साइबर थाना पुलिस ने लाखों रुपए की ठगी करने वाले 3 शातिर आरोपियो को मुंबई से किया काबू

Cyber Police Station Arrested 3 Smart Accused
इंस्पेक्टर इरम रिजवी की टीम ने फिर बड़ी कामयाबी हासिल की।
पकड़े गए आरोपी सेकेंड हैंड वाहनों की बिक्री और खरीद से संबंधित सोशल मीडिया पर फर्जी पोस्ट कर ठगी करते थे।
रंजीत शम्मी चंडीगढ़। Cyber Police Station Arrested 3 Smart Accused: यूटी पुलिस का अहम माने जाने वाले साइबर थाना पुलिस को फिर उस वक्त एक बड़ी कामयाबी हासिल की।जब पुलिस ने सेकेंड हैंड वाहनों की बिक्री और खरीद से संबंधित सोशल मीडिया पर फर्जी पोस्ट कर लाखों रुपए की ठगी करने वाले 3 शातिर आरोपियो को मुंबई से गिरफ्तार किया है।पकड़े गए आरोपियो की पहचान मुंबई निवासी 23 वर्षीय कुरनाल उर्फ कुणाल,19वर्षीय अजय मनुबाही झामुरिया और 21 वर्षीय रोनित कमलेश जाधव के रूप में हुई है।
आरोपियो के खिलाफ 28 मार्च 2025 को धारा 319(2), 318(4), 338, 336(3), 340(2), 61(2) बीएनएस के तहत थाना साइबर में मामला दर्ज है। जानकारी के अनुसार पता चला कि थाना साइबर पुलिस को गुप्त सूचना और टेक्निकल तकनीक के जरिए पता चला कि ऑनलाइन वाहनों की बिक्री कर लाखों रुपए की ठगी करने वाले आरोपी मुंबई में सक्रिय है। मामले को गंभीरता से लेते हुए और चंडीगढ़ पुलिस के आला अधिकारियों के दिशा निर्देशों के चलते डीएसपी ए वेंकटेश की सुपरविजन में थाना साइबर प्रभारी इंस्पेक्टर इरम रिजवी की टीम ने आरोपियो को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो मामले का खुलासा हुआ। पुलिस ने तुंरत उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
क्या था मामला
जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया था कि 23 नवंबर 2024 को वे एक लिंक पर क्लिक करके "बैंक नीलामी वाहन समूह" नामक ग्रुप से जुड़े,जो उन्हें अज्ञात मोबाइल नंबर से प्राप्त हुआ था। उसके बाद ग्रुप एडमिन ने उनका मोबाइल नंबर उस ग्रुप में जोड़ दिया। कुछ दिनों के बाद शिकायतकर्ता ने ग्रुप में एक व्यक्ति से दो कारों नंबर हरियाणा और जे एंड के की खरीद के बारे में बात की।जो अलग-अलग स्थानों पर खड़ी थीं। उन्होंने अपने सूत्रों से वाहनों के बारे में भी जांच की और पाया कि उक्त वाहन हरिद्वार (यूके) और जम्मू में कंपनी के यार्ड में पार्क किए गए हैं। पीड़ित को झांसे में ले लिया।इसके बाद उन्होंने विभिन्न बैंक खातों में 14,13,890/- रुपये का भुगतान किया। अज्ञात व्यक्ति ने शिकायतकर्ता को उसके व्हाट्सएप पर उपलब्ध कराए थे। इसके बाद शिकायतकर्ता के कर्मचारी उपरोक्त कारों की डिलीवरी लेने के लिए इन साइटों पर गए। लेकिन इस स्तर पर उन्हें अपने कर्मचारियों के माध्यम से पता चला कि इन कारों को उन्हें बेचे जाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इसके बाद उन्होंने अपने मोबाइल नंबरों पर ग्रुप एडमिन को कई बार कॉल किया।लेकिन अंत में उन्होंने अपने मोबाइल फोन बंद कर दिए। इस प्रकार शिकायतकर्ता ने वाहनों की ऑनलाइन बिक्री के बहाने 14,13,890/- रुपये ठग ली।
गिरफ्तारी और जांच:-
थाना साइबर पुलिस ने मामला दर्ज होने के बाद,अग्रीपाड़ा, मुंबई में छापेमारी की गई।और शांति निकेतन, सत्रास्ता, मुंबई के पास से एक आरोपी कुरनाल उर्फ कुणाल को गिरफ्तार किया गया।जिसमें धोखाधड़ी की रकम प्राप्त हुई थी। आरोपी कुरनाल उर्फ कुणाल ने खुलासा किया कि उसने अजय नामक व्यक्ति के निर्देश पर उक्त बैंक खाता खोला और 5% कमीशन पर उसे केवाईसी किट सौंप दी। उसके खुलासे पर अजय मनुबाही झामुरिया मुंबई के पास से गिरफ्तार किया गया। आरोपी अजय ने खुलासा किया कि उसने केवाईसी किट को सलमान नामक व्यक्ति को 7% प्रति लेनदेन कमीशन पर सौंप दिया।इसके अलावा एक और आरोपी रोनित कमलेश जाधव को गिरफ्तार किया गया। जिसमें धोखाधड़ी की रकम प्राप्त हुई थी। आरोपी रोनित कमलेश जाधव ने खुलासा किया कि उसने तुषार नामक एक व्यक्ति के निर्देश पर उक्त बैंक खाता खोला और 5% कमीशन पर उसे केवाईसी किट सौंप दी। मामले की जांच जारी है।और आरोपी पुलिस रिमांड पर हैं।तथा उनसे अन्य आरोपियों के ठिकानों और अन्य साइबर अपराधों में उनकी संलिप्तता का पता लगाने के लिए पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने पकड़े गए आरोपियो के कब्जे से सक्रिय सिम कार्ड वाले 02 मोबाइल फोन बरामद किए।
जनता के लिए सलाह:
ऑनलाइन नौकरी या ऋण विज्ञापनों में इस्तेमाल किए गए फोन नंबर, लिंक और खाता विवरण वेरिफाई करें।
बड़े बैंक लेनदेन करने से पहले दोबारा जांच करें। ऐसी जानकारी परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों के साथ साझा करें। पुलिस कभी भी पीड़ितों को धोखाधड़ी पर चर्चा करने से हतोत्साहित नहीं करती है।
ट्राई, सीबीआई, ईडी, मुंबई पुलिस या किसी अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसी से होने का दावा करने वाले लोगों से गुमनाम कॉल/संदेशों पर ध्यान न दें।
अपने सिम कार्ड या बैंक खाते का इस्तेमाल किसी और को धोखाधड़ी के लिए न करने दें।
थाना साइबर पुलिस ने इससे पहले भी डिजिटल अरेस्ट/ठगी करने वालों का भंडाफोड़ कर चुकी है।और थाना पुलिस लोगों को साइबर क्राइम के प्रति लगातार कार्यक्रम कर जागरूक भी कर रही है। ताकि कोई भी साइबर अपराधिकयो का शिकार ना हो सके। शातिर अपराधियों को पकड़ने का अभियान लगातार जारी है।