पुलिस ने ऑनलाइन फ्रॉड ठगी के मामले में मुख्य आरोपी समेत तीन को किया काबू

Police Arrested Three People including the Main Accused
पुलिस ने मुख्य आरोपी को राजस्थान और दो कर्मी सिरसा से काबू।
रंजीत शम्मी चंडीगढ़। Police Arrested Three People including the Main Accused: यूटी पुलिस के थाना साइबर क्राइम पुलिस ने ऑनलाइन फ्रॉड ठगी के मामले में तीन शातिर आरोपियो को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियो की पहचान 33 वर्षीय बलविंदर, 31 वर्षीय प्रदीप कुमार और 31 वर्षीय अनूप कुमार के रूप में हुई है। आरोपियों के खिलाफ थाना साइबर क्राइम पुलिस में धारा 319(2), 318(4), 336(3), 338, 340(2), 61(2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज है।
क्या था मामला।
यह मामला चंडीगढ़ निवासी शिकायतकर्ता के आधार पर दर्ज किया गया था। जिसने बताया कि उसका सेक्टर-26 स्थित बैंक में एक बचत बैंक खाता है।जो उसके पंजीकृत मोबाइल नंबर से जुड़ा है। शिकायतकर्ता बिना इंटरनेट या बैंकिंग एप्लिकेशन के एक साधारण मोबाइल फोन का उपयोग कर रहा था।21 अप्रैल 2025 को जब शिकायतकर्ता 5 हजार रुपए निकालने के लिए बैंक गया और अपने खाते में शेष राशि के बारे में पूछा तो बैंक अधिकारियों ने उसे बताया कि खाते में शेष राशि 5 हजार से कम है। बैंक अधिकारियों ने बताया कि मार्च से अप्रैल 2025 के बीच उनके खाते से यूपीआई/आईएमपीएस/आरटीजीएस के ज़रिए 25.54 लाख के कई लेन-देन हुए हैं।पीड़ित ने स्पष्ट किया कि उन्होंने कोई लेन-देन नहीं किया।क्योंकि वे स्मार्टफोन, व्हाट्सएप, इंटरनेट बैंकिंग या किसी भी ऑनलाइन बैंकिंग ऐप का इस्तेमाल नहीं करते।जिससे उनके लिए ऐसे लेन-देन करना असंभव हो जाता है। उन्होंने तुरंत बैंक में इस मुद्दे को उठाया और बैंक मैनेजर को एक लिखित शिकायत दी। बाद में उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने ऐसा कोई लेन-देन नहीं किया है।और साइबर अपराध थाना में शिकायत दर्ज कराई। जाँच के बाद अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
जांच विवरण
जांच के दौरान, पता चला कि शिकायतकर्ता का पंजीकृत मोबाइल नंबर, जो उसके पीएनबी बैंक खाते से जुड़ा था।दूरसंचार सेवा प्रदाता (टीएसपी) द्वारा पहले ही निष्क्रिय कर दिया गया था।क्योंकि वह मोबाइल नंबर उपयोग में नहीं था। बाद में वही नंबर बलविंदर नामक व्यक्ति को फिर से जारी कर दिया गया। बलविंदर को पता चला कि दिया गया नंबर पहले से ही बैंक के किसी बैंक खाते से जुड़ा हुआ था। जिसमें लगभग 26 लाख रुपये थे। फिर रकम निकालने के इरादे से, उसने उस नंबर पर इंटरनेट बैंकिंग चालू कर दी और धोखाधड़ी से शिकायतकर्ता के खाते से विभिन्न खातों में धनराशि स्थानांतरित कर दी। जाँच में धोखाधड़ी वाले स्थानान्तरण की पुष्टि हुई।
आरोपी की गिरफ्तारी और बरामदगी-
जानकारी के अनुसार 20 अगस्त को राजस्थान में छापा मारा गया और आरोपी बलविंदर उर्फ बिंदु को गिरफ्तार किया गया। उसके कब्जे से अपराध में प्रयुक्त एक मोबाइल फोन और सिम बरामद किया गया।पूछताछ के दौरान, बलविंदर ने खुलासा किया कि सिम प्राप्त करने के बाद, उसे शिकायतकर्ता के खाते से जुड़े बैंक अलर्ट प्राप्त हुए। उसने बैंक के कॉन्टेक्ट बेसिस कर्मचारी अनूप कुमार की मदद से इंटरनेट बैंकिंग चालू करने की साजिश रची और विभिन्न खातों में राशि स्थानांतरित कर दी।22 अगस्त को हरियाणा के जिला सिरसा में छापेमारी की गई। जिसके परिणामस्वरूप अनूप कुमार को गिरफ्तार किया गया।उसने खुलासा किया कि आरोपी बलविंदर ने उससे संपर्क किया और कहा कि वह बैंक की नेट बैंकिंग सक्रिय करना चाहता है। और इसके लिए उक्त बैंक के एटीएम कार्ड का विवरण आवश्यक है। अनूप कुमार ने प्रदीप कुमार जो सिरसा बैंक में क्लर्क के रूप में कार्यरत था से पीएनबी बैंक खाते का एटीएम कार्ड विवरण मांगा और नेट बैंकिंग सक्रिय करके खाते में उपलब्ध राशि स्थानांतरित कर दी। इसके अलावा आरोपी प्रदीप कुमार को सिरसा से गिरफ्तार किया गया।जिसने खुलासा किया कि उसने शिकायतकर्ता के खाते का एटीएम कार्ड विवरण अनूप कुमार के साथ साझा किया।जिसने इसे बलविंदर को दे दिया जिससे नेट बैंकिंग को धोखाधड़ी से सक्रिय किया जा सका।
वर्तमान स्थिति-
धोखाधड़ी से धन हस्तांतरित करने के लिए इस्तेमाल किए गए बैंक खातों की जाँच की जा रही है। और आगे की वसूली की प्रक्रिया जारी है। पुलिस साइबर अपराध टीम और बैंक कर्मचारियों की त्वरित और समन्वित प्रतिक्रिया के परिणामस्वरूप, आरोपियों के बैंक खातों में कुल 5,43,031/- की ग्रहणाधिकार राशि सुरक्षित कर ली गई है। पूरी वित्तीय जानकारी का पता लगाने और आपराधिक गठजोड़ की पूरी हद तक उजागर करने के लिए जाँच जारी है।