Chandigarh Mahila Congress- चंडीगढ़ महिला कांग्रेस अध्यक्ष दीपा दुबे को हटाया गया; प्रदेश कार्यकारिणी भी भंग

चंडीगढ़ महिला कांग्रेस अध्यक्ष दीपा दुबे को हटाया गया; प्रदेश कार्यकारिणी भी भंग, पवन बंसल का टिकट कटने और लकी को लेकर विवाद

Chandigarh Mahila Congress President Deepa Dubey Removed News Update

Chandigarh Mahila Congress President Deepa Dubey Removed News Update

Chandigarh Mahila Congress: पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल को टिकट न मिलने और पार्टी प्रदेश अध्यक्ष एचएस लकी को लेकर चंडीगढ़ कांग्रेस में विवाद गहराता जा रहा है। जहां इसी बीच चंडीगढ़ महिला कांग्रेस अध्यक्ष दीपा दुबे को पद से हटा दिया गया है।

मंगलवार देर रात ऑल इंडिया महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा के कार्यालय से दीपा दुबे को चंडीगढ़ महिला कांग्रेस अध्यक्ष पद से तत्काल हटाए जाने की अधिसूचना जारी की गई है। इसके साथ ही चंडीगढ़ महिला कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी भी भंग किए जाने की जानकारी दी गई।

वहीं लोकसभा चुनाव तक दीपा दुबे की जगह चंडीगढ़ टेरिटोरियल कांग्रेस कमेटी की उपाध्यक्ष नंदिता हुड्डा को चंडीगढ़ महिला कांग्रेस में कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

Chandigarh Mahila Congress President Deepa Dubey Removed News Update

 

दरअसल, चंडीगढ़ लोकसभा सीट से पवन बंसल का टिकट कटने के बाद और पार्टी प्रदेश अध्यक्ष एचएस लकी से नाराजगी को लेकर दीपा दुबे समेत कांग्रेस के कई स्थानीय नेताओं ने बगावती तेवर अपना रखे हैं। चंडीगढ़ कांग्रेस के खेमे में अब खुलकर गुटबाजी नजर आ रही है। जहां पिछले दिनों इसी गुटबाजी के चलते ही 80 से ज्यादा स्थानीय नेताओं के इस्तीफे हो चुके हैं। चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष एच एस लकी को पद से हटाए जाने की मांग की जा रही है।

माना जा रहा है कि, कांग्रेस में बगावती तेवर दिखाने के चलते ही दीपा दुबे को पद से हटाया गया है। दीपा दुबे को नवम्बर 2019 में पार्टी ने चंडीगढ़ महिला कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया था।

मनीष तिवारी की राह आसान नहीं

कांग्रेस पार्टी ने पवन बंसल की जगह मनीष तिवारी को चंडीगढ़ लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। लेकिन चंडीगढ़ में कांग्रेस पार्टी के स्थानीय नेताओं में विरोध और नाराजगी की वजह से मनीष तिवारी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। लोकसभा चुनाव के मौजूदा वक्त में पार्टी का एकजुट न होना। इसका खामियाजा मनीष तिवारी को भुगतना पड़ सकता है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि, पार्टी ने मनीष तिवारी को उम्मीदवार तो बना दिया लेकिन अपने अंदरूनी खेमे में बागी हो रहे नेताओं को कैसे एकजुट करेगी।

बिखरी कांग्रेस पर बीजेपी की नजर

चंडीगढ़ लोकसभा सीट पर कांग्रेस के मनीष तिवारी का सामना बीजेपी के उम्मीदवार संजय टंडन से होना है। वहीं संजय टंडन को उम्मीदवार बनाए जाने से बीजेपी में कोई भी विरोध नजर नहीं आया है। अब तक बीजेपी एकजुट होकर चुनाव के लिए तैयारी में जुटी है।, ऐसे में बीजेपी की नजर बिखरी हुई कांग्रेस पर भी है। कांग्रेस के बागी नेताओं को बीजेपी अपने खेमे में ले सकती है।