Baghpat Daroga Resigned| परिवार पर नौकरी कुर्बान, दरोगा को छुट्टी नहीं मिली तो दिया इस्तीफा, कहा- शादी नहीं करनी चाहिए

परिवार के लिए छुट्टी नहीं तो दरोगा ने दिया इस्तीफा; कहा- नौकरी किसके लिए कर रहा हूं... समय नहीं दे पा रहा तो बेकार

Baghpat Daroga Resigned Due To Not Get Leave

Baghpat Daroga Resigned Due To Not Get Leave

Baghpat Daroga Resigned: नौकरी को समय देने के चक्कर में कई बार इंसान अपने परिवार को समय नहीं दे पाता। लेकिन जब वह छुट्टी लेकर परिवार के साथ रहना चाहे और फिर छुट्टी न मिले तो वह अपना इस्तीफा भी पकड़ा सकता है। दरअसल, मामला उत्तर प्रदेश का है। जहां यूपी पुलिस के एक दरोगा ने इसलिए इस्तीफा दे दिया क्योंकि वह अपने परिवार के साथ समय नहीं बिता पा रहा था। दरोगा का कहना है कि, पुलिस की ड्यूटी सहज नहीं है और यहां लंबी ड्यूटी निभाने के चलते एक-एक महीने तक छुट्टी नहीं मिल पाती है। छुट्टी न मिल पाने के चलते उसे लगता है कि वह अपने परिवार से दूर हो रहा है। परिवार को साथ रखकर भी साथ रह पाने और समय देने का मौका नहीं है। बता दें कि, दरोगा का नाम विनोद कुमार शर्मा है। विनोद की तैनाती बागपत जिले में एक दरोगा के तौर पर थी। विनोद ने अपना इस्तीफा बागपत जिले के एसपी को सौंप दिया है।

दरोगा को नहीं करनी चाहिए शादी

दरोगा विनोद शर्मा का अपने अनुभव से कहना है कि, एक दरोगा को कभी शादी नहीं करनी चाहिए क्योंकि दरोगा के ऊपर इतनी जिम्मेदारियां हैं कि वह शादीशुदा ज़िंदगी और परिवार को समय नहीं दे सकता। जिस परिवार के लिए नौकरी की जाती है, दरोगा उस परिवार को ही समय नहीं दे पाता है। विनोद शर्मा ने कहा कि, छुट्टी मिलते ही परिवार से मिलने की दौड़ में अधिकतर पुलिसकर्मी सड़क हादसे का शिकार हो रहे हैं। विनोद का कहना है कि, जिस जनून और उत्साह से वह इस पद पर आये थे उनका भ्रम जल्द ही टूट गया। अधिकारियों का दबाव और दिन रात की भागदोड़, जवाबदेही और उसके बाद भी परिवार के लिए छुटटी न मिलने से उनका मनोबल टूट गया। परिवार दूर होता देख उनका धैर्य जवाब दे गया। आखिरकार उन्होंने परिवार और पुलिस के बीच परिवार को ही महत्व देना उचित समझा। इस पद की जिम्मेदारियों का निर्वाहन करते हुए वह अपने परिवार को समय नहीं दे पाए।

MNC में नौकरी छोड़कर बने थे दारोगा

विनोद कुमार शर्मा तीन साल पहले सैमसंग कंपनी में 94 हजार रुपये की सैलरी पर नौकरी कर रहे थे लेकिन उनका सपना था कि पुलिस में जाकर समाज के लिए कुछ काम किया जाए। इसके लिए उन्होने तैयारी शुरू कर दी। वहीं जब पुलिस की भर्ती आई तो उन्होने दरोगा पद के लिए आवेदन कर दिया और वह परीक्षा पास करते हुए नौकरी पा भी गए। इसके बाद विनोद कुमार शर्मा की एक साल की ट्रेनिंग हुई और फिर उन्होंने बागपत कस्बा चौकी से अपने पुलिस जीवन की शुरूआत की। दो साल से अधिक बागपत जिले की तीन चौकियों बागपत कस्बा, ललियाना, टटीरी पर चौकी प्रभारी रहे। विनोद शर्मा की गिनती तेज तर्ररार पुलिस कर्मीयों में होती है। यही कारण रहा की उनको चौकी प्रभारी पद मिला।