बैक्टीरियल इंफेक्शन से पड़ सकता है दिल का दौरा
- By Vinod --
- Thursday, 28 Aug, 2025

Bacterial infection can cause heart attack
Bacterial infection can cause heart attack- अब तक हम दिल का दौरा आने के पीछे केवल ब्लॉकेज और कोलेस्ट्रॉल को ही कारण मानते थे, लेकिन एक नए अध्ययन ने बताया है कि दिल के दौरे का कारण बैक्टीरियल इंफेक्शन भी हो सकता है।
यह अध्ययन फिनलैंड और यूके के वैज्ञानिकों ने किया और इसे अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल में प्रकाशित किया गया। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह खोज दिल की बीमारियों के इलाज, टेस्टिंग और यहां तक कि वैक्सीन बनाने के नए रास्ते खोल सकती है।
अब तक यह समझा जाता था कि कोरोनरी आर्टरी रोग की शुरुआत केवल ऑक्सीडाइज्ड एलडीएल कोलेस्ट्रॉल से होती है। शरीर इसे बाहरी चीज समझकर उस पर प्रतिक्रिया करता है और धीरे-धीरे धमनी में ब्लॉकेज बनने लगता है।
लेकिन लंबे समय से यह शक भी था कि इसमें जीवाणुओं (बैक्टीरिया) का हाथ हो सकता है, हालांकि पुख्ता सबूत नहीं थे। शोधकर्ताओं ने पाया कि धमनी में बनने वाले एथेरो स्क्लेरोटिक प्लेक (यानी कोलेस्ट्रॉल जमा होकर बनी परत) में अक्सर बैक्टीरिया की बायोफिल्म मौजूद होती है।
यह बायोफिल्म एक जिलेटिन जैसी परत है, जिसमें बैक्टीरिया छिपे रहते हैं। यहां ये बैक्टीरिया लंबे समय तक सुप्त अवस्था में रह सकते हैं। इस दौरान ये शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली और एंटीबायोटिक दवाओं से सुरक्षित रहते हैं क्योंकि दवाएं और इम्यून सेल बायोफिल्म के अंदर आसानी से नहीं पहुंच पाते।
इस अध्ययन का नेतृत्व करने वाले फिनलैंड के टैम्पीयर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पेक्का करहुनेन ने कहा, "कोरोनरी धमनी रोग में जीवाणुओं की भागीदारी का संदेह लंबे समय से रहा है, लेकिन प्रत्यक्ष और ठोस सबूतों का अभाव रहा है।"
अगर शरीर में कोई वायरल इंफेक्शन या बाहर से कुछ ट्रिगर होता है, तो ये निष्क्रिय बैक्टीरिया अचानक सक्रिय हो जाते हैं। बैक्टीरिया तेजी से फैलते हैं और सूजन पैदा करते हैं। सूजन के कारण धमनी में जमा प्लेक की परत कमजोर होकर फट जाती है।
जब यह परत टूटती है तो वहां खून का थक्का (थ्रोम्बस) बनता है, और यही थक्का दिल का दौरा ला सकता है।
यह खोज बताती है कि दिल का दौरा सिर्फ कोलेस्ट्रॉल से नहीं, बल्कि बैक्टीरिया और संक्रमण से भी जुड़ा हो सकता है। यह आने वाले समय में हार्ट अटैक रोकने के लिए नए इलाज और टीकाकरण की दिशा में बड़ी उम्मीद है। अब दिल की बीमारियों के इलाज और टेस्टिंग के नए तरीके विकसित किए जा सकते हैं।