'अग्निपथ योजना' पर पंजाब के CM भगवंत मान: केंद्र सरकार पर जमकर बरसे, बोले- फैसले पर गुस्सा तो आएगा

'अग्निपथ योजना' पर पंजाब के CM भगवंत मान: केंद्र सरकार पर जमकर बरसे, बोले- फैसले पर गुस्सा तो आएगा

CM Bhagwant Mann on Agnipath Scheme Recruitments

CM Bhagwant Mann on Agnipath Scheme Recruitments

CM Bhagwant Mann on Agnipath Scheme Recruitments : सेना में भर्ती के लिए लाई गई 'अग्निपथ योजना' का देश के युवा विरोध कर रहे हैं और इनके इस विरोध प्रदर्शन में इनके साथ विपक्षी राजनीतिक पार्टियां भी आ खड़ी हुईं हैं| राजनीतिक नेता इस योजना को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावार हैं| इधर, अब पंजाब के सीएम भगवंत मान का भी बयान सामने आया है| CM भगवंत मान भी केंद्र सरकार पर जमकर बरसे हैं| सीएम मान ने इस योजना को एक तरफ सेना का अपमान तो दूजी तरफ युवाओं के साथ धोखा बताया है|

दरअसल, सीएम मान ने ट्वीट करते हुए लिखा - ''2 साल सेना में भर्ती रोकने के बाद केंद्र का नया फरमान कि 4 साल सेना में रहो.. उसके बाद पेंशन भी न मिले.. ये सेना का भी अपमान है.. देश के युवाओं के साथ भी धोखा है.. देशभर के युवाओं का गुस्सा.. बिना सोचे समझे लिए गए फैसले का नतीजा है.. फैसला तुरंत वापिस लेने की मांग करते हैं|

केजरीवाल भी कर चुके बयानबाजी....

बतादें कि, इससे पहले सीएम भगवंत मान की पार्टी के सुप्रीमो दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल भी 'अग्निपथ योजना' पर बयानबाजी कर चुके हैं| केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा था - ''सेना भर्ती में केंद्र सरकार की नई योजना का देश में हर तरफ़ विरोध हो रहा है। युवा बहुत नाराज़ हैं। उनकी माँग एकदम सही हैं। सेना हमारे देश की शान है, हमारे युवा अपना पूरा जीवन देश को देना चाहते हैं, उनके सपनों को 4 साल में बांधकर मत रखिए। केंद्र सरकार से अपील- युवाओं को 4 साल नहीं, पूरी ज़िंदगी देश सेवा करने का मौक़ा दिया जाए।''

आपको बतादें कि, सेना में भर्ती के लिए 'अग्निपथ योजना' को लेकर पूरे देश के युवाओं में विरोध की लहर इसकदर दौड़ी हुई है कि वह सड़क पर उतरकर आगजनी-तोड़फोड़ और पत्थरबाजी कर रहे हैं| युवाओं का कहना है कि सरकार 'अग्निपथ योजना' को वापिस ले| इसके तहत सेना में मिलने वाली 4 साल की नौकरी उन्हें नहीं चाहिए| दरअसल, इस योजना के तहत चार साल की नौकरी का प्रावधान है| हालांकि, चार साल की नौकरी के बाद सेनाओं में जरुरत के अनुसार 25% प्रतिभाशाली जवानों को रेगुलर भर्ती किया जाएगा| इसके साथ ही चार साल की नौकरी करने के बाद जो जवान रिटायर हो जायेंगे उनके लिए अन्य सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता का प्रावधान रखा गया है|