राष्ट्रपति चुनाव: बड़ा ऐलान, आम आदमी पार्टी इस उम्मीदवार को नहीं डालेगी वोट, देखें किसे देगी समर्थन

राष्ट्रपति चुनाव: बड़ा ऐलान, आम आदमी पार्टी इस उम्मीदवार को नहीं डालेगी वोट, देखें किसे देगी समर्थन

AAP on Presidential Election 2022

AAP on Presidential Election 2022

Presidential Election: 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान किया जाएगा| राष्ट्रपति के लिए पक्ष-विपक्ष से दो उम्मीदवार मैदान में हैं| बीजेपी पक्ष से जहां द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया गया है तो वहीं विपक्ष ने इस पद के लिए यशवंत सिन्हा को खड़ा किया है| एक तरह से लगभग पूरा विपक्ष यशवंत सिन्हा के साथ खड़ा नजर आ रहा है| और वहीं अब आम आदमी पार्टी ने भी यशवंत सिन्हा को अपना समर्थन दे दिया है|

आप सांसद संजय सिंह ने जानकारी देते हुए बताया है कि आम आदमी पार्टी विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन करेगी। पार्टी द्रौपदी मुर्मू का सम्मान करती है लेकिन वोट यशवंत सिन्हा को ही दिए जायेंगे| आपको बतादें कि, राष्ट्रपति चुनाव में कोई भी राजनीतिक दल अपने सदस्यों को वोटिंग से नहीं रोक सकता है| इस चुनाव के बाद देश को अपना 15वां राष्ट्रपति मिलेगा|

मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद...

ज्ञात रहे कि, वर्तमान में देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (76 साल) हैं| लेकिन देश के मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है| रामनाथ कोविंद ने 25 जुलाई 2017 को भारत के 14वें राष्ट्रपति का कार्यभार ग्रहण किया था|

पिछला चुनाव कब हुआ था ...

बतादें कि, राष्ट्रपति का पद एक सर्वोच्च संवैधानिक पद है। संवैधानिक प्रक्रिया के अंतर्गत हर 5 वर्षों में राष्ट्रपति का चुनाव किया जाता है। पिछला राष्ट्रपति चुनाव 17 जुलाई 2017 को हुआ था| इस तारीख में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग की गई थी और 20 जुलाई को काउंटिंग हुई थी।

चुनाव होता कैसे है?

मालूम रहे कि, भारत के राष्ट्रपति चुनाव में जनता वोट नहीं डालती है| हालांकि, जनता के द्वारा चुने गए नेता इस चुनाव में वोट डालते हैं| राष्ट्रपति के चुनाव के लिए संसद के दोनों सदनों (राज्यसभा और लोकसभा) के सदस्यों के साथ ही सभी राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य वोट करते हैं|

हालांकि राज्यसभा, लोकसभा या विधानसभाओं के मनोनीत सदस्यों को राष्ट्रपति चुनाव में वोट डालने का हक नहीं हैं| इसी तरह राज्यों की विधान परिषदों के सदस्यों को भी राष्ट्रपति चुनाव में शामिल होने का हक नहीं है| बतादें कि, राष्ट्रपति का चुनाव बैलेट पेपर से होता है|