है, या फिर उस व्यक्ति की आधिकारिक ई-मेल आईडी होनी चाहिए। राजभवन में किसी भी निजी व्यक्ति या अन्य पार्टियों की आईडी से भेजे गए ऐसे लेटर पर विचार नहीं किया जाता। राजभवन इस मामले में केवल विधायकों से सीधे प्राप्त होने के बाद ही लेटर पर कार्रवाई करेगा। हरियाणा राजभवन के रिकार्ड में अभी उनका भाजपा के समर्थन वाला लेटर ही लगा हुआ है।