Proper Disposal of Solid Waste and Residue: अमन अरोड़ा द्वारा ठोस कूड़े और अवशेष के उचित हल के लिए विस्तृत चर्चा

Proper Disposal of Solid Waste and Residue: अमन अरोड़ा द्वारा ठोस कूड़े और अवशेष के उचित हल के लिए विस्तृत चर्चा

Proper Disposal of Solid Waste and Residue

Proper Disposal of Solid Waste and Residue: अमन अरोड़ा द्वारा ठोस कूड़े और अवशेष के उचित हल के लिए व

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्री ने म्युंनिसिपल ठोस कूड़े और अवशेष से वातावरण समर्थकी ऊर्जा और बायो-फ्यूल पैदा करने पर दिया ज़ोर

चंडीगढ़, 25 सितम्बर: Proper Disposal of Solid Waste and Residue: म्युंनिसिपल ठोस कूड़े और अवशेष (एम.एस.डब्ल्यू.) के स्थायी और उचित हल तलाशने के लिए पंजाब के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्री श्री अमन अरोड़ा ने ठोस कूड़े से वातावरण-समर्थकी ऊर्जा और बायो-फ्यूल पैदा करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। उनकी तरफ से एक बायो-फ्यूल कंपनी के प्रतिनिधियों और विभाग के सीनियर अधिकारियों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श किया गया।
 
यहां मीटिंग की अध्यक्षता करते हुये कैबिनेट मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ग़ैर-रिवायती और कुदरती ऊर्जा स्रोतों को उत्साहित करने के लिए वचनबद्ध है जिससे प्रदूषण की समस्या से निजात पाकर वातावरण को बचाया जा सके।
ठोस अवशेष से बायो-फ्यूल और हाईड्रोजन पैदा करने की संभावना संबंधी पेशकारी देते हुए श्री अमन अरोड़ा को बताया गया कि पंजाब के शहरी क्षेत्रों में से 2021 में तकरीबन 3800 टन प्रति दिन कूड़ा पैदा होता था। इतने बड़े स्तर पर मिश्रित (अनसैगरीगेटड) कूड़े से निपटना एक बड़ी चुनौती है, जिसके नतीजे के तौर पर खुले स्थानों ( लैंडफिलज़) पर कूड़े को बड़े स्तर पर डम्प किया जाता है।
पंजाब में निवेश करने में गहरी रूचि दिखाते हुये डा. गुरजोत सिंह, डायरैक्टर बायओशक्ती कंपनी ने कहा कि उनकी कंपनी ने एक हब एंड सपोक माडल तैयार किया है, जिसमें नज़दीकी शहरी स्थानीय इकाईयों में आटोमैटिक तरीके से अवशेष( अनसैगरीगेटड वेस्ट) को अलग किया जायेगा, जिसको आगे स्थापित प्रौद्यौगिकी के द्वारा जैविक भरभूर अंशों और ज्वलनशीन अंशों ( आर. डी. एफ.) में तबदील किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि जैविक भरभूर अंशों को बायो-सी. एन. जी. और उच्च-गुणवत्ता वाली खाद बनाने के लिए एक ड्राई ऐनायरोबिक डायजैशन प्लांट में प्रोसैस्स किया जायेगा, जबकि, आर. डी. एफ. को छोटे-छोटे भागों में तोड़ कर गांठे बना कर एक केंद्रीय रिफाइनरी में लेजाया जायेगा जहाँ इसको मीथानौल, बायोडीज़ल और उडडयन के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले ईंधन बनाने के लिए गैसीफाईड किया जायेगा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि म्युंनिसिपल ठोस कूड़े के उचित निपटारे के लिए ऐसा पहला प्लांट लुधियाना, पटियाला, एस. ए. एस. नगर और पास के यूऐलबीज़ में स्थापित किये जाने का प्रस्ताव है। कंपनी शहरी स्थानीय इकाईयों के सहयोग के साथ हब और सपोकस स्थापित करने के लिए 1500 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। यह प्लांट 500 ग्रीन जाबज़ पैदा करेगा और राज्य के इन प्रमुख शहरी केन्द्रों से 1600 टी. पी. डी. ठोस कूड़े को संभालने के योग्य होगा।
उन्होंने आगे कहा कि हाईड्रोजन लम्बी दूरी के परिवहन वाले सैक्टर को डीकार्बोनाईज़ करने में अहम भूमिका निभा सकती है, जैसे कि लम्बे रूट वाले ट्रक और बसें जिनका बिजलीकरन करना मुश्किल है, उनमें हाईड्रोजन को ईंधन के तौर पर प्रयोग किया जा सकता है।
सरकार की तरफ से हर संभव सहयोग का भरोसा देते हुये श्री अमन अरोड़ा ने पेडा के अधिकारियों को इस सम्बन्धी विस्तृत कंसैपट नोट पेश करने के लिए कहा।