बुखार आने पर नहीं करना चाहिए अश्वगंधा का सेवन, जानिए इसकी बड़ी वजह

बुखार आने पर नहीं करना चाहिए अश्वगंधा का सेवन, जानिए इसकी बड़ी वजह

बुखार आने पर नहीं करना चाहिए अश्वगंधा का सेवन

बुखार आने पर नहीं करना चाहिए अश्वगंधा का सेवन, जानिए इसकी बड़ी वजह

नई दिल्ली। अश्वगंधा अपने असंख्य लाभों के कारण कई बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक आयुर्वेदिक उपचार है। लोग इसे अन्य जड़ी बूटियों के साथ मिलाकर सेवन करते हैं या अपनी स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार इसका सेवन करते हैं। अश्वगंधा का सेवन टैबलेट या पाउडर के रूप में किया जा सकता है, जिसे इंडियन विंटर चेरी या इंडियन जिनसेंग भी कहा जाता है।

इस समय पूरी दुनिया में लोग संक्रामक वायरल बीमारी से जूझ रहे हैं, ऐसे में इस आयुर्वेदिक दवा का इस्तेमाल पहले से कहीं ज्यादा होता जा रहा है। इम्युनिटी बढ़ाने के लिए काढ़ा बनाने में क्या जाता है, जिससे वायरल इंफेक्शन का खतरा कम हो जाता है। हालांकि अश्वगंधा खाने के लिए सुरक्षित मानी जाती है, लेकिन कई मामलों में इससे बचना चाहिए।

जब आपको बुखार हो

आयुर्वेद चिकित्सकों के अनुसार बुखार होने पर अश्वगंधा के सेवन से बचना चाहिए। एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुणों से भरपूर, अश्वगंधा सर्दी और फ्लू जैसे संक्रमणों से बचाने में मदद कर सकता है, लेकिन अगर आपको बुखार है, तो इस दवा को लेने से बचें क्योंकि शरीर के लिए इसे पचाना मुश्किल हो सकता है। बुखार आपको कमजोर बनाता है और शरीर के अन्य अंगों के काम में भी बाधा डालता है। यदि आप बुखार के दौरान अश्वगंधा लेते हैं तो आपका पेट इसे पचा नहीं पाएगा और आपको दस्त या अन्य समस्याओं से जूझना पड़ेगा।

अश्वगंधा के नुकसान

अश्वगंधा एक शक्तिशाली औषधि है, लेकिन इसका अत्यधिक सेवन गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। अश्वगंधा का सेवन हमेशा आयुर्वेदिक चिकित्सक द्वारा बताई गई मात्रा या पैकेज पर बताई गई मात्रा में ही करना चाहिए। अधिक खाने से पेट खराब, दस्त या उल्टी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। साथ ही लंबे समय तक अश्वगंधा का सेवन करने से भी लीवर में समस्या हो सकती है।

अश्वगंधा कितनी मात्रा में सुरक्षित है?

अश्वगंधा की कोई मानक खुराक नहीं है, यह पूरी तरह से आपके स्वास्थ्य और फिटनेस के स्तर पर निर्भर करता है। लेकिन अध्ययनों के अनुसार, जड़ी बूटी की सुरक्षित खुराक 125 मिलीग्राम से 5 ग्राम तक होती है, जिसे प्रति दिन 2-4 खुराक में विभाजित किया जाता है।

अश्वगंधा खाने का सही समय क्या है?

इसकी खुराक सुबह या शाम के समय लेनी चाहिए। अगर आप इसे सुबह खाली पेट लेते हैं, तो पेट में हल्की परेशानी हो सकती है। इसलिए इसे सुबह नाश्ते के बाद या शाम को नाश्ते के बाद लें। यदि आप इसे रात में लेते हैं तो यह आपको आराम करने और अच्छी नींद लेने में मदद करेगा।

अस्वीकरण: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। यदि आपके कोई प्रश्न या चिंताएं हैं तो हमेशा अपने चिकित्सक से परामर्श करें।