अमरनाथ यात्रा रोकी गई; पहलगाम और बालटाल दोनों रास्तों पर श्रद्धालुओं की जान को खतरा, जानिए फिर कब कर सकेंगे बाबा बर्फानी के दर्शन

Amarnath Yatra 2025 Suspended From Both Pahalgam and Baltal Base Camps
Amarnath Yatra Suspend: अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra 2025) फिलहाल रोक दी गई है। आज के लिए अमरनाथ यात्रा को स्थगित कर दिया गया है। पहलगाम और बालटाल दोनों ही रास्तों से पवित्र गुफा (बाबा बर्फानी) की ओर श्रद्धालुओं को आगे नहीं जाने दिया जाएगा। पहलगाम और बालटाल के बेस शिविरों में ही श्रद्धालुओं को रोका जा रहा है।
दरअसल, लगातार भारी बारिश और इस बीच लैंड स्लाइडिंग से हालात बेहद खराब हो गए हैं। बताया जाता है कि, कल बुधवार शाम पहलगाम और बालटाल रूट पर भारी बारिश की वजह से लैंड स्लाइडिंग में कई श्रद्धालु फंस गए थे। इस बीच आपदा प्रबंधन टीमों ने फौरन एक्शन लेते हुए इस रूट से श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकालने में भूमिका निभाई थी। इस बीच कुछ श्रद्धालुओं के घायल होने की खबर भी आई थी।
यही कारण है कि भारी बारिश और लैंड स्लाइडिंग से श्रद्धालुओं की जान को खतरा देखते हुए अमरनाथ यात्रा आज स्थगित की गई है। जारी सूचना में यह कहा गया है कि, पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण, रास्तों पर तत्काल मरम्मत और रखरखाव कार्य किए जाने की आवश्यकता है। इसलिए, यह निर्णय लिया गया है कि आज दोनों बेस शिविरों से पवित्र गुफा की ओर किसी भी प्रकार की आवाजाही की अनुमति नहीं दी जाएगी।
आगे सूचना में बताया गया कि पिछली रात पंचतरणी शिविर में रुके यात्रियों को सीमा सड़क संगठन (BRO) और पर्वतीय बचाव दलों की पर्याप्त तैनाती के तहत बालटाल की ओर जाने की अनुमति दी जा रही है। वहीं कश्मीर के संभागीय आयुक्त विजय कुमार बिधूड़ी ने कहा कि, दिन के दौरान मौसम की स्थिति के आधार पर, यात्रा कल फिर से शुरू होने की पूरी संभावना है। आगे का फैसला स्थिति के अनुसार लिया जाएगा।
करीब 2.50 लाख श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके
जबसे अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra 2025) शुरू हुई है। बाबा बर्फानी के दर्शन की इच्छा लिए बड़ी संख्या में लोग यात्रा पर आ रहे हैं। अब तक करीब 2.50 लाख श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं। DIPR कश्मीर की ओर से जानकारी दी गई है कि, श्री अमरनाथजी यात्रा 2025 के दौरान अब तक 2.47 लाख से अधिक तीर्थयात्री पवित्र गुफा में दर्शन कर चुके हैं। आने वाले दिनों में यह संख्या काफी बड़ी हो सकती है।
9 जुलाई तक चलेगी अमरनाथ यात्रा
श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (Amarnath Shrine Board) के अनुसार, इस साल 3 जुलाई से शुरू हुई अमरनाथ यात्रा 9 अगस्त तक चलेगी। 9 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा (रक्षा बंधन) के दिन अमरनाथ यात्रा समाप्त कर दी जाएगी। मतलब इस साल की अमरनाथ तीर्थयात्रा की अवधि लगभग 38 दिनों की होगी। यानि इतने दिनों तक तीर्थयात्री पवित्र अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के अद्भुत दर्शन कर पाएंगे। जो श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा करेंगे उनके लिए RFID टैग अनिवार्य किया गया है।
मतलब यात्रा में जो भी शामिल होगा उसे RFID टैग लेना ही होगा। बिना RFID टैग के वह यात्रा में नहीं घुस सकता है। अमरनाथ यात्रा में शामिल होने वालों को RFID टैग एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, या अगर श्रद्धालु रोड से आ रहे हैं तो उन्हें अमरनाथजी श्राइन बोर्ड द्वारा RFID टैग वहां भी मिल जाएगा। RFID टैग की सुविधा बेहतर सुरक्षा को देखते हुए रखी गई है। इसके द्वारा हर अमरनाथ यात्री को ट्रैक किया जा सकेगा कि वह किस जगह पर मौजूद है।
अमरनाथ यात्रा के रजिस्ट्रेशन कैसे कराएं?
याद रहे कि अमरनाथ यात्रा में आप तभी शामिल हो सकते हैं जब आप इसके लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवाएंगे। बिना रजिस्ट्रेशन आप यात्रा शुरू नहीं कर सकते हैं। आप चाहें तो खुद से श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड वेबसाइट https://jksasb.nic.in/ पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं और अगर नहीं करना आता है तो किसी भी ऑनलाइन कार्य सेंटर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। अमरनाथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के लिए लंगर से लेकर रहने की व्यवस्था होगी।
बतादें कि, रजिस्ट्रेशन में श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड की तरफ से आपसे बहुत सी जरुरी जानकारी मांगी जाएगी। यात्रा के लिए श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड के अपने नियम हैं जिनपर आपको हर हाल में खरा उतरना होगा। आपसे यहां हेल्थ संबंधी जानकारी भी ली जायेगी। हमारी सलाह है कि आप रजिस्ट्रेशन करने से पहले श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड की वेबसाइट पर जाकर यात्रा संबंधी नियमों को एक बार जरूर पढ़ लें।
अमरनाथ यात्रा में सुरक्षा व्यवस्था होती है प्राथमिकता
अमरनाथ यात्रा में पहली प्राथमिकता सुरक्षा व्यवस्था होती है जो कि हर हाल में पुख्ता रखी जाती है। यात्रा के दौरान यहां भारी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाती है. सुरक्षाकर्मी एकदम चौकस रहते हैं और अपनी पैनी निगाह से पूरी घाटी पर होने वाली हर हलचल पर नजर रखते हैं। अमरनाथ यात्रा में हर हाल में यह तय किया जाता है कि घाटी में बाबा बर्फानी के दर्शन करने आने वाले भक्त सकुशल अपने घर लौट सकें। दरअसल, जम्म-कश्मीर घाटी के बीच अमरनाथ यात्रा बेहद कठिनाई भरी तो है ही साथ ही आतंकी खतरा का भी एक अलग डर रहता है।