सात साल से रह रहे बांग्लादेशी छात्र को एटीएस ने हिरासत में लिया, पाक कनेक्शन की भी आशंका

सात साल से रह रहे बांग्लादेशी छात्र को एटीएस ने हिरासत में लिया, पाक कनेक्शन की भी आशंका

सात साल से रह रहे बांग्लादेशी छात्र को एटीएस ने हिरासत में लिया

सात साल से रह रहे बांग्लादेशी छात्र को एटीएस ने हिरासत में लिया, पाक कनेक्शन की भी आशंका

लखनऊ। इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल-उलूम देवबंद के एक छात्र को उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (यूपी एटीएस) ने गिरफ्तार किया है। देवबंद से पकड़े गये दारुल-उलूम का छात्र तलहा तालुकदार बिन फारुख का रिश्ता प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) से है। बांग्लादेश का निवासी तलहा बीते दिनों भोपाल में पकड़े गए जेएमबी के चार सक्रिय सदस्यों के सीधे संपर्क में था।

सूत्रों का कहना है कि भोपाल में पकड़े गए आतंकियों से पूछताछ के बाद ही केंद्रीय जांच एजेंसियां तलहा के बारे में छानबीन कर रही थीं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) के अधिकारियों ने भी तलहा से लंबी पूछताछ की है। तलहा ने अपने दो और बांग्लादेशी साथियों की भी जानकारी उगली है। उनके नाम सलाद्दीन सालिम व इफ्तकार उल हक बताए हैं, जो कक्षा सात अरबी आलिम के छात्र बताए जा रहे हैं।

देवबंद से पकड़े गये दारुल-उलूम का छात्र तलहा तालुकदार बिन फारुख ने यह भी बताया है कि इफ्तार उल हक फर्जी आइडी बनाने में माहिर है। जांच एजेंसियों ने जेएमबी से जुड़े कुछ अन्य संदिग्धों की तलाश भी शुरू की है। तलहा को जल्द पुलिस रिमांड पर लिए जाने की भी तैयारी है।

आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) तलहा से पूछताछ में सामने आए तथ्यों के आधार पर देवबंद के अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ अन्य शहरों में भी अपनी छानबीन का दायरा बढ़ा रही है। यह पता लगाने का प्रयास भी किया जा रहा है कि तलहा बीते दिनों कहां-कहां गया था और वह किन लोगों के सीधे संपर्क में रहता था। उसके जेएमबी के कनेक्शन समेत अन्य बिंदुओं पर पड़ताल तेज की गई है। उसके इंटेरनेट मीडिया अकाउंट भी खंगाले जा रहे हैं।

दरअसल, देवबंद से संदिग्धों का नाता पुराना है। वर्ष 2018 में अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी (एएमयू) के पीएचडी छात्र मन्नान के हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल होने की बात सामने आने के बाद एटीएस ने अपनी छानबीन तेज की थी। तब प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में आतंकी संगठनों के स्लीपिंग माड्यूल होने के तथ्य भी सामने आए थे।

पूर्व में एटीएस ने बांग्लादेशी नागरिकों को फर्जी दस्तावेजों की मदद से पासपोर्ट उपलब्ध कराने वाले गिरोह को भी पकड़ा था, जिससे पूछताछ में भी देवबंद से लेकर अन्य जिलों में उनके स्थानीय कनेक्शन भी सामने आए थे। एटीएस ने एक बार फिर सभी बिंदुओं पर अपनी जांच तेज की है।

देवबंद में बना था फर्जी पैनकार्ड व आधारकार्ड : तलहा ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि वह बांग्लादेश से घुसपैठ कर आया था और उसने देवबंद तहसील के पास स्थित एक दुकान से वर्ष 2017 में अपना फर्जी पैनकार्ड व आधारकार्ड बनवाया था। एटीएस दुकानदार की भी तलाश कर रही है। साथ ही फर्जी दस्तावेज तैयार कराने में तलहा के मददगारों की भी छानबीन की जा रही है।

टोपी की दुकान पर आती थी हवाला की रकम : तलहा ने पूछताछ में यह भी बताया है कि अपने खर्च के लिए बांग्लादेश से हुंडी (हवाला) के जरिये रकम मंगाता था। यह रकम उसे देवबंद बाजार स्थित एक टोपी की दुकान चलाने वाले व्यक्ति के जरिये हासिल होती थी। इन तथ्यों की पड़ताल किए जाने के साथ ही कुछ बैंक खातों की भी छानबीन की जा रही है।