Corporation is giving Rs 2.08 lakh every month to Congress leader's association

हे प्रभु ये क्या हो रहा : नगर निगम में ये कैसा खेल: नेताओं को ही बांट दी रेवडिय़ां- कांग्रेस-भाजपा को पार्क, आप को टॉयलेट

Corporation is giving Rs 2.08 lakh every month to Congress leader's association

Corporation is giving Rs 2.08 lakh every month to Congress leader's association

Corporation is giving Rs 2.08 lakh every month to Congress leader's association- चंडीगढ़ (साजन शर्मा)। केवल भाजपा के ही नहीं बल्कि कांग्रेस और आप के पार्षदों के भी दोनों हाथ घी में हैं। कांग्रेस के भी एक पार्षद ने सेक्टर 20 में अपनी एसोसिएशन के लिये कुल 74 पार्क नगर निगम से मेंटेनेंस के लिये ले रखे हैं। इस कांग्रेसी लीडर ने ये 74 पार्क अपने कंट्रोल में किये हुए हैं। राजनीतिक के नेताओं के जिम्मे पार्कों और शौचालयों की देखभाल है, लिहाजा यही इनकी दुर्दशा की बड़ी वजह भी है। 

नगर निगम इन्हें इन पार्कों की मेंटेनेंस के लिये प्रतिमाह 2.08 लाख रुपये देता है। सेक्टर 22 में ही आप के एक नेता के ससुर की एसोसिएशन को नगर निगम की ओर से शौचालयों की मेंटेनेंस का जिम्मा सौंपा गया है। एसोसिएशन इसके लिए हर माह 3 लाख रुपये ले रही है और इसने भी पार्कों की मेंटेनेंस के लिये अपनी इच्छा जताई है। सेकेंड इनिंग एसोसियेशन के अध्यक्ष आर.के. गर्ग का कहना है कि पार्कों और शौचालयों की दुर्दशा किसी से छिपी हुई नहीं है। किसी शौचालय में जाकर देख लो बुरे हालात हैं। पार्कों में न तो पेड़ों की पू्रनिंग होती है, न सही तरीके से घास काटा जाता है। पार्कों में सैर करने वाले लोग और शौचालय इस्तेमाल करने वाले नागरिक इसकी लगातार शिकायतें करते हैं। 

वर्ष 2013 में कांग्रेसी नेता की रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के पास 91 पार्कों की मेंटेनेंस का जिम्मा था। वर्तमान में कांग्रेसी नेता जिस वेलफेयर एसोसिएशन को हैड कर रहे हैं उसके जिम्मे 74 पार्कों की मेंटेनेंस का जिम्मा है। इस बाबत सेक्टर 20 में पार्कों की देखभाल संभाले कांग्रेस नेता का कहना है कि वह काफी समय से पार्कों की देखभाल कर रहे हैं। मेरे पास 2013 में 91 पार्कों की देखभाल का काम था। इसके बाद इनकी संख्या 45 तक जा पहुंची लेकिन अब दोबारा एसोसिएशन 74 पार्क देख रही है। उनका कहना है कि उनके राजनीतिक ओहदे को देखकर यह पार्क नहीं दिये गए बल्कि वह पार्कों की सही तरीके से देखभाल करते हैं, इसलिए उन्हें यह काम मिला। उनके अनुसार नगर निगम से इन पार्कों की मेंटेनेंस की जो राशि उन्हें मिल रही है वह काफी कम है। इतनी सी राशि में कुछ नहीं होता। माली भी आजकल अच्छे खासे पैसे लेता है। नगर निगम महज 4 रुपये 15 पैसे प्रति स्कवायर मीटर के हिसाब से देता है। यह राशि बहुत कम है।

कुछ पूर्व काउंसलर व शहर के प्रबुद्ध लोग पार्कों की मेंटेनेंस को लेकर सवाल उठा रहे हैं। सेकेंड इनिंग एसोसिएशन के आर.के. गर्ग का कहना है कि इतना मोटा फंड पार्कों की देखभाल के लिए दिया जा रहा है फिर भी पार्कों की मेंटेनेंस सही नहीं है। उनका कहना है कि पार्कों की मेंटेनेंस के फंड को चैक करना चाहिए। इनका पूरा वेरीफिकेशन होना चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके कि एक ही बॉडी कैसे इतने पार्कों की मेंटेनेंस कर रही है। कहीं नगर निगम व इन एसोसिएशनों के बीच कोई सांठगांठ तो नहीं? इनका कहना है कि ग्राउंड पर जाकर नगर निगम के अधिकारियों को चैक करना चाहिए कि पैसा दिये जाने की एवज में काम भी हो रहा है या नहीं। यह कोई पहला मामला नहीं है जहां पार्कों की मेंटेनेंस का काम राजनीतिक पार्टियों के नुमाइंदों ने हथिया रखा है। इससे पहले भाजपा के भी एक नेता का खुलासा हुआ था जिसकी एसोसिएशन के पास भी मेंटेनेंस के लिये कई पार्क दिये गए हैं। 

सेक्टर 22 में भाजपा नेता की एसोसिएशन के जिम्मे 44 पार्कों की देखभाल दी गई है। इस एसोसिएशन को सालाना 26 लाख रुपये पार्कों की मेंटेनेंस के नगर निगम की ओर से दिये जाते हैं। इन पार्कों की सही देखभाल न होने को लेकर नगर निगम के पास कई शिकायतें भी पहुंची हुई हैं। नगर निगम इसको लेकर एसोसियेशन को नोटिस भी जारी कर चुका है।

पार्कों की मेंटेनेंस का ऑडिट होना चाहिए: अनिंदिता मित्रा

चंडीगढ़ नगर निगम की कमिश्नर अनिंदिता मित्रा ने भी पार्कों की मेंटेनेंस को लेकर कहा है कि पार्कों को मेंटेनेंस के लिये जो भारी भरकम राशि नगर निगम की ओर से दी जा रही है इसका ऑडिट होना चाहिए।

पार्कों की मेंटेनेंस में हो रही हेराफेरी !

नेबरहुड पार्कों की मेंटेनेंस में जबरदस्त हेराफेरी कर रही हैं। शहर की 86 रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों को अब तक 4 रुपये 15 पैसे प्रति स्कवायर मीटर के हिसाब से 809 पार्कों के लिए मोटा पैसा नगर निगम की ओर से दिया जा चुका है लेकिन पार्कों की पहले से भी ज्यादा दुर्दशा हो गई है। मिली जानकारी के अनुसार अब तक निगम रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों को इन पार्कों की मेंटेनेंस की ऐवज में 4.5 करोड़ की भारी भरकम राशि जारी कर चुका है। निगम के सामने फिर भी नतीजा सिफर है। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि निगम के पार्षद कह रहे हैं। पार्षदों ने इस मामले में जांच की मांग की है। पार्षदों ने भी इसमें बड़े हेरफेर की आशंका जताई है। कई रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों को नगर निगम की ओर से पार्क मेंटेन करने के लिये मोटा पैसा दिया जा रहा है लेकिन इन पर आरोप लग रहे हैं कि इन पार्कों को मेंटेन ही नहीं किया जा रहा। पार्कों को मेंटेन न करने को लेकर निगम के पास भी सैकड़ों शिकायतें पहुंची हैं जिनको लेकर नोटिस भी निगम एसोसिएशनों को जारी कर चुका है। एमसी ऑफिस ने इन पार्कों की मेंटेनेंस को लेकर रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों के साथ कांट्रेक्ट किया है।