Chandigarh Dogs Sterilization| चंडीगढ़ में कुत्तों की नसबंदी पर 79 लाख खर्च; एक कुत्ते का जाता था इतना रेट

चंडीगढ़ में कुत्तों की नसबंदी पर 79 लाख खर्च; एक कुत्ते का जाता था इतना रेट, पंजाब की इस एजेंसी के पास था ठेका

Chandigarh Dogs Sterilization 79 lakh Spent News Update

Chandigarh Dogs Sterilization 79 lakh Spent News Update

Chandigarh Dogs Sterilization: कभी-कभी कुछ सरकारी मामले चर्चा का विषय बन जाते हैं. चंडीगढ़ नगर निगम का भी एक मामला इस समय चर्चा में छाया हुआ है. दरअसल, मामला जुड़ा है आवारा कुत्तों की नसबंदी से. रिपोर्ट है कि चंडीगढ़ नगर निगम ने सिर्फ 16 महीनों में महज 4624 कुत्तों की नसबंदी पर करीब 79 लाख रुपये की भारी भरकम राशि खर्च कर दी। इसके बावजूद भी हालत यह है कि शहर में आवारा कुत्तों की न तो भीड़ घटी है और न ही उनका आतंक. शहर में लोग लगातार आवारा कुत्तों के काटने से परेशान हैं और इस प्रकार की घटनायें बढ़ती जा रहीं हैं.

  • बंधीकरण करने वाली एजेंसी ने प्रति कुत्ता ली 1700 रुपये की राशि

नगर निगम के रिकार्ड के मुताबिक 27 जून 2022 से लेकर 31 अक्टूबर 2023 तक गली में घूमने वाले 4624 आवारा कुत्तों का बंधीकरण (नसबंदी) किया गया। इसमें से 2,097 मेल जबकि 2527 फीमेल कुत्ते थे। पंजाब की कंपेशन फॉर एनिमल्स वेलफेयर एसोसिएशन (कावा) को बंधीकरण के काम के लिए नगर निगम ने हायर किया था। सेक्टर 38 के एबीसी सेंटर में प्रति कुत्ता 1700 रुपये के हिसाब से यह बंधीकरण किया गया। नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार शहर में आवारा कुत्तों की संख्या लगभग 9500 के करीब है। 2012 में यह संख्या 7,847 थी।

  • नवंबर 2021 से जून 2022 तक नहीं हुई कुत्तों की नसबंदी

नवंबर 2021 से लेकर जून 2022 तक नगर निगम के आंकड़ों मुताबिक किसी कुत्ते का बंधीकरण नहीं किया गया। सितंबर 2020 से नवंबर 2021 तक 6721 आवारा कुत्तों का बंधीकरण किया गया। इसमें 3599 मेल कुत्ते जबकि 3122 फीमेल कुत्ते थे। सिरसा की एक एजेंसी से यह काम करवाया गया था। इससे पहले सितंबर 2019 से लेकर सितंबर 2020 तक भी कोई बंधीकरण कुत्तों का नहीं किया गया जिसकी वजह से कुत्तों की आबादी बढ़ी। 2017 से 2019 तक 4215 स्ट्रीट डॉग की नसबंदी हुई। 2015 से 2017 तक 9114 स्ट्रीट डॉग्स का बंधीकरण हुआ।

  • हाईकोर्ट कुत्ते काटने की घटनाओं पर हुआ सख्त

पंजाब-हरियाणा की तरह ही चंडीगढ़ में भी आवारा कुत्तों की जनसंखया बढऩा और इनके काटने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। यही वजह है कि हाईकोर्ट ने बीते दिनों कुत्तों के काटने की घटनाओं को लेकर एक सख्त आदेश जारी कर मुआवजा दिये जाने का प्रावधान किया है। अगर कुत्ते काटने पर एक दांत का निशान है तो 10 हजार रुपये मुआवजा, अगर दो दांत हैं तो 20 हजार रुपये मुआवजा मिलेगा। यानि मुआवजे की राशि प्रति दांत और घाव के अनुसार तय की जाएगी। इससे भी नगर निगम पर जबरदस्त आर्थिक बोझ बढऩे की आशंका है। वजह कुत्तों का बंधीकरण कर निगम इनकी आबादी बढऩे से रोकने का प्रयास तो कर रहा है लेकिन बावजूद इसके इनकी आबादी में इजाफा हो रहा है।

  • चंडीगढ़ में दो जगह एंटी रैबिज क्लीनिक

फिलहाल चंडीगढ़ में दो एंटी रैबिज क्लीनिक हैं। एक सेक्टर 38 की सिविल डिस्पेंसरी में जबकि दूसरा सेक्टर 19 की सिविल डिस्पेंसरी में। गवर्नमेंट मल्टी स्पेशियेल्टी अस्पताल, सेक्टर 16 में भी एंटी रैबिज शॉट दिये जाते हैं। औसत तौर पर करीब 90 से 150 कुत्ते काटने के केस चंडीगढ़ में सामने आते हैं। मेयर अनूप गुप्ता का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेशों की पूर्ण रूप से पालना की जाएगी। कुत्ते काटने की घटनाओं पर अंकुश लगाने की दृष्टि से इसके बॉयलॉज को निगम की मीटिंग में दोबारा रखा जाएगा और अगर कुछ बदलाव करने होंगे तो किये जाएंगे। हम कुत्ते काटने की घटनाओं पर रोक लगाने के लिये हर संभव प्रयास कर रहे हैं।


रिपोर्ट- साजन शर्मा