A committee of experts will examine the existing trees and greenery in the city

Chandigarh: शहर में मौजूदा पेड़ों व हरियाली को जांचेगी विशेषज्ञों की कमेटी

A committee of experts will examine the existing trees and greenery in the city

A committee of experts will examine the existing trees and greenery in the city

A committee of experts will examine the existing trees and greenery in the city- चंडीगढ़ (साजन शर्मा)। चंडीगढ़ प्रशासन ने विशेषज्ञों की टीम गठित की है जो भविष्य में पूरे इको-सिस्टम के प्रबंधन के लिए शहर में मौजूदा पेड़ों और हरियाली की स्थिति की जांच करेगी।

शहर के शुरुआती योजनाकारों ने इकोलॉजिकल बैलेंस सिटी के विजन के दृष्टिकोण को लेकर तैयारी की थी। इसका मकसद बिल्डिंगों का स्ट्रक्चरल कंपोनेंट तैयार करने के अलावा शहर में पारिस्थितिक मूल्यों (इकोलॉजिकल वैल्यू) के साथ पेड़ों की कई प्रजातियां भी शामिल करना हो। इसी लाइन पर चलते हुए चीफ कंजर्वेटर ऑफ फोरेस्ट देबेंद्र दलाई की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है जो शहर में वृक्षारोपण की आगामी योजना का खाका तैयार करेगी।

कमेटी में एमसी के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर (हॉर्टीकल्चर), इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर (हॉर्टीकल्चर), सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ बठिंडा के पूर्व वीसी डॉ. आरके कोहली, सेक्टर 12 के कालेज ऑफ आर्किटेक्चर के पूर्व प्रिंसिपल रजनीश वत्स, पंजाब यूनिवर्सिटी के बॉटनी विभाग की डॉ. डेजी रानी व कंजर्वेटर ऑफ फोरेस्ट, यूटी को इस कमेटी में शामिल किया गया है।

ट्री-स्केप का मूल चरित्र बनाये रखना होगा

यह देखा गया है कि शहर के कई पेड़ अपनी सिल्वीकल्चरल रोटेशन अवधि से आगे बढ़ गए हैं और लोगों के जीवन और संपत्ति के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं। शहर में कुछ पेड़ भी भारी रूप से संक्रमित हैं जिनका इलाज करने या उसी प्रजाति के पेड़ों से बदलना पड़ेगा ताकि चंडीगढ़ के ट्री-स्केप का मूल चरित्र बना रहे। कुछ विदेशी पेड़ जैसे नीलगिरी (यूकेलिप्टस), अकेसिया (बबूल) औरिकुलिफॉर्मिस, प्रोसोपिस, ल्यूकेना आदि को स्वदेशी प्रजातियों से बदलने की आवश्यकता है जो पारिस्थितिक रूप से अधिक मूल्यवान और जलवायु के अनुकूल लचीले हैं।