इजराइल में बढ़ा अडानी का दबदबा, समूह ने हाइफा बंदरगाह का किया अधिग्रहण

इजराइल में बढ़ा अडानी का दबदबा, समूह ने हाइफा बंदरगाह का किया अधिग्रहण

Haifa Port Acquisition

Haifa Port Acquisition

हाइफा: Haifa Port Acquisition: इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने अडाणी समूह (Adani Group) के साथ हाइफा पोर्ट समझौते को एक ‘‘बड़ा मील का पत्थर'' करार दिया है. गौतम अडाणी (Gautam Adani) के साथ हाइफा पोर्ट डील (Haifa Port Deal) के बाद पीएम नेतन्याहू ने कहा कि इससे दोनों देशों के बीच संपर्क में कई तरह से सुधार होगा. हाइफा पोर्ट शिपिंग कंटेनर के मामले में इजराइल का दूसरा सबसे बड़ा पोत और पर्यटक क्रूज शिप के मामले में सबसे बड़ा बंदरगाह है.

इस मुलाकात के बाद गौतम अडाणी ने ट्वीट कर कहा- 'बेंजामिन नेतन्याहू से मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. अब्राहम समझौता भूमध्य सागर के लॉजिस्टिक्स के लिए गेम चेंजर साबित होगा.अडानी गैडोट (Adani Gadot) हाइफ़ा पोर्ट को सएक लैंडमार्क में बदलने के लिए तैयार है.' अडाणी समूह के प्रमुख गौतम अडाणी ने कहा कि उनका समूह पोर्ट पर रीयल एस्टेट भी विकसित करेगा, ताकि हाइफा की सूरत को बदला जा सके. 

नेतन्याहू ने अडाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अदाणी के साथ ‘पोर्ट बुक' पर हस्ताक्षर करने के बाद कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह एक बहुत बड़ा मील का पत्थर है ... 100 से अधिक साल पहले और प्रथम विश्व युद्ध के दौरान, बहादुर भारतीय सैनिकों ने हाइफा शहर को मुक्त कराने में मदद की थी. आज बहुत मजबूत भारतीय निवेशक हाइफा बंदरगाह को आजादी दिलाने में मदद कर रहे हैं.'

प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने अपने ‘‘अच्छे दोस्त'' और भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी के साथ ‘‘दोनों देशों के बीच परिवहन लाइन, हवाई मार्गों और समुद्री मार्गों समेत कई माध्यमों से संपर्क बढ़ाने के बारे में चर्चा की ... और यह आज हो रहा है.''

उन्होंने कहा कि आज जो हो रहा है, उसका ऐतिहासिक महत्व है क्योंकि ‘‘हम जो देख रहे हैं, वह शांति को बढ़ावा देता है.'' नेतन्याहू ने कहा कि यह क्षेत्र बड़ी संख्या में सामानों के लिए एक प्रवेश बिंदु और निकास बिंदु बनेगा. उन्होंने कहा, ‘‘दरअसल, सीधे बोलूं, तो यह बहुत अच्छा निवेश है.''

अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन (Adani Ports and Special Economic Zone) और इजराइल के गादोत समूह के संघ ने इजराइल में हाइफा पोर्ट के 1.18 अरब डॉलर में निजीकरण के लिए पिछले वर्ष जुलाई में बोली लगाई थी.

खरीद की प्रक्रिया इस वर्ष 11 जनवरी को पूरी की गई, जिसके बाद से बंदरगाह के अपडेशन का काम पूरे जोरशोर से चल रहा है. इस साझेदारी में भारतीय भागीदार अडाणी की हिस्सेदारी 70 प्रतिशत और स्थानीय साझेदार का हिस्सा 30 फीसदी है.

समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक, गौतम अडाणी ने कहा, "हमने तकनीकी के स्तर पर कई दर्जन रिश्तों की शुरुआत की है, जहां हम अपनी कंपनियों के समूचे अडानी पोर्टफोलियो को मिलकर सीखने का प्लेटफॉर्म बनाने की पेशकश कर चुके हैं... हम तेल अवीव में आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स (AI) लैब स्थापित करने की प्रक्रिया में हैं, जो भारत और अमेरिका में मौजूद हमारी नई AI प्रयोगशालाओं के साथ मिलकर काम करेगी..."

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