गोंडा में दूसरे का अभिलेख लगाकर हासिल की अध्यापक की नौकरी, बीएसए ने चार शिक्षकों को किया बर्खास्त

गोंडा में दूसरे का अभिलेख लगाकर हासिल की अध्यापक की नौकरी, बीएसए ने चार शिक्षकों को किया बर्खास्त

गोंडा में दूसरे का अभिलेख लगाकर हासिल की अध्यापक की नौकरी

गोंडा में दूसरे का अभिलेख लगाकर हासिल की अध्यापक की नौकरी, बीएसए ने चार शिक्षकों को किया बर्खास्त

फर्जी सर्टिफिकेट लगाकर नौकरी पाने वाले शिक्षकों पर सरकार लगाम नहीं लगा पा रही है। गोड़ा में एक और मामला पकड़ा गया है। जिसमें चार शिक्षकों ने फर्जी सर्टिफिकेट लगाकर बेसिक शिक्षा परिषद के आंखाों में धूल झोंकी है। पर जांच में यह राज फाश हो गया है। एसटीएफ की जांच के बाद बीएसए ने चार शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी है। संबंधित ब्लाक के खंड शिक्षा अधिकारी को मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है। रिकवरी की भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बेसिक शिक्षा अधिकारी अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि, संतकबीर नगर जिले के जमिरा गांव निवासी राजेश कुमार की वर्ष 2010 में परसपुर के प्राथमिक विद्यालय इकनिया माझा में हुई थी। वर्ष 2014 में प्रधानाध्यापक के पद पदोन्नति के बाद बेलसर के प्राइमरी स्कूल पूरे गोड़ियन में तैनाती दी गई। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने अयोध्या के मिल्कीपुर के उच्च प्राथमिक विद्यालय नरेंद्रभादा में राजेश कुमार की तैनाती होने की आख्या दी। इसके बाद संबंधित शैक्षिक अभिलेखों के साथ तलब किया गया, लेकिन वह नहीं आए।

एसटीएफ पकड़े केस

इसी तरह से आजमगढ़ जिले के ग्राम भदौरा खास निवासी विनोद कुमार सिंह को 2009 में मुजेहना के प्राइमरी स्कूल दुल्लापुर मुखिया में नियुक्ति की गई थी। वर्ष 2016 में प्रधानाध्यापक के पद पर पदोन्नति करके प्राथमिक विद्यालय राजापुर रेतवागाड़ा में तैनाती दी गई। एसटीएफ ने इसी नाम के एक अन्य व्यक्ति की मिर्जापुर जिले के उच्च प्राथमिक विद्यालय सारी पट्टी में तैनात होने की रिपोर्ट दी। प्रमाण पत्रों के साथ तलब किया गया लेकिन, वह उपस्थित नहीं हुए। मुजेहना के प्राइमरी स्कूल पूरे सिधारी में तैनात कुलदीप का शैक्षिक अभिलेख फर्जी पाया गया है।

फर्जी अभिलेख लगाकर नौकरी हथियाई

इटियाथोक के प्राथमिक विद्यालय पृथ्वीपाल ग्रंट में प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात जितेंद्र कुमार यादव ने दूसरे का अभिलेख लगाकर नौकरी हथिया ली। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कहा कि, चारों शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है। खंड शिक्षाधिकारी को रिपोर्ट कराने का निर्देश दिया गया है। बर्खास्त शिक्षक लंबे समय से नौकरी कर रहे थे। यही नहीं, पदोन्नति भी प्राप्त कर ली लेकिन, तत्कालीन बीएसए को फर्जीवाड़े की भनक नहीं लग सकी। दस से अधिक बीएसए के कार्य प्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।

तीन करोड़ की रिकवरी का नोटिस

पूर्व में बर्खास्त 56 शिक्षकों से तीन करोड़ रुपए की रिकवरी की नोटिस भेजी गई है लेकिन, इनका पता नहीं चल रहा है। अब तहसील से रिकवरी कराने का प्रबंध किया जा रहा है। पुलिस भी अधिकतर के ठिकाने को खोज नहीं पाई है।