Earthquake Near Pithoragarh| बारिश के बीच भूकंप के झटके; उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के पास रहा केंद्र, रिक्टर स्केल पर तीव्रता जानिए

बारिश के बीच भूकंप के झटके; उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के पास रहा केंद्र, रिक्टर स्केल पर तीव्रता जानिए

Earthquake Near Pithoragarh

Earthquake Near Pithoragarh Today Latest News National Center for Seismology

Earthquake Near Pithoragarh: सोमवार सुबह जहां उत्तर भारत के कई हिस्सों में मौसम बिगड़ गया और बारिश शुरू हो गई तो वहीं इस बीच उत्तराखंड में भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से 48 किमी उत्तर पूर्व में रहा है। वहीं रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.0 मापी गई। हालांकि, इस भूकंप में किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है। लोग झटके महसूस करने के बाद घरों और दफ्तरों से बाहर जरूर निकल आए थे।

9 बजकर 11 मिनट के आसपास लगे भूकंप के झटके

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (National Center for Seismology) ने भूकंप आने के जानकारी दी। बताया गया कि, सोमवार सुबह 9 बजकर 11 मिनट के आसपास भूकंप आया है और लोगों ने इसके झटके महसूस किए। भूकंप का केंद्र उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से 48 किमी उत्तर पूर्व में रहा।

रविवार को Delhi-NCR में भूकंप के झटके लगे थे

बीते कल यानि रविवार को ही Delhi-NCR में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। शाम चार बजकर आठ मिनट के करीब भूकंप के झटके लगे। हालांकि, भूकंप की तीव्रता ज्यादा तेज नहीं थी। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (National Center for Seismology) ने बताया कि, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.1 मापी रही। जबकि भूकंप का केंद्र हरियाणा के फरीदाबाद से 9 किमी पूर्व की तरफ रहा।

इससे पहले 3 अक्टूबर को दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में भूकंप के तेज झटके लगे थे। लखनऊ, उत्तराखंड से लेकर चंडीगढ़-हरियाणा और आसपास धरती कांप गई थी। भूकंप के झटके काफी देर तक महसूस किए गए थे। इस दौरान लोग दहशत में आ गए थे और अपने घर-दफ्तर से फटाफट बाहर भागते देखे गए थे। उस दौरान भूकंप की तीव्रता 6.2 मापी गई थी, जिसका केंद्र नेपाल रहा था। बता दें कि, 3 अक्टूबर को नेपाल में दो बार भूकंप आया था। एक की तीव्रता 6.2 थी तो दूसरे की 4.6 मापी गई थी। 6.2 तीव्रता वाले भूकंप का भारत के हिस्सों में असर हुआ था।

क्यों आता है भूकंप?

बताया जाता है कि, धरती की अंदरूनी संरचना में टैक्‍टोनिक प्लेट्स (सरल भाषा में चट्टानें) मौजूद हैं। ये प्लेट्स लगातार हलचल करती रहती हैं। इस बीच जब यह इधर से उधर खिसकती हैं, टकराती हैं या टूटती हैं तो फिर तेज एनर्जी निकलती है और इससे धरती में कंपन पैदा होता है और इसे ही भूकंप कहते हैं। यानि धरती ऊपर से जितनी शांत है उतनी इसकी अंदरूनी सतह में हलचल चल रही है।

भूकंप आने पर क्या करें?

भूकंप आने के दौरान अगर आप घर या फ्लैट में हैं तो कोशिश करें कि खुली जगह पर आ जाएं। खासकर फ्लैट में मौजूद लोग जल्द से जल्द बाहर जरूर निकलें। क्योंकि फ्लैट की इमारतें काफी ऊंची होती हैं। ऐसे में इनके गिरने का खतरा ज्यादा रहता है। वहीं भूकंप के चलते यदि आप बाहर खुली जगह पर आते हैं तो यहां भी आप यह सुनिक्षित करें कि आप किसी बिल्डिंग, पेड़ और बिजली के तारों या खम्भों के नजदीक तो नहीं है। इनसे दूरी बनाकर रखें। आप बिलकुल खाली जमीन को तलाश कर वहां पहुंच जाएं।