कांग्रेस पार्टी और उसके पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम "आतंकी पाकिस्तान से आये थे" इसका सबूत मांग कर पाकिस्तान को क्लीन चिट देने का कम कर रहे हैं : अमित शाह

कांग्रेस पार्टी और उसके पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम "आतंकी पाकिस्तान से आये थे" इसका सबूत मांग कर पाकिस्तान को क्लीन चिट देने का कम कर रहे हैं : अमित शाह

Clean Chit to Pakistan by Demanding Proof

Clean Chit to Pakistan by Demanding Proof

शिमला: Clean Chit to Pakistan by Demanding Proof:  भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ऑपरेशन सिंदूर पर चल रही बहस के दौरान लोक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकी ठिकानों को तबाह करने के लिए भारतीय सेना की मुक्त कंठ से सराहना करते हुए कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला। श्री शाह ने कांग्रेस सहित विपक्ष पर आरोप लगाया कि यूपीए शासन में आतंकी देश से भागते थे, लेकिन मोदी सरकार में उन आतंकियों को चुन-चुन कर मारा जा रहा है। यूपीए शासन में सरकार पाकिस्तान को आतंकी हमलों के डोसियर भेजती थी, मगर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आतंकियों के घर में घुसकर जवाब देता है।
 
शाह ने कहा कि पहलगाम में निर्दोष लोगों की हत्या पाकिस्तान द्वारा की गई और माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारतीय सेना को ऑपरेशन सिंदूर के लिए परमिशन दी और सेना ने बहादुरी के साथ पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। उन्होंने पहलगाम में निर्दोष नागरिकों की धर्म पूछ कर की गई नृशंस हत्या की भर्त्सना करते हुए पीड़ित परिजन एवं ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में पाकिस्तान द्वारा की गई गोलीबारी में हताहत हुए नागरिकों के प्रति अपनी सांत्वना व्यक्त की। श्री शाह ने कहा कि कल से पक्ष विपक्ष इस घटना पर चर्चा कर रहे हैं, और इसपर चर्चा किया जाना एवं भविष्य ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो यह सुनिश्चित किया जाना भी आवश्यक है।
 
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने भारतीय सेना द्वारा किए गए ऑपरेशन महादेव की जानकारी सदन के माध्यम से पूरे देश को देते हुए कहा कि कल तीन आतंकवादी सुरक्षाबलों के संयुक्त अभियान ऑपरेशन महादेव में मारे गए हैं। इनमें से एक सुलेमान उर्फ फैजल जट, लश्कर ए तैयबा का कमांडर था और पहलगाम हमले में लिप्त था। इसके सबूत भारतीय एजेंसियों के पास हैं। बाकी दोनों आतंकी हमजा अफगानी और जिब्रान भी ए ग्रेड आतंकी थे। जिन्होंने बैसरन घाटी में हमारे नागरिकों को मारा था, उन तीनो आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिए गए, ये तीनों आतंकी वही थे। श्री शाह ने सदन के माध्यम से इस ऑपरेशन में शामिल रहे जम्मू कश्मीर पुलिस और भारतीय सेना के जवानों को कोटि कोटि साधुवाद व्यक्त किया।
 
शाह ने बताया कि ऑपरेशन महादेव की शुरुआत 22 मई 2025 को हुई। पहलगाम आतंकी हमले की रात को ही सुरक्षा बैठक की गई थी। 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमला एक बजे हुआ और मैं शाम साढ़े पांच बजे श्रीनगर में उतर चुका था। उसी रात सुरक्षा मीटिंग की गई, सभी सुरक्षाबलों के साथ इस बैठक में ये तय किया गया कि पहलगाम आतंकी हमले के आरोपी पाकिस्तान भागने न पाएं और हमने यह सुनिश्चित किया। 23 अप्रैल को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी देश में आए और सीसीएस की बैठक हुई। 22 मई को इंटिलेजेंस ब्यूरो को दाचीगाम में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिली। मई से 22 जुलाई तक इस सूचना की पुष्टि की कोशिश की गई। सेना, सीआरपीएफ और आईबी के अधिकारी आतंकियों के सिग्नल पाने के लिए घूमते रहे। 22 जुलाई को जब आईबी ने आतंकियों के वहीं होने की पुष्टि कर दी तो चार पैरा के जवानों के नेतृत्व में आतंकियों को घेरा गया। कुल मिलाकर कल जो ऑपरेशन हुआ, उसमें निर्दोष नागरिकों को मारने वाले तीनों आतंकी मौत के घाट उतार दिए गए। सुलेमान उर्फ फैजल जट, अफगान और जिब्रान नामक आतंकियों ने ही पहलगाम आतंकी हमला किया। जिन लोगों ने इन आतंकियों को मदद की थी, उनसे भी एनआई ने पहचान कराई कि ये ही पहलगाम में हमला करने वाले आतंकी थे। साथ ही, घटनास्थल से मिले कारतूस की एसएफएल जांच कराई गई। कल के ऑपरेशन में मिले कारतूस की भी जांच की गई और राइफल्स को चंडीगढ़ भेजकर भी जांच कराई गई। इन सभी जांच में तय हो गया कि ये तीनों वही आतंकी थे।' आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आतंकियों को भी मारा और उन्हें भेजने वाले उनके आकाओं को भी मारा। एक ऐसा सबक सिखाया है कि आने वाले दिनों में कोई ऐसी हिमाकत नहीं कर पाएगा।
 
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि मुझे अपेक्षा थी कि कि जब विपक्ष आतंकियों के मारे जाने की सूचना सुनेगा तो विपक्ष में खुशी की लहर दौड़ जाएगी, लेकिन इनके चेहरे पर तो स्याह फैल गयी है। आतंकी मारे गए, इसकी भी खुशी नहीं हो रही। आतंकी मारे गए हैं तो इससे भी विपक्ष को परेशानी है, ये कैसी राजनीति है? बैलिस्टिक रिपोर्ट मेरे हाथ में है। सुरक्षा विशेषज्ञों ने खुद मुझे 28 जुलाई की शाम 6:46 बजे वीडियो कॉल के माध्यम से बताया गया कि ऑपरेशन में मारे गए आतंकी वही हैं जो पहलगाम हमले के जिम्मेदार थे। उस वक्त मेरे सामने वो बच्ची खड़ी थी जिसकी शादी को सिर्फ 6 दिन हुए थे और वह विधवा हो गई थी, वो दृश्य मैं आज तक नहीं भूल पाया हूं। यह भारतीय सेना, जम्मू कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की बहुत बड़ी कामयाबी है जिस पर देश की 140 करोड़ जनता को नाज है।